बरामदे पर चादर टांग, कर रहे शीत से बचाव
कहीं चादर तो कहीं बेड से गद्दे तक हैं गायब
पूर्णिया. राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में दिनानुदिन बढती मरीजों की संख्या के आगे उपलब्ध व्यवस्था बौनी पड़ती जा रही है. सिर्फ पूर्णिया ही नहीं बल्कि यहां इलाज के लिए आनेवाले मरीजों में अन्य कई जिलों के लोग शामिल हैं. निश्चित ही यहां चिकित्सा सेवाओं का विस्तार हुआ है लेकिन सुविधाओं के मामले में यह अब भी अधूरा पड़ा है. ओपीडी से इतर अगर बात सिर्फ वार्ड और उसमें भर्ती मरीजों की ही की जाय तो सिर्फ महिला प्रसव वार्ड को ही अबतक नए भवन में जगह मिल पायी है शेष मामलों में सदर अस्पताल के पुराने ब्रिटिश कालीन भवन को ही उपयोग में लाया जा रहा है. उक्त ब्लाक में वार्डों के अन्दर और बाहर मिलाकर लगभग सवा सौ से डेढ़ सौ के आसपास बेड लगे हुए हैं जबकि मरीजों की संख्या बढती ही जा रही है. वार्ड से लेकर पुराने ऑपरेशन थियेटर के बरामदे तक मरीजों का इलाज चल रहा है. भर्ती मरीज दिसंबर माह की इस बढ़ती ठंढ में अस्पताल के बरामदे पर ठिठुरने को विवश हैं. दिन को तो किसी तरह वे बिता लेते हैं लेकिन शाम ढलते ही वे सभी ठंढ से ठिठुरने लगते हैं. दूसरी ओर पछुवा हवा के झोंके इनकी परेशानियों को और भी बढ़ा देते हैं. पूरे अस्पताल के चारो ओर बरामदों पर मरीजों के बेड लगे हैं. जहां उनसब का इलाज चल रहा है. मेडिसिन वार्ड तथा पुरुष सर्जिकल वार्ड के निकट बरामदे पर रहने वालों को ठंड से थोड़ी राहत तो जरुर मिलती है लेकिन महिला सर्जिकल वार्ड के बरामदे पर रह रहे मरीजों को भारी परेशानी हो रही है जिनमें ज्यादातर महिला मरीज ही शामिल हैं उनमें भी कुछ बेहद बुजुर्ग महिला हैं. उक्त स्थानों के मरीजों द्वारा अस्पताल की बेडशीट को टांगकर शीत एवं पछुवा ठंडी हवा से बचाव किया जा रहा है. साथ ही इस समय ठंड से बचने के लिए उन्हें खुद कम्बल और गर्म कपडे की व्यवस्था करनी होती है. कई बेड तो ऐसे भी हैं जिनपर गद्दे तक नहीं हैं. अस्पताल प्रबंधन की माने तो मरीजों की भीड़ एवं स्थान के अभाव के कारण यह मजबूरी बनी हुई है. वहीं नए भवन के अबतक अपूर्ण वार्डों के निर्माण और उसके हैण्डओवर कार्य को लेकर अस्पताल प्रबंधन कींकर्तव्य विमूढ़ बना हुआ है.बोले भर्ती मरीज
छठ के समय से ही पति यहां भर्ती हैं. ऑपरेशन का मामला है. वार्ड के अन्दर एक भी बेड खाली नहीं मिला. लाचारी में बरामदे पर जगह मिली. कुछ दिन पहले तक तो ठीक था लेकिन अब ठण्ड बढ़ने से परेशानी बढ़ गयी है. मालूम नहीं कबतक रहना होगा.मंजू देवी, हरदा निवासी
फोटो. 11 पूर्णिया 8लगभग एक महीने से इसी जगह भर्ती हैं हर दिन ऑपरेशन के लिए आजकल हो रहा है. बरामदे पर शाम के बाद ठण्ड बढ़ने लगती है. लोगों ने चादर का घेरा बनाया है. कई बेड पर गद्दे तक नहीं हैं किसी तरह लोग चादर बिछा कर काम चला रहे हैं.नीलम देवी, जियागाछी निवासी
फोटो. 11 पूर्णिया 9गिरने की वजह से कुल्हे में फ्रैक्चर आ गया है. डॉक्टर ने कहा है वक्त लगेगा. ऑपरेशन के लिए अभी समय नहीं बताया गया है. कई तरह की जांच और ब्लड की जरुरत बताई गयी है. बरामदे पर जगह मिली है अपने घर से सब ओढने बिछाने का इंतजाम किया है.उर्मिला देवी, खुश्कीबाग़ निवासी
फोटो. 11 पूर्णिया 10यहां भर्ती के लिए आये हुए एक सप्ताह से ऊपर हो गया है. ऑपरेशन पांच दिन पहले किया गया है. व्यवस्था कम पड़ रही है जिससे मरीजों को परेशानी है. इस स्थान पर शीत गिरने से ठंड का असर बढ़ जाता है. मन में यही है कि जल्दी ठीक हों और निकलें यहां से.ललिता देवी, मधुबनी निवासी
फोटो. 11 पूर्णिया 11 फोटो -11 पूर्णिया 12- जीएमसीएच में बरामदे पर भर्ती मरीज- Advertisement -
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है