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Sushant Singh Rajput Case: सुशांत की हत्या के बाद अब परिवार का किया जा रहा चरित्रहनन, पिता ने नौ पेज का लिखा भावुक पत्र

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सुशांत के पिता केके सिंह ने नौ पेज का पत्र जारी कर कहा है कि 'सुशांत सिंह राजपूत का परिवार' होने का मतलब क्या है? परिवार को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है. कीचड़ उछाला जा रहा है. चरित्रहनन किया जा रहा है. साथ ही पत्र में कई सवाल उठाये गया हैं.

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पटना : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद जिस तरह पूरा घटनाक्रम चला है, उससे उनका परिवार आहत है. महाराष्ट्र सरकार में शामिल लोगों की बयानबाजी व मुंबई पुलिस की हरकत सुशांत के परिवार को चुभ रही है. सुशांत के पिता केके सिंह ने नौ पेज का पत्र जारी कर कहा है कि ‘सुशांत सिंह राजपूत का परिवार’ होने का मतलब क्या है? परिवार को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है. कीचड़ उछाला जा रहा है. चरित्रहनन किया जा रहा है. साथ ही पत्र में कई सवाल उठाये गया हैं. शुरुआत फिराक जलालपुरी के शेर से की गयी है- ‘‘तू इधर-उधर की ना बात कर ये बता कि काफिला क्यूं लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है.’’ साथ ही पत्र में लिखा है कि तमाशा करनेवाले और देखने वाले ये नहीं भूले कि वे भी इसी दुनिया के लोग हैं. एक नामी आदमी को ठगों-बदमाशों लालचियों का झुंड घेर लेता है. इलाके के रखवाले को कहा जाता है कि बचाने में मदद करें. अंग्रेजों के वारिस हैं. एक अदना हिंदुस्तानी मरे, इन्हें क्यों परवाह हो? सुशांत के परिवार, जिसमें चार बहनें और एक बूढ़ा बाप हैं, को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है. एक-एक कर सबके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है.

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नाम चमकाने को सामने आ रहे फर्जी दोस्त

सुशांत से उनके संबंधों पर सवाल उठाया जा रहा है. नाम चमकाने को सामने आ रहे फर्जी दोस्त, भाई, मामा बयान में उन्होंने लिखा है कि कुछ साल पहले की ही बात है. न कोई सुशांत को जानता था, न उसके परिवार को. आज सुशांत की हत्या को लेकर करोड़ों लोग व्यथित हैं और सुशांत के परिवार पर चौतरफा हमला हो रहा है. टीवी-अखबार पर अपना नाम चमकाने की गरज से कई फर्जी दोस्त-भाई-मामा बन अपनी-अपनी हांक रहे हैं. ऐसे में बताना जरूरी हो गया है कि आखिर ‘सुशांत का परिवार’ होने का मतलब क्या है? सुशांत के माता-पिता कमाकर खाने वाले लोग थे. उनके हंसते-खेलते पांच बच्चे थे. उनकी परवरिश ठीक हो, इसलिए नब्बे के दशक में गांव से शहर आ गये. रोटी कमाने और बच्चों को पढ़ाने में जुट गये. एक आम भारतीय माता-पिता की तरह उन्होंने मुश्किलें खुद झेलीं. बच्चों को किसी बात की कमी नहीं होने दी. हौसले वाले थे, कहते थे कि जो कुछ दो हाथ-पैर का आदमी कर सकता है, तुम भी कर सकते हो.

सभी बच्चों ने चूमीं सफलता की ऊंचाइयां

पहली बेटी में जादू था. कोई आया और चुपके से उसे परियों के देश ले गया. दूसरी राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेली. तीसरे ने कानून की पढ़ाई की, तो चौथे ने फैशन डिजाइन में डिप्लोमा किया. पांचवां सुशांत था. ऐसा, जिसके लिए सारी मांएं मन्नत मांगती हैं. पूरी उम्र, सुशांत के परिवार ने न कभी किसी से कुछ लिया, न कभी किसी का अहित किया. सुशांत के परिवार को पहला झटका तब लगा, जब मां असमय चल बसी. सुशांत के हीरो बनने की बात उसी दिन चली. अगले आठ-दस साल में वह हुआ, जो लोग सपनों में देखते हैं. लेकिन अब जो हुआ वह किसी के साथ न हो. चार महीने बाद सुशांत के परिवार का भय सही साबित होता है. अंग्रेजों के दूसरे वारिस मिलते हैं. दिव्यचक्षु से देख कर बता देते हैं कि ये तो जी ऐसे हुआ है. व्यावहारिक आदमी हैं. पीड़ित से कुछ मिलना नहीं, सो मुलजिम की तरफ हो लेते हैं.

हनी ट्रैप गैंग ने सुशांत की स्मृति को किया अपमानित

पत्र में कहा गया है कि सुशांत के परिवार के सब्र का बांध तब टूटा, जब महीना बीतते-बीतते महंगे वकील व नामी पीआर एजेंसी से लैस ‘हनी ट्रैप’ गैंग डंके की चोट पर वापस लौटता है. सुशांत को लूटने-मारने से तसल्ली नहीं हुई, सो उसकी स्मृति को भी अपमानितकरने लगता है. उनकी बरात में रखवाले भी साफा बांधे शरीक होते हैं.

बेटे को बताया गया पागल

केके सिंह ने कहा है कि अंग्रेजों के एक और बड़े वारिस तो जालियांवाला-फेम जनरल डायर को भी मात दे देते हैं. सुशांत के परिवार को कहते हैं कि तुम्हारा बच्चा पागल था, सुसाइड कर गया. होता रहता है, कोई बात नहीं. सुशांत के परिवार को शोक मनाने का भी समय नहीं मिलता है. हत्यारों को ढूंढ़ने के बजाय रखवाले उसके मृत शरीर की फोटो प्रदर्शनी लगाने लगते हैं. उनकी लापरवाही से सुशांत मरा. इतने से मन नहीं भरा, तो उसकी मानसिक बीमारी की कहानी चला उसके चरित्र को मारने में जुट जाते हैं.

सुशांत के वकील ने लगाया हत्या का आरोप

सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा है कि सुशांत की हत्या हुई है. उसने सुसाइड नहीं किया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुशांत के गले पर पट्टे का निशान मिला है, वह बहुत कुछ कहता है. इसके अलावा रिया चक्रवर्ती समेत कुछ अन्य लोग जो सुशांत के फ्लैट में काम करते थे, उनकी भूमिका भी संदिग्ध है.

posted by ashish jha

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