30.1 C
Ranchi
Saturday, March 1, 2025 | 05:39 pm
30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पटना हाईकोर्ट ने शिक्षक बहाली को लेकर मुख्य सचिव से मांगा जवाब, स्कूलों की बदहाल स्थिति पर जतायी नाराजगी

Advertisement

कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को कहा कि वह दो सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर अपनी स्थिति स्पष्ट करे की इन विद्यालयों की स्थिति ऐसी क्यों है. कोर्ट ने मुख्य सचिव को कहा की वह शपथ पत्र में यह जानकारी दे की नेत्रहीन बच्चों के लिए बने स्कूलों की दयनीय स्थिति क्यों है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिहार में नेत्रहीन बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों की बदहाल स्थिति पर हाइकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कहा कि इससे यह साफ पता चलता है कि राज्य सरकार इस मामले में कितनी असंवेदनशीलता है. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह और न्यायाधीश जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए उक्त बातें कहीं.

मुख्य सचिव से दो सप्ताह में मांगा शपथ पत्र

कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को कहा कि वह दो सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर अपनी स्थिति स्पष्ट करे की इन विद्यालयों की स्थिति ऐसी क्यों है. कोर्ट ने मुख्य सचिव को कहा की वह शपथ पत्र में यह जानकारी दे की नेत्रहीन बच्चों के लिए बने स्कूलों की दयनीय स्थिति क्यों है. वहां जरूरत के अनुसार योग्य शिक्षकों की बहाली क्यों नही हो रही है. जिन छात्रों ने उस विद्यालय में अपना नामांकन कराया है क्या वे अपनी पूरी पढ़ाई उस विद्यालय में पूरा कर पाते हैं. अगर नही तो उसका कारण क्या है .

नेत्रहीन छात्र आठवीं के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते

कोर्ट ने इस बात को भी काफी गंभीरता से लिया कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले नेत्रहीन छात्र आठवीं कक्षा के बाद बड़ी संख्या में आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. आखिर ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई . कोर्ट ने कहा कि ये बहुत ही चिंतनीय विषय है कि जहां आठवीं क्लास में लगभग सत्ताईस हज़ार छात्र पढ़ते है, वहीं नौवीं से बारहवीं कक्षा में दो हज़ार छात्र ही पढ़ाई कर रहे हैं. कोर्ट ने सोमवार को इसी मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया था कि वह पटना के कदमकुआं स्थित नेत्रहीन स्कूल का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत प्रस्तुत करे.

रजिस्ट्रार जनरल ने प्रस्तुत किया रिपोर्ट

रजिस्ट्रार जनरल ने कोर्ट को कदमकुआं स्थित नेत्रहीन स्कूल की रिपोर्ट प्रस्तुत किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस स्कूल में शिक्षकों का स्वीकृत पद ग्यारह है लेकिन वहां फिलहाल 15 शिक्षक कार्य कर रहे है. इनमें एक शिक्षक हाल में ही सेवानिवृत हुए है . इसमें भी सिर्फ दो शिक्षक ही नेत्रहीन बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित है. भागलपुर स्थित नेत्रहीन आवासीय विद्यालय में मात्र तीन ही शिक्षक है . इससे नेत्रहीन बच्चों की शिक्षा के बारे में राज्य सरकार की गंभीरता समझी जा सकती है.

Also Read: पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति मामले में की सुनवाई, रजिस्ट्रार जनरल को दिया यह निर्देश
राज्य सरकार ने रखा अपना पक्ष 

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार इन स्कूलों तथा वहां पढ़ने वाले बच्चों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में काफी गंभीर है. दिव्यांग स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए वर्ष 2014 में ही अनुशंसा और प्रस्ताव बिहार कर्मचारी चयन आयोग को भेजा था.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर