16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

रमेश हत्याकांड : 23 साल बाद मिला इंसाफ, लेधू यादव को आजीवन कारावास

Advertisement

अदालत ने उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया. साथ ही अदालत ने आर्म्स एक्ट में तीन साल और पांच हजार रुपया जुर्माना लगाया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भागलपुर. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय की अदालत ने गुरुवार को रमेश साह हत्याकांड में आरोपित लेधू यादव को उम्रकैद की सजा सुनायी. अदालत ने उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया. साथ ही अदालत ने आर्म्स एक्ट में तीन साल और पांच हजार रुपया जुर्माना लगाया.

- Advertisement -

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि आरोपित के अर्थदंड की 25 हजार रुपये की राशि रमेश साह के परिवार को दी जाये. इधर, मृतक रमेश की पत्नी कंचन देवी ने इस फैसले पर संतोष व्यक्त किया.

उन्होंने कहा कि मैंने हत्यारे को सजा दिलाने के लिए लंबा संघर्ष किया. इसके लिए अपने बेटे को पढ़ा-लिखा कर वकील बनाया. बेटे ने भी अपना फर्ज अदा कर मां के आंसू पोछने में कोई कसर नहीं छोड़ा. घटना के वक्त रमेश के सभी बच्चे छोटे थे. पत्नी कंचन देवी ने खुद को संभाला और बच्चों की परवरिश में जुट गयीं.

बड़े बेटे कुंदन कुमार को पिता के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए लॉ की पढ़ाई करायी. बेटे ने भी मां के संघर्ष की लाज रखी और लॉ की पढ़ाई पूरी कर पिता के केस को देखने लगे. बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया. कई जगहों पर आवेदन दिये. वैसे तो सरकार की ओर से सीनियर वकील सत्यनारायण साह इस केस को देख रहे थे, लेकिन कुंदन ने अदालती कार्रवाई के लिए साक्ष्य के साथ ही सभी कागजी कार्रवाई के लिए एड़ी-चोटी लगा दी.

सीनियर वकील सत्यनारायण साह के साथ ही अपने एक मित्र के वकील पिता से भी उन्होंने लगातार दिशा-निर्देश प्राप्त किया, जो इस केस में काम आया. कुंदन ने बताया कि उनके पिता ने दो लोगों को आरोपित बनाया था.

एक आरोपित को साक्ष्य के अभाव में हाइकोर्ट से बेल मिल गया. मुख्य आरोपित को सजा दिलाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. इस दिन का हम 23 साल से इंतजार कर रहे थे. मालूम हो कि जिस वक्त यह घटना घटी उस वक्त अकबरनगर में थाना भी नहीं था. 1998 की इस घटना के बाद अकबरनगर में थाना स्थापित किया गया.

कैसे हुई थी घटना

अकबरनगर थाने के समीप काली मंदिर में 16 नवंबर 1998 की शाम दीप जला रहे रमेश साह को बदमाशों ने गोली मार दी थी. गोली लगने के बाद जख्मी हालत में दौड़ कर रमेश यादव अकबरनगर फाड़ी पहुंच गिर गये थे. वहां पुलिस कर्मी बैठे थे. उन्होंने जब पूछताछ की, तो घायल रमेश साह ने बयान दिया था कि वह मंदिर में दीप जला रहा था, तभी लेधू यादव व रामजी यादव ने एक-एक गोली उसे मार दी है.

अस्पताल में भर्ती करा दिजिए. पुलिस आनन-फानन में जख्मी रमेश को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल अस्पताल ले गये. डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया था. रमेश के बयान के आधार पर केस दर्ज करते हुए लेधु व रामजी को आरोपित बनाया गया. केस के ट्रायल में रामजी रिहा हो गया था. ट्रायल में लेधु यादव को दोषी करार दिया गया.

थाना प्रभारी दशरथ प्रसाद सिंह हुआ था सस्पेंड

अकबरनगर में कई वर्षों से थाना स्थापित नहीं था. अकबरनगर में पहले पुलिस दल की गस्ती आकर ड्यूटी करता था. इसके बाद वापस सुल्तानगंज चला जाता था. 1998 में जब रमेश हत्याकांड घटित हुई, तो उसके बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गयी. अकबरनगर में थाना स्थापित किया गया.

थाना खुलने के बाद अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए कई ठोस निर्णय लिये गये. इसके बाद पुलिस ने रमेश हत्याकांड की जांच की शुरुआत की. इसी क्रम में रमेश हत्याकांड के आरोपित की पहचान कर गिरफ्तारी के लिए अस्थाई रूप से थाना पुलिस रहने लगा.

तत्कालीन थाना प्रभारी दशरथ प्रसाद सिंह को इस केस का आइओ बनाया गया, लेकिन केस के निष्पादन में तत्कालीन थाना प्रभारी ने गंभीरता नहीं दिखायी. उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. चंद्र प्रकाश मिश्रा को थाना प्रभारी बनाते हुए केस की जिम्मेदारी सौंपी गयी.

Posted by Ashish Jha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें