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Sushant Singh Rajput Case : बिहार सरकार के सीबीआई जांच की सिफारिश पर रिया के वकील ने उठाए सवाल

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Sushant Singh Rajput Suicide Case Nitish Kumar recommends CBI inquiry Rhea Chakraborty Advocate Bihar News in Hindi Sushant singh rajput death case investigation पटना/मुंबई : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने मंगलवार को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है, जिसे अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के वकील ने चुनौती देते हुए कहा कि राज्य को इस तरह की सिफारिश करने का अधिकार नहीं है. नीतीश ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य सरकार ने दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत के पिता के के सिंह द्वारा दर्ज मामले में सीबीआई जांच के लिए अपनी सिफारिश भेजी है.''

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Sushant Singh Rajput Suicide Case Nitish Kumar recommends CBI inquiry Rhea Chakraborty Advocate Bihar News in Hindi Sushant singh rajput death case investigation पटना/मुंबई : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने मंगलवार को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है, जिसे अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के वकील ने चुनौती देते हुए कहा कि राज्य को इस तरह की सिफारिश करने का अधिकार नहीं है. नीतीश ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य सरकार ने दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत के पिता के के सिंह द्वारा दर्ज मामले में सीबीआई जांच के लिए अपनी सिफारिश भेजी है.”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “आज सुबह ही हमारे डीजीपी (गुप्तेश्वर पांडेय) से उनकी (के के सिंह) बातचीत हुई है और उन्होंने अपनी सहमति दे दी है, जिसकी सूचना डीजीपी ने दी तथा तुरंत सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा यहां से जा रही है. सुशांत सिंह राजपूत के पिता जी ने यहां प्राथमिकी दर्ज करायी थी जिसके आधार पर बिहार पुलिस ने जांच का काम शुरू किया.” उन्होंने कहा, ‘‘अब उन्होंने स्वीकृति दे दी है तो मैंने डीजीपी से आज ही सारी औपचारिकताएं पूरी करने को कहा है और सरकार आज ही सिफारिशें भेज देगी.”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘बिहार पुलिस के साथ वहां बिल्कुल गलत व्यवहार हुआ. जहां भी प्राथमिकी दर्ज होगी, कानूनी रूप से हमारे राज्य की पुलिस की जिम्मेदारी थी और उसके हिसाब से वे जांच के लिए वहां (मुंबई) गए. वहां तो सहयोग करना चाहिए था.”

रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने एक बयान में कहा कि इस मामले का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है और इसमें बिहार पुलिस को शामिल करने का कोई कानूनी आधार नहीं है. ज्यादा से ज्यादा ‘‘जीरो एफआईआर” दर्ज होगी जो मुंबई पुलिस को स्थानांतरित की जाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित करने का कोई कानूनी आधार नहीं है जिसमें उनका (बिहार पुलिस का) कोई अधिकार क्षेत्र नहीं हो.

रिया के वकील ने कहा कि बिहार सरकार को एहसास हो रहा है कि उसके पास मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है तो वह अब मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश करने का ‘‘अवैध तरीका” अपना रही है. चक्रवर्ती ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके दावा किया था कि बिहार पुलिस के पास मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि मुंबई पुलिस पहले ही दुर्घटनावश मौत रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज कर चुकी है.

सुशांत सिंह राजपूत (34) 14 जून को बांद्रा के अपने फ्लैट में फंदे से लटके मिले थे. सीबीआई जांच की सिफारिश की नीतीश कुमार की घोषणा महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को भी रास नहीं आई जिसने दावा किया कि यह राज्य सरकार के अधिकार का अतिक्रमण करता है. महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार शायद सीबीआई जांच की सिफारिश करके कोविड-19 से निपटने में अपनी “नाकामी” से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है.

नवाब मलिक ने कहा कि बिहार सरकार का फैसला संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है. मलिक ने कहा, ” क्या महाराष्ट्र में हुए अपराध को लेकर उनका (बिहार सरकार का) कोई अधिकार-क्षेत्र है? ” शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी सरकार में राकांपा दूसरा सबसे बड़ा घटक है. इसमें कांग्रेस भी साझेदार है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री एवं राकांपा के नेता अनिल देशमुख ने कहा था कि मामले में सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि मुंबई पुलिस मामले से निपटने में सक्षम है.

मलिक ने कहा, ” मिसाल के तौर पर, कल को मुंबई में रहने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए अपराध के लिए मामला दर्ज किया जाता है तो क्या महाराष्ट्र सरकार भी मुंबई में मामला दर्ज करेगी और पुलिस उत्तर प्रदेश जांच के लिए जाएगी? यह सवाल अधिकार क्षेत्र का है.” उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार सरकार व्यवहार कर रही है, उससे वह संकट पैदा कर रही है. उन्होंने कहा, ” यह दूसरे राज्य के अधिकार के अतिक्रमण के समान है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में दुरूस्त नहीं है.”

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट किया, “मोदी सरकार और भाजपा भारत में लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रही हैं. यह देखकर दुख होता है कि भाजपा के गठबंधन साझेदार संविधान को नष्ट करने में उनकी मदद कर रहे हैं जो राजनीतिक फायदे के लिए संघीय ढांचे को स्थायी रूप से चोट पहुंचाएगा. उम्मीद है कि अदालतें देश के लिए हमारी चिंता को साझा करेंगीं.”

बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने राज्य सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा, ‘‘मुंबई पुलिस 50 दिन से क्या कर रही थी. वे हमारी पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहे. जब बिहार के गृह सचिव ने महाराष्ट्र के गृह सचिव को फोन किया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया. संचार के सभी माध्यम बंद कर दिये गये. हमें आपकी मंशा पर संदेह है.” उच्चतम न्यायालय मामले को मुंबई हस्तांरित करने की रिया की याचिका पर कल सुनवाई कर सकता है.

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