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Lok Sabha Election: बिहार के इस गांव में 19 साल बाद होगा मतदान, जानिए क्या रही वजह

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Lok Sabha Election: रोहतास जिले के नागा टोली गांव में 19 साल बाद मतदान केंद्र बना है. मतदान के लिए लोगों को 28 किमी दूर जाना पड़ता था. 2005 के बाद यहां मतदान केंद्र नहीं बनता था. अब 19 साल बाद ग्रामीण अपने गांव में मतदान करेंगे.

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Lok Sabha Election: रोहतास. बिहार के सासाराम लोकसभा क्षेत्र में रोहतास जिले की कैमूर पर्वत शृंखला की गोद में बसी रोहतास गढ़ पंचायत में 19 वर्षों बाद लोकसभा या विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्र बना है. अंतिम बार यहां मतदान केंद्र 2005 में बना था. लगभग 800 मतदाताओं वाले इस बूथ पर 19 साल बाद मतदान होगा. पिछले 19 वर्षों तक यहां के लोगों को 28 किलोमीटर दूर रोहतास प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में बने बूथ पर जाने की मजबूरी थी. जहां एक-दो दर्जन मतदाता ही पहुंच पाते थे. इस लोकसभा चुनाव में नागा टोली के आदिवासी आवासीय मध्य विद्यालय भवन में मतदान केंद्र बनाने का निर्णय जिला प्रशासन ने किया है.

शाम चार बजे तक होगा मतदान

गांव में अभी तो चारों ओर चुनाव की चर्चा है, एक जून को सुबह सात बजे से अपराह्न चार बजे तक मतदान होगा. गांव में बूथ होने के कारण इस बार जमकर मतदान होने की उम्मीद है. 2005 के पहले तक पहाड़ी क्षेत्र में नक्सली प्रभाव के कारण सभी चुनाव नीचे मैदानी क्षेत्र में कराए जाते थे. अब भटके हुए लोग मुख्य धारा में आ गए हैं, चिंता की कोई बात नहीं है. उरांव जनजाति बहुल इस गांव में कुल 203 घर हैं. इनमें उरांव 166, यादव 30, भुइयां पांच व पासवानों के तीन परिवार रहते हैं. इनके जीविकोपार्जन का मुख्य स्रोत पशुपालन, कृषि व जंगली औषधीय जड़ी-बूटी, आंवला, हर्र, बहेड़ा की तुड़ाई कर बिक्री है.

मैदानी क्षेत्र से संपर्क सबसे बड़ी जरूरत

सातवें चरण में एक जून को यहां मतदान होना है. इसे लेकर उत्सुकता चरम पर है. वृद्ध ग्रामीण कहते हैं कि हम लोग वोट देने को उतनी दूर नहीं जा पाते थे, इस बार मतदान कर पायेंगे. मतदान के सवाल पर कहते हैं कि क्या बताएं कि किसे वोट देना है या देना चाहिए. देश-दुनिया को जान-समझ रही युवा पीढ़ी जिसे बोलेगी, उसे दे देंगे. हम तो इतना जानते हैं कि मैदानी क्षेत्र से संपर्क का सुगम साधन यहां की सबसे बड़ी आवश्यकता है.

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रोपवे का हो रहा निर्माण

इन वृद्ध ग्रामीणों को पता है कि कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित रोहतास गढ़ किला व रोहितेश्वर धाम भ्रमण के लिए रोपवे का निर्माण हो रहा है. रोपवे प्वाइंट गांव से लगभग पांच किमी दूर है. वो कहते हैं कि पर्यटन क्षेत्र के विकास से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इससे आसपास के गांवों की आर्थिकी सुधर जाएगी. रोपवे से स्थानीय लोगों के आने जाने के लिए सेवा निशुल्क होगी या कोई न्यूनतम दर निर्धारित होगी, यह पता नहीं. ग्रामीणों को अंत्योदय योजना के तहत नि:शुल्क अनाज, वृद्धावस्था पेंशन मिल रहा है. जन धन योजना के तहत बैंक खाते भी खुल गए हैं. हालांकि कुछ लोग वंचित भी हैं.

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