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Kishore Kunal Story: कब्र से जब निकला था एक प्रभावशाली महिला का शव, संकट में पड़ गई थी बिहार सरकार

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Kishore Kunal passed away पटना के एसएसपी के रुप में किशोर कुणाल ने सबसे चर्चित बॉबी हत्याकांड की जांच की थी. उनके इस जांच से पटना के कई नेता दिल्ली शिफ्ट हो गए थे.

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Kishore Kunal passed away: बहुचर्चित आइपीएस अधिकारी और पटना महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल नहीं रहे. लेकिन, पटना के एसएसपी रहते हुए किशोर कुणाल ने कुछ ऐसा कर दिया था कि उसकी आज भी चर्चा होती है. उनके एक्शन से बिहार की तत्कालीन सरकार खतरे में पड़ गई थी. आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं तो चलिए बताता हूं क्या थी वह कहानी.

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गड़े हुए मुर्दे निकाल कर शुरू कर दी थी जांच

यह वाक्या वर्ष 1983 का है. तब किशोर कुणाल पटना के एसएसपी हुआ करते थे. पटना के दो प्रमुख अखबारों में पटना के सचिवालय में काम करने वाली महिला श्वेत निशा उर्फ बॉबी की मौत प्रकाशित हुई थी. बॉबी काफी सुंदर थी. उसकी रहस्मयी मौत को लेकर कई प्रकार की चर्चा शुरू हो गई. किशोर कुणाल को भी जब इसकी सूचना मिली तो वे इसकी जांच के निर्देश दिए. जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही थी, जांच रोकने के लिए दबाव उसी तरह बढ़ भी रही थी.

बॉबी का जमीन के नीचे से शव निकालती पटना पुलिस
Kishore kunal story: कब्र से जब निकला था एक प्रभावशाली महिला का शव, संकट में पड़ गई थी बिहार सरकार 2

लेकिन, किशोर कुणाल इससे जांच रोकने के बदले और तेज करते गए. साक्ष्य और अनुसांध को लेकर उन्होंने अन्तत: बॉबी के गड़े हुए मुर्दे निकाल दिए. यह खबर अखबार में प्रकाशित होते ही बिहार के कई राजनेता बिहार छोड़कर दिल्ली चले गए थे. बॉबी हत्याकांड से जुड़े तथ्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने अपनी पुस्तक ‘दमन तक्षकों का’ में लिखा है कि जांच में जब कई बड़े नाम सामने आने लगे तो कैसे उनसे यह जांच बंद करने और नहीं मानने पर पूरी जांच पटना पुलिस से लेकर कैसे सीबीआई को सौंप दी गई की चर्चा है. इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री से जो उनकी बातचीत हुई उसकी भी जिक्र उन्होंने अपनी पुस्तक में किया है.

40 विधायक 2 मंत्रियों के दबाव में जांच सीबीआई को दिया गया

किशोर कुणाल ने अपनी किताब ‘दमन तक्षकों का’ में लिखा है कि बिहार में चर्चित बॉबी हत्याकांड की जांच के बाद गड़े हुए मुर्दे को भी निकालना पड़ा था. शुरुआती 15 दिनों तक तो जांच में कुछ भी हाथ नहीं लगा और वह पटना के महावीर मंदिर में आकर बैठ गए. लेकिन, अगले 3 दिनों में जो सफलता मिली उससे बिहार के कई सफेदपोशों को यह डर था उनका चरित्र जनता के बीच उजागर हो जाएगा इस लिए 40 विधायक 2 मंत्रियों ने मिल कर इस केस की जांच सीबीआई को दिलवा दी.

बाद में उसकी जांच की दिशा सीबीआई ने बदल दी. किशोर कुणाल ने अपनी पुस्तक में यह भी लिखा है कि किस तरह बॉबी हत्याकांड के बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को यह कहा था कि आप की छवि जो हो, लेकिन चरित्र के मामले में आप बेदाग हैं. जनता के बीच आपकी अच्छी छवि है इसलिए यदि आप इस मामले में हाथ डालेंगे तो आपका हाथ भी जल जाएगा. लेकिन, विधायकों के दबाव में इस पूरे मामले को सीबीआई को जांच के लिए अनुशंसा कर दी.

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