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सर्दी में ठिठुर रही जिंदगी, सार्वजनिक स्थलों पर महसूस की जा रही अलाव की जरूरत

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महसूस की जा रही अलाव की जरूरत

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प्रशासन, सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों से पहल की हो रही अपील

पूर्णिया. सर्द बर्फीली हवाओं के साथ-साथ गलन का अहसास कराने वाली ठंड अब शामत बन गई है. एक तो हाड़ कंपाने वाली ठंड और उस पर पछुआ का जोर गरीबों के लिए किसी विपत्ति के पहाड़ सा प्रतीत हो रहा है. यही वजह है कि इस सीजन में पहली बार दो दिनों से लोगों को अलाव की जरुरत महसूस हो रही है. खास तौर पर सुबह और शाम के समय सार्वजनिक स्थलों पर ठिठुरते लोगों के लिए अलाव जरूरी हो गया है पर विडंबना है कि जिम्मेदारों की संवेदनाएं भी ठंड पड़ गई हैं. सामाजिक और स्वयंसेवी संस्थाएं भी इसके लिए अब तलक आगे नहीं आयी हैं. हालांकि नगर निगम की ओर से अलाव की व्यवस्था किये जाने का दावा किया जा रहा है. दरअसल, ठंड का प्रभाव अचानक बढ़ जाने से शहर की रफ्तार धीमी पड़ गई है. लोगों को दैनिक कार्य को करने में भी परेशानी झेलनी पड़ रही है. ठंड के तेवर चढ़ने के कारण मौसम का पारा हर दिन लुढ़क रहा है जिससे जन जीवन भी प्रभावित हो रहा है. आलम यह है कि शहर की बहुत सी दुकानें भी लेटलतीफ खुल रही हैं और शाम होते ही जल्द बंद भी हो जा रही हैं. कड़ाके की ठंड के बावजूद जिला मुख्यालय में सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था नहीं हो सकी है. फुटपाथ, बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन में अस्थायी आसरा बसाए लोगों पर यह ठंड आफत बनकर टूट रही है. इनमें कई महिलाएं एवं वृद्ध भी हैं. सड़क किनारे में बसे लोगों की बेबसी पर किसी कीनजर नहीं. सबसे ज्यादा परेशानी उन बस और रेल यात्रियों को हो रही है जो नौकरी या कामकाज के लिए रोजाना का लोकल सफर करते हैं. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चौक-चौराहों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को ठंड से ठिठुरते हुए देखा जा सकता है. ठंड से बचने के लिए लोग टायर जलाकर काम चला रहे हैं.

ठंड होने वाली है अभी और प्रचंड

मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अगले सप्ताह तक शीतलहर भी चल सकती है. पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से शीतलहर के हालात बनेंगे. वैसे , शुक्रवार 3 जनवरी से पूर्णिया के मौसम का हाल भी बदल सकता है. तेज बर्फीली पछुआ हवा का असर अभी जारी रहेगा. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक आने वाले दो से तीन दिनों के अंदर शीतलहर के आसार भी बने हुए हैं. इस दौरान न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना है. अभी लगातार सुबह के समय कोहरा दिखेगा जबकि सर्द हवाओं के कारण दिन में भी ठंड लगेगी. इस बीच दिन में कभी-कभी धूप देखने को मिलेगा जबकि ठंड में और बढ़ोतरी हो सकती है.

बाजारों के कारोबार पर ठंड का असर

कड़ाके की ठंड शुरु हो जाने का असर बाजारों के कारोबार पर भी पड़ा है. आलम यह है कि विभिन्न बाजारों में बिक्री कम हो गई है क्योंकि ग्राहकों कीआवाजाही दो दिनों से कम दिख रही है. यह अलग बात है कि गर्म कपड़े, हीटर व दवाओं की दुकानों पर लोग नजर आ रहे हैं. शहर के रेडिमेड कपड़ों का बाजार भी मंदा दिख रहा है. वैसे, कुछ ग्राहक उन्हीं दुकानों पर नजर आते हैं जहां गर्म कपड़े भी उपलब्ध हैं. कपड़ा विक्रेता सुंदरलाल बताते हैं कि कंपकंपाती ठंड में बिक्री घट गई है. भट्ठा और खुश्कीबाग सब्जी बाजार का भी अमूमन यही हाल है. खुश्कीबाग हाट में अहले सुबह सब्जी खरीदने के लिए जुटने वाली भीड़ गुरुवार को नहीं दिखी. इक्के-दुक्के लोग ही सुबह पहुंचे. इधर, ठंड के कारण गांवों से आने वाले सब्जी विक्रेताओं की संख्या कम हो गई है.

स्कूल जाना भी हो रहा मुश्किल

कोहरे की धुंध,कंपकपाती ठंड और नन्ही सी जान. शरीर पर पतला हाफ पैंट,पतली शर्ट और स्कूल ड्रेस का पतला सा स्वेटर. अहले सुबह तैयार होकर स्कूल जाना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है. मोटा जैकेट और कंबल ओढ़े बच्चों को बस या स्कूल तक पहुंचाने वाले अभिभावक भी उन्हें ठिठुरते हुए देखते हैं पर क्या करें, स्कूल का यही टाईम है जिसे वे बदल नहीं सकते. दरअसल, स्कूल का समय सुबह आठ बजे से शुरू हो जाता है पर इस समय कभी घना कोहरा तो कभी उसकी धुंध भी रहती है जबकि ठंड का असर तो रहता ही है. इस स्थिति में भी बच्चे स्कूल जा रहे हैं.

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——————फोटो-2 पूर्णिया 8- कड़क ठंड में स्कूल जाते बच्चे

9- सुबह में आसमान में छाया कुहरा

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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