15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 03:58 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

26 को जयंती योग में मनेगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव

Advertisement

26 को जयंती योग

Audio Book

ऑडियो सुनें

पूर्णिया. इस साल आगामी 26 अगस्त सोमवार कोअष्टमी तिथि दिन में 8.27 मिनट से आरम्भ हो जाएगी जबकि रोहिणी नक्षत्र रात्रि 9.17 मिनट से शुरू हो जायेगा. इस लिहाज से मठ , मंदिर व सभी जगहों पर 26 अगस्त सोमवार को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव जयंती योग में मनाया जाएगा. चन्द्रोदय सोमवार की रात्रि 11.5 मिनट पर होगा. शहर के रामबाग के पंडित सूरज भारद्वाज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वैष्णव सम्प्रदाय के लोग 27 अगस्त मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे. पंडित भारद्वाज ने बताया कि श्रीमदभागवत को प्रमाण मानकर स्मार्त संप्रदाय के मानने वाले चंद्रोदय व्यापनी अष्टमी अर्थात रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी मनाते हैं तथा वैष्णव मानने वाले उदयकाल व्यापनी अष्टमी एवं उदयकाल रोहिणी नक्षत्र को जन्माष्टमी का त्योहार मनाने की परम्परा रही है. लेकिन, इस बार गृहस्थ और वैष्णव दोनों एक ही दिन व्रत रखेंगे. जन्माष्टमी पर्व के दिन प्रात:काल उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र नदियों में, पोखरों में या घर पर ही स्नान इत्यादि करके जन्माष्टमी व्रत का संकल्प लिया जाता है. पंचामृत व गंगा जल से माता देवकी और भगवान श्रीकृष्ण की सोने, चांदी, तांबा, पीतल, मिट्टी की मूर्ति या चित्र पालने में स्थापित करते हैं तथा भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को नए वस्त्र धारण कराते हैं.

पालने में बिठाते हैं बालगोपाल की प्रतिमा

बालगोपाल की प्रतिमा को पालने में बिठाते हैं तथा और वैदिक मंत्रों से षोडशोपचार भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करते है. पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी आदि के नामों का उच्चारण करते हैं तथा उनकी मूर्तियां भी स्थापित करके पूजन करते हैं. पूजन के पश्चात प्रसाद वितरण किया जाता है और रात्री में उत्सव मनाते नृत्यगीतादि करके भक्त प्रभु को प्रसन्न करने के लिये पुष्प की वर्षा करते हैं और सुंदर सुंदर पुष्पोंऔर तुलसी की माला प्रभु को अर्पित करते हैं. संत जन कहते हैं कि जब भी धरती पर पाप का बोझ बढ़ता है, तो भगवान जन्म लेकर प्राणियों की रक्षा करते हैं. कृष्ण ने द्वापर युग में कंस आदि राक्षसों के आतंक से लोगों को बचाने के लिए जन्म लिया और जन्म से ही लीला दिखाना शुरू किया.

जन्माष्टमी के विभिन्न रंग रूप

यह त्यौहार विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. कहीं रंगों की होली होती है तो कहीं फूलों और इत्र की सुगंध का उत्सव होता है तो कहीं दही हांडी फोड़ने का जोश और कहीं इस मौके पर भगवान कृष्ण के जीवन की मोहक छवियां देखने को मिलती हैं. मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है.फोटो-22 पूर्णिया 10- पंडित सूरज भारद्वाज

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें