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Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे से क्या होगा फायदा? इन 5 बिंदुओं से समझें

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बिहार के 45 हजार से अधिक गांवों में किए जाने वाले भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. लेकिन कई लोगों के मन में ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये सर्वे क्यों किया जा रहा है. तो आइए, पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं के माध्यम से समझते हैं कि इस सर्वे से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.

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Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. राज्य के करीब 45 हजार राजस्व ग्रामों में सर्वे का कार्य किया जाना है. इस सर्वे कार्य को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जुलाई 2025 तक की समयसीमा तय की गई है. इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़े विवादों को कम करना, भूमि रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण करना और सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराना आदि है. आइए, पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं के माध्यम से समझते हैं कि इस सर्वे से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.

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1. जमीन से जुड़े विवादों में आएगी कमी

बिहार में लंबे समय से भूमि संबंधी विवाद एक गंभीर समस्या रही है. इन विवादों का मुख्य कारण भूमि की गलत माप और स्वामित्व अभिलेखों में अनियमितता है. नए सर्वेक्षण के तहत सभी भूमि की सही माप और स्वामित्व अधिकारों का सत्यापन किया जाएगा. इससे भूमि विवाद कम होंगे और न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या में भी कमी आएगी. इससे न केवल भूमि स्वामियों को राहत मिलेगी बल्कि न्यायिक व्यवस्था पर दबाव भी कम होगा.

2. डिजिटल हो जाएंगे जमीन के रिकार्ड्स

इस सर्वे के बाद बिहार के सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्मेट में सेव हो जाएंगे. इससे इन रिकॉर्ड को प्राप्त करना और उसमें संशोधन करना बहुत आसान हो जाएगा. डिजिटल रिकॉर्ड होने से न केवल भूमि मालिकों को लाभ होगा, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी तेजी आएगी. अब किसी भी भूमि के स्वामित्व का पता ऑनलाइन लगाया जा सकेगा, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी.

3. भूमि अधिग्रहण में आएगी पारदर्शिता

भूमि का सही और स्पष्ट रिकॉर्ड होने से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी. इससे सरकार को विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सुविधा होगी और भूमि मालिकों को उनके अधिकारों का उचित संरक्षण भी मिलेगा. इससे भूमि अधिग्रहण के मामलों में देरी और विवाद कम होंगे.

4. जमीन के लेन-देन में होगी आसानी

जमीन का सही और अपडेट रिकॉर्ड होने से जमीन खरीदने-बेचने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी. इससे जमीन की कीमतों में स्थिरता भी आएगी और लोग बिना किसी संदेह के जमीन खरीद-बेच सकेंगे. जमीन के लेन-देन में पारदर्शिता से निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

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5. सरकारी योजनाओं का हो सकेगा बेहतर क्रियान्वयन

भूमि के सटीक आंकड़ों से सरकार को कृषि, सिंचाई और अन्य विकास योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी. सही भूमि की पहचान और उसका उपयोग सुनिश्चित होने से सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन होगा, जिससे राज्य के विकास में तेजी आएगी. किसानों और अन्य लाभार्थियों को समय पर सही लाभ मिल सकेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति में भी सुधार आएगा.

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