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कैंपस : पीयू : बिहार सिस्मिक टेलीमेट्री नेटवर्क सेंटर में उपकरण के अभाव में नहीं शुरू हुआ शोध कार्य

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संवाददाता, पटना

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से पटना सायंस कॉलेज कैंपस में बिहार सिस्मिक टेलीमेट्री नेटवर्क सेंटर बनकर तैयार तो हो गया है, लेकिन उपकरण के अभाव में पिछले दो वर्षों से शोध कार्य नहीं शुरू किया गया है. तीन मंजिले टेलीमेट्री नेटवर्क सेंटर में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भूकंप पर उच्चस्तरीय शोध की सुविधा प्रदान की जानी थी. इस भवन का निर्माण तीन करोड़ 44 लाख रुपये की लागत से बिहार राज्य भवन निर्माण विभाग के द्वारा कराया गया है. वर्ष 2021 में हुए इस भवन में भूकंप से जुड़े शोध के लिए उच्चस्तरीय उपकरण इंस्टॉल नहीं किये जाने की वजह से अब तक शोध कार्य नहीं शुरू हो पाया है. इस टेलीमेट्री सेंटर में शोधार्थियों को देश और राज्य के विभिन्न हिस्सों में आने वाले भूकंप के कारणों पर शोध विश्लेषण करने की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही यहां इंस्टॉल किये जाने वाले उच्च स्तरीय उपकरण से राज्य के 10 फील्ड स्टेशनों से भूकंप व जमीन के अंदर हो रही हलचल की मॉनीटरिंग करने की भी सटीक जानकारी मिलने के साथ ही उसे मापने के तरीके को विस्तार से समझने का अवसर मिलेगा.

भूकंप की पूर्व जानकारी मिलने से नुकसान होगा कम

इस केंद्र में शोधार्थियों को जमीन के अंदर की हलचल और नैनो वेव को मॉनीटर करने की सटीक जानकारी मिल सकेगी. जिसकी मदद से अलग-अलग क्षेत्र में भूंकप की जानकारी अधिकतम 40 से 50 सेकेंड पहले तक मिल सकेगी. अलार्म व हाइपर एक्टिव उपकरण की मदद से यह जानकारी काफी कम समय में अधिक जगहों पर ट्रांसमिट किया जा सकेगा. इसकी मदद से लोग अलर्ट होंगे और भूकंप से होने वाले नुकसान में कमी आयेगी. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजय कुमार ने बताया कि उपकरण इंस्टॉल करने के बाद जल्द ही शोध कार्य शुरू किया जायेगा.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संवाददाता, पटना

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से पटना सायंस कॉलेज कैंपस में बिहार सिस्मिक टेलीमेट्री नेटवर्क सेंटर बनकर तैयार तो हो गया है, लेकिन उपकरण के अभाव में पिछले दो वर्षों से शोध कार्य नहीं शुरू किया गया है. तीन मंजिले टेलीमेट्री नेटवर्क सेंटर में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भूकंप पर उच्चस्तरीय शोध की सुविधा प्रदान की जानी थी. इस भवन का निर्माण तीन करोड़ 44 लाख रुपये की लागत से बिहार राज्य भवन निर्माण विभाग के द्वारा कराया गया है. वर्ष 2021 में हुए इस भवन में भूकंप से जुड़े शोध के लिए उच्चस्तरीय उपकरण इंस्टॉल नहीं किये जाने की वजह से अब तक शोध कार्य नहीं शुरू हो पाया है. इस टेलीमेट्री सेंटर में शोधार्थियों को देश और राज्य के विभिन्न हिस्सों में आने वाले भूकंप के कारणों पर शोध विश्लेषण करने की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही यहां इंस्टॉल किये जाने वाले उच्च स्तरीय उपकरण से राज्य के 10 फील्ड स्टेशनों से भूकंप व जमीन के अंदर हो रही हलचल की मॉनीटरिंग करने की भी सटीक जानकारी मिलने के साथ ही उसे मापने के तरीके को विस्तार से समझने का अवसर मिलेगा.

भूकंप की पूर्व जानकारी मिलने से नुकसान होगा कम

इस केंद्र में शोधार्थियों को जमीन के अंदर की हलचल और नैनो वेव को मॉनीटर करने की सटीक जानकारी मिल सकेगी. जिसकी मदद से अलग-अलग क्षेत्र में भूंकप की जानकारी अधिकतम 40 से 50 सेकेंड पहले तक मिल सकेगी. अलार्म व हाइपर एक्टिव उपकरण की मदद से यह जानकारी काफी कम समय में अधिक जगहों पर ट्रांसमिट किया जा सकेगा. इसकी मदद से लोग अलर्ट होंगे और भूकंप से होने वाले नुकसान में कमी आयेगी. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजय कुमार ने बताया कि उपकरण इंस्टॉल करने के बाद जल्द ही शोध कार्य शुरू किया जायेगा.

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