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आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना देने में कोताही

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ससमय सूचना देने के लिए जारी किया गया निर्देश संवाददाता,पटना सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) के तहत आमलोगों द्वारा मांगी गयी सूचना देने में सरकारी विभाग कोताही बरत रहे हैं. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के संज्ञान में दो दर्जन अधिक मामले आए हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि आरटीआइ के तहत प्राप्त सूचना आवेदनों का निष्पादन समय नहीं होता है.इतना ही नहीं प्रथम अपील आवेदनों का निष्पादन भी निर्धारित समयावधि के भीतर नहीं किया जा रहा है.राज्य सूचना आयोग द्वारा ऐसे मामलों में विलंब के लिए दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अर्थदंड लगाया जाता रहा है. वहीं, लोक सूचना पदाधिकारियों और प्रथम अपीलीय प्राधिकारों के स्तर से होने वाले इस अवांछनीय विलंब के कारण आवेदकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है और इस अधिनियम के गठन के उद्देश्य पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसको देखते हुए सभी विभागों और सूचना अधिकारियों को आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना समय पर देने का निर्देश दिया है. इसमें मांगी गयी सूचना की महत्ता को देखते हुए सूचना देने की समयावधि का भी उल्लेख किया गया है. जीवन व स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में मांगी गयी सूचना 48 घंटे में देने का प्रावधान सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने निर्देश में इस आरटीआइ कानून का उल्लेख करते हुए कहा है कि जीवन और स्वतंत्रता से संबंधित मामलों का निष्पादन सूचनावेदन प्राप्ति के 48 घंटे के अंदर किया जाना है. वहीं, अन्य मामले का निष्पादन सूचनावेदन प्राप्ति के 30 दिनों के अंदर किया जाना है. इसी प्रकार प्रथम और द्वितीय अपील आवेदनों के निष्पादन के संदर्भ में भी समय-सीमा का प्रावधान किया गया है. विभागों और सूचना अधिकारियों को इस प्रावधान में निर्धारित अवधि में सूचना मुहैया करवाना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ससमय सूचना देने के लिए जारी किया गया निर्देश संवाददाता,पटना सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) के तहत आमलोगों द्वारा मांगी गयी सूचना देने में सरकारी विभाग कोताही बरत रहे हैं. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के संज्ञान में दो दर्जन अधिक मामले आए हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि आरटीआइ के तहत प्राप्त सूचना आवेदनों का निष्पादन समय नहीं होता है.इतना ही नहीं प्रथम अपील आवेदनों का निष्पादन भी निर्धारित समयावधि के भीतर नहीं किया जा रहा है.राज्य सूचना आयोग द्वारा ऐसे मामलों में विलंब के लिए दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अर्थदंड लगाया जाता रहा है. वहीं, लोक सूचना पदाधिकारियों और प्रथम अपीलीय प्राधिकारों के स्तर से होने वाले इस अवांछनीय विलंब के कारण आवेदकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है और इस अधिनियम के गठन के उद्देश्य पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसको देखते हुए सभी विभागों और सूचना अधिकारियों को आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना समय पर देने का निर्देश दिया है. इसमें मांगी गयी सूचना की महत्ता को देखते हुए सूचना देने की समयावधि का भी उल्लेख किया गया है. जीवन व स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में मांगी गयी सूचना 48 घंटे में देने का प्रावधान सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने निर्देश में इस आरटीआइ कानून का उल्लेख करते हुए कहा है कि जीवन और स्वतंत्रता से संबंधित मामलों का निष्पादन सूचनावेदन प्राप्ति के 48 घंटे के अंदर किया जाना है. वहीं, अन्य मामले का निष्पादन सूचनावेदन प्राप्ति के 30 दिनों के अंदर किया जाना है. इसी प्रकार प्रथम और द्वितीय अपील आवेदनों के निष्पादन के संदर्भ में भी समय-सीमा का प्रावधान किया गया है. विभागों और सूचना अधिकारियों को इस प्रावधान में निर्धारित अवधि में सूचना मुहैया करवाना चाहिए.

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