19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Patna News: बिहार म्यूजियम पहुंची अमेरिका गई मिथिला पेंटिंग, कंजर्वेशन शुरू

Advertisement

Patna News बिहार की धरोहर मिथिला पेंटिंग जो करीब 60 वर्ष पहले अमेरिका चली गई थी, वह बिहार संग्रहालय पहुंच गई है. इन पेंटिंग को फिर से वापस लाने के लिए बिहार संग्रहालय ने अहम भूमिका निभाई है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Patna News. बिहार के नामचीन कलाकारों की ओर से बनायी गयी 113 मधुबनी पेंटिंग बिहार संग्रहालय आ चुकी है. 60 वर्ष पहले यह पेंटिंग बिहार से अमेरिका की संस्था एथनिक आर्ट्स फाउंडेशन के पास गई थी. यह सारी पेंटिंग्स एक बार फिर से बिहार संग्रहालय पहुंच गई है. यह पेंटिंग अपने आप में खास है, क्योंकि यह 1960-1980 के दशक के कलाकारों ने बनायी गयी थी. बिहार म्यूजियम पूरे देश में ऐसा संग्रहालय बन गया है, जिसके पास मिथिला पेंटिंग का इतना बड़ा कलेक्शन है.

- Advertisement -

अभी इसके कंजर्वेशन पर काम शुरू हो चुका है. यहां पहले से रीजनल गैलरी में छह से ज्यादा पेंटिंग्स मौजूद है. अमेरिका से आये इन पेंटिंग्स में कलाकार कृष्णकांत झा, जमुना देवी, चानो देवी, उत्तम पासवान, संतोष कुमार दास, रजनी, बिमला दत्त, जोगमाया देवी, रंजीत पासवान, अमृता झा, हीरा देवी, ललिता देवी, शशिकला देव, कर्पूरी देवी जैसे कलाकारों की दुर्लभ पेंटिंग्स मौजूद है. संग्रहालय की पहल पर आयी पेंटिंग्स अमेरिका के रेमंड ली वोएन्स ने इस संस्था की स्थापना 1970 में की थी.

1977 में बिहार से अमेरिका गई थी ये पेंटिंग

इसका मकसद मिथिला चित्रकला और कलाकारों के गुणवत्ता के साथ आर्थिक समृद्धि में योगदान देना था. 1977 में वोएन्स भारत आये और मधुबनी के कलाकारों से मिलकर उनकी बनायी सैकड़ों पेंटिंग अमेरिका लेकर चले गये. जहां उन्होंने इस कला को बढ़ावा देने के लिए वहां कई एग्जीबिशन लगाये और इस कला का प्रसार-प्रचार किया. पर वर्ष 2000 में वोएंन्स की मृत्यु के बाद कमेटी की ओर से संस्था चलाया जा रहा था.

इन पेंटिग्स का कई जगहों पर लगेगा प्रदर्शनी

साल 2024 में कमेटी की ओर से संस्था को बंद करने का निर्णय लिया गया. जब इन पेंटिंग्स की जानकारी बिहार संग्रहालय को मिली, तो इस संस्था के पास चिट्ठी भेजी गयी. कोट- आने वाले समय में हम इन पेंटिग्स को लेकर जगह-जगह एग्जीबिशन आयोजित करेंगे, ताकि लोगों को मधुबनी पेंटिंग के बारे में जानकारी मिले और 70 के दशक की पेंटिंग से वे रूबरू हों. अंजनी कुमार सिंह, महानिदेशक, बिहार म्यूजियम

ये भी पढ़ें.. झारखंड की ‘मंईयां सम्मान’ योजना की तर्ज पर बिहार में तेजस्वी क्यों कर रहे ‘माई-बहिन मान’ की चर्चा

ये भी पढ़ें.. बिहार में बौद्ध सर्किट: बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए ज्ञान एवं मोक्ष की भूमि है गुरपा पहाड़ी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें