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मुकेश सहनी को कांग्रेस ज्वाइन करने का मिला ऑफर, भक्त चरण दास बोले- ‘सन ऑफ मल्लाह’ के लिए खुला है दरवाजा

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Mukesh Sahani Controversy: मंत्री पद से हटने के बाद मुकेश सहनी को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला है. कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा कि मुकेश सहनी को आने के लिए कांग्रेस पार्टी में दरवाजा खुला है. मुकेश सहनी को कांग्रेस का सहारा मिलता हुआ दिख रहा है.

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Mukesh Sahani Controversy: पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पद से हटने के बाद मुकेश सहनी को कांग्रेस ने पार्टी में आने का न्योता दिया है. बिहार के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा है कि अगर मुकेश सहनी पार्टी में आना चाहते है तो उनका स्वागत है, उनके लिए कांग्रेस का दरवाजा खुला है. कहीं न कहीं मुकेश सहनी को कांग्रेस का सहारा मिलता हुआ दिख रहा है. उन्होंने कहा कि ‘सन ऑफ मल्लाह’ के लिए कांग्रेस पार्टी का दरवाजा खुला है. बता दें कि मुकेश सहनी को पशु एवं संसाधन मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है. सीएम नीतीश कुमार ने BJP के लिखित निवेदन पर राज्यपाल फागू चौहान से सिफारिश की थी, जिसे सोमवार को स्वीकार कर लिया गया है. मुकेश सहनी अब मंत्री पद पर नहीं रहे हैं.

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मुकेश सहनी का कांग्रेस में स्वागत

बीजेपी से ठुकराए जाने के बाद अब कांग्रेस का ऑफर लगातार मिल रहा है. कुछ दिन पहले भी कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा था कि भाजपा अपने सहयोगी को भी नहीं छोड़ती है. ऐसे में मेरा तो मानना है कि वीआईपी चीफ को अच्छा निर्णय लेना चाहिए और अच्छी पार्टी के साथ जुड़ जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे पहले उनको आरजेडी से भी धोखा मिल चुका है. इधर, मंत्री पद से हटाए जाने के बाद मुकेश सहनी ने कहा कि मंत्री पद से मुझे हटाने का निर्णय मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. जो भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का निर्णय होगा, हमारे लिए वह मान्य होगा. इस कार्रवाई से साफ हो गया कि मेरा कद तेजी से बढ़ रहा था, जिसे रोकने के लिए ये सब किया गया है.

यूपी विस चुनाव के बाद बिगड़ी बात

वीआइपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था. उनकी पार्टी से 53 प्रत्याशी खड़े थे. हालांकि, उन्हें कोई सफलता नहीं मिली. चुनाव के दौरान ही सहनी ने भाजपा पर तीखे हमले किये थे. निषादों को अनुसूिचत जाति का दर्जा दिये जाने की मांग उठायी. इधर, भाजपा ने बोचहां विधानसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा करने की घोषणा कर दी. यह सीट वीआइपी की सीटिंग रही है. तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच 23 मार्च को वीआइपी के तीनों विधायक भाजपा में शामिल हो गये और विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा में वीआइपी विधायक दल के विलय को मान्यता दे दी. इसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि मुकेश सहनी की भी मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है.

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