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Purnia news : बिहार-पश्चिम बंगाल में आतंक का पर्याय था कुख्यात सुशील मोची, लोगों ने ली राहत की सांस

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Purnia news : गिरोह के बदमाशों को सरेंडर करने के लिए पुलिस बार-बार अपील की, बावजूद गिरोह के अपराधी पुलिस टीम पर गोलीबारी करते रहे.

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Purnia news : बिहार के सीमांचल और उससे सटे पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में आतंक का पर्याय बने कुख्यात सुशील मोची के मारे जाने के बाद से लोगों ने राहत की सांस ली है.

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थानेदार को मिली थी कुख्यात के आने की सूचना

एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि तीन जनवरी की रात में बायसी थानाध्यक्ष को सूचना मिली कि कुख्यात फरार एवं वांछित इनामी अपराधी सुशील मोची अपने गिरोह के बदमाशों के साथ किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बायसी थाना क्षेत्र में आनेवाला है. सूचना मिलने के बाद उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम गठित की. टीम में बायसी व डगरुआ थानाध्यक्ष के अलावा विशेष कार्यबल के साथ पूर्णिया टीम को शामिल किया गया. इसके बाद वह स्वयं भी बायसी थाने में पहुंच कर रणनीति बनाये. मुठभेड़ की सूचना मिलते ही मौके पर डीआइजी प्रमोद कुमार मंडल और एसपी कार्तिकेय शर्मा घटना स्थल पर जाकर पूरी जानकारी लिये. पूर्णिया से एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और सारे सबूत इकट्ठा किये गये.

पुलिस को देखते ही अपराधियों ने शुरू की गोलीबारी

इसी क्रम में सूचना मिली कि सुशील मोची अपने गिरोह के सदस्यों के साथ ताराबाड़ी इलाके में पहुंच चुका है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देनेवाला है. त्वरित कार्रवाई करते हुए गठित टीम कनकई नदी के किनारे पहुंची. तभी पुलिस वाहन को देखते हुए सुशील मोची व उसके गिरोह के बदमाश पुलिस टीम पर गोलीबारी करने लगे. पुलिस टीम ने गिरोह के 5-6 बदमाशों को सरेंडर करने के लिए बार-बार अपील की, बावजूद इसके गिरोह के अपराधी पुलिस टीम पर गोलीबारी करते रहे. इसके बाद पुलिस टीम ने आत्मरक्षा के लिए जवाबी फायरिंग की, जिसमें गिरोह का सरगना सुशील मोची मारा गया. उसके साथ के गिरोह के 5-6 अपराधी भाग निकले.

दोनों ओर से चलीं दो दर्जन से अधिक गोलियां

पुलिस मुठभेड़ के दौरान अपराधियों की ओर से 12 से 14 राउंड गोलियां चलीं. पुलिस की ओर से आत्मरक्षा के लिए 10 राउंड गोली चली. इसमें कुछ पुलिस बल भी जख्मी हुए, जिनका प्राथमिक उपचार कराया गया है. मुठभेड के दौरान कुछ सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है.

बायसी थाने में हुआ मामला दर्ज

एसपी ने बताया कि मृत सुशील मोची एवं उसके 5-6 फरार सहयोगियों के विरुद्ध एकमत होकर डकैती की योजना बनाने के उद्देश्य से जमा होने, अवैध आग्नेयास्त्र से पुलिस पर जानलेवा हमला कर जख्मी करने व जान जोखिम में डालने, सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करने, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में बायसी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मृत बदमाश के परिजनों को सूचना दे दी गयी है.

बम बनाने में एक्सपर्ट था सुशील मोची

पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात डकैत सुशील मोची गिरोह का नेटवर्क पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के अपराधी गिरोहों से भी जुड़ा हुआ था. वह पूर्णिया समेत सीमांचल के कटिहार,अररिया एवं किशनगंज जिले में करीब सौ से ज्यादा घटनाओं को अंजाम दे चुका था. इसके गिरोह में ज्यादातर बंगाल के अपराधी शामिल हैं. जब भी वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने जाता था, उसके साथ 15 से 20 गाड़ियां चलती थीं. सुशील मोची बम बनाने में भी एक्सपर्ट था. डकैती की घटना को अंजाम देते वक्त जरूरत पड़ने पर मौके पर ही मिनटों में बम बना लेता था. बम बनाने में इतना माहिर था कि अगर ग्रामीण पीछा करते थे तो दौड़ते-दौड़ते भी बम बनाकर ग्रामीणों पर हमला कर देता था. बताया जाता है कि सुशील मोची किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए खाली हाथ जाता था, ताकि रास्ते में कहीं पकड़ा न जाये. मगर जहां उसे डकैती की घटना को अंजाम देना होता था, वहां पहले से ही भिखारी के रूप में उसके गिरोह के लोग रहते थे, जो डकैतों के पहुंचने पर हथियार सप्लाई कर देते थे.

26 कांडों में वांछित था सुशील मोची

एसपी के अनुसार, मारा गया अपराधी सुशील मोची पूर्णिया, कटिहार एवं किशनगंज जिलों के 26 कांडों में अभियुक्त रहा था. उन्होंने बताया कि कुख्यात के विरुद्ध पूर्णिया, कटिहार एवं किशनगंज जिले में आपराधिक इतिहास पाया गया है.

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