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Purnia News : हवाई सेवा की मांग पूरी नहीं हुई, जोर पकड़ रहा एम्स का मुद्दा

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कोसी व सीमांचल में पूर्णिया चिकित्सकों का हब माना जाता है. अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया के अलावा सहरसा व नेपाल से भी लोग इलाज को यहां आते हैं. ऐसे में यहां एम्स की जरूरत है. हालांकि यहां कि पुरानी मांग हवाई सेवा भी अब तक पूरी हो सकी है.

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Purnia News : पूर्णिया. हवाई सेवा की मांग अभी अधर में ही है कि एम्स की मांग जोर पकड़ने लगी है. शहर का अमूमन हर तबका पूर्णिया में एम्स की शाखा खोले जाने की वकालत कर रहा है. कोशिश यह की जा रही है कि पूर्णिया की यह आवाज दमदार रूप से पटना से दिल्ली तक गूंज सके. इसके लिए धरना और प्रदर्शन की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है. समझा जाता है कि अब बहुत जल्द आम नागरिक इस मुद्दे को लेकर सड़क पर भी उतरेंगे. नागरिकों का मानना है कि एम्स पूर्णिया की जरूरत है और इसकी स्थापना के लिए सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए. गौरतलब है कि पूर्णिया भारत-नेपाल और बिहार-बंगाल की अलग-अलग सीमाओं से जुड़े जिलों का प्रमंडलीय मुख्यालय है. यहां कोसी प्रमंडल के जिलों से भी गंभीर रोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं. आसपास के जिले से बड़ी संख्या में लोग यहां के अस्पताल और डॉक्टर के भरोसे हैं. इस लिहाज से यहां एम्स जैसा अति आधुनिक अस्पताल खुल जाने से बड़ी संख्या में आम लोगों को भला होगा और उन्हें बेहतर इलाज मिल पायेगा. चूंकि इस इलाके में बड़ी संख्या गरीबों की आबादी है इसलिए इस तबके को इलाज में काफी फायदा होगा. अभी इस इलाके में बेहतर इलाज की व्यवस्था का सर्वथा अभाव बना हुआ है. पटना और दिल्ली जाकर इलाज कराना गरीबों के लिए संभव नहीं है.

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90 के दशक से उठ रही एम्स की मांग

पूर्णिया में 90 के दशक से एम्स जैसे सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल खोले जाने की मांग उठती रही है. उस समय तत्कालीन सांसद ने कई-कई बार संसद में इसकी मांग रखी. 1989 में केंद्रीय मंत्री स्व तस्लीमुद्दीन ने न केवल मांग उठायी थी बल्कि प्रधानमंत्री को इस बाबत स्मार पत्र भी दिया था. बाद के दिनों में भी संसद में इस मांग को मुखर रूप से उठाया गया. पर पूर्णिया की इस जरूरत को बहुत तवज्जो नहीं दिया गया. इस बीच सीमांचल संघर्ष मोर्चा ने अलग-अलग कई दफे सरकार का ध्यान एम्स निर्माण की ओर खींचा. जबकि हालिया सालों में प्रबुद्ध नागरिकों ने अलग-अलग मंच से पूर्णिया में एम्स के निर्माण की मांग उठायी. इस बीच युवाओं ने एम्स निर्माण के सवाल पर गोलबंदी का अभियान चलाया. युवाओं का कहना है कि इस मांग को लेकर वे आने वाले दिनों में धारदार आंदोलन चलाएंगे

महज मांग नहीं पूर्णिया की जरूरत है एम्स

पूर्णिया. चार जिलों के प्रमंडलीय मुख्यालय में एम्स निर्माण महज मांग नहीं बल्कि यह पूर्णिया समेत पूरे सीमांचल की जरूरत है. जिले के नागरिक इस मांग को लेकर काफी संजीदा हैं कि सियासी महकमे में पूर्णिया की इस जरूरत को कभी तवज्जो नहीं दिया गया. नागरिकों का कहना है कि करीब 11 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले लगभग डेढ़ करोड़ की आबादी को समेटे सीमांचल में बेहतर और आधुनिक चिकित्सा सुविधा के लिए एम्स जैसे सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल खुलने का मुद्दत से इंतजार है. बेहतर चिकित्सा सुविधा के अभाव में यहां के लोगों को पटना या सिलीगुड़ी जैसे दूर-दराज के इलाकों में भटकना पड़ताहै.

कहते हैं प्रबुद्ध नागरिक

पूर्णिया एवं कोसी का इलाका गरीबी एवं पिछड़ा क्षेत्र है. इन सभी तथ्यों को देखते हुए कटिहार में एम्स का निर्माण होता है तो पूरे सीमांचल के लोगों को दिल्ली या पटना जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पूर्णिया ही नहीं आसपास के कई जिले चिकित्सा क्षेत्र में पूर्णिया पर आश्रित हैं. आज की तारीख में एम्स की स्थापना पूर्णिया की सबसे बड़ी जरूरत है.
– डाॅ केके चौधरी, चिकित्सक
अगर पूर्णिया में एम्स आता है तो तो इसका फायदा आसपास के 12-15 जिलों को मिलेगा. पूर्णिया का चिकित्सा क्षेत्र में बड़ा नाम है पर इसके बावजूद आधुनिक चिकित्सा के मामले में यह पिछड़ा रह गया है. इस स्थिति में एम्स यहां आ जाए तो यह सोने पर सुहागा हो जाएगा. इसके शुरू होने से गरीब मध्यमवर्गीय लोगों को लाभ मिलने लगेगा.
– एके बोस, रिटायर्ड बैंक अधिकारी
अगर देखा जाये तो पूर्णिया में हर वर्ष दो वर्ष में एक नया अस्पताल यहां खुल रहा है.. इसका मतलब है कि यहां चिकित्सा के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं. ऐसे में यहां एम्स होना ही चाहिए. पूर्णिया को सालों पहले एम्स मिल जाना था. अब समय आ गया है कि इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाए ताकि सरकार इसके लिए जल्द ठोस निर्णय ले सके.
– उमेश मिश्र, रिटायर्ड बैंक अधिकारी
एम्स को लेकर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए. यहां एम्स आ जाएगा तो पूर्णिया के लोगों को अत्याधुनिक मशीनों से न्यूनतम दर पर इलाज मिलने लगेगा.. चिकित्सा सेवाओं में भी सुधार होगा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पूर्णिया के विकास को पंख लगेंगे. पूर्णिया को एम्स मिला तो इस इलाके के निजी अस्पतालों में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी.
– विजय मांझी, अधिवक्ता सह समाजसेवी

आंकड़ों का आईना

  • 10 हजार मरीज रोजाना पूरे सीमांचल से पूर्णिया आते हैं
  • 1000 से अधिक रोगी पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिखाने आते हैं
  • 400 के करीब मरीज प्रत्येक दिन इमरजेंसी सेवा के लिए आते हैं
  • 300 से अधिक मरीजों के परिजन अस्पताल पहुंचते हैं
  • 103 बेड मात्र मेल व फिमेल वार्ड में उपलब्ध हैं

खास बातें

  • पूर्णिया के 14 प्रखंड में स्वास्थ्य स्वास्थ्य केंद्र हैं जिसमें दो अनुमंडलीय अस्पताल हैं
  • प्रमंडलीय मुख्यालय में एक मेडिकल कालेज अस्पताल अवस्थित है
  • चार अनुमंडलों में रेफरल अस्पताल की सुविधा दी गयी है
  • किशनगंज जिले में दो रेफरल अस्पताल, तीन पीएचसी, चार सीएचसी, 46 एपीएचसी व 259 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं

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