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रिश्वतखोरों ने एक पल में उम्मीदों पर फेर दिया पानी… NEET UG अभ्यर्थियों ने बयां किया दर्द

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कथित रूप से NEET UG का पेपर लीक होने का मामला गरमाया हुआ. अभ्यर्थी इस रद्द करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां कर रहे हैं.

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अनुराग प्रधान, पटना

NEET UG देने के बाद काफी खुश था. लेकिन पांच मई देर रात ही पेपर लीक की खबर ने अंदर से तोड़ दिया. कंकड़बाग इलाके में रहने वाले विक्रम कहते हैं कि किराये के एक छोटे से कमरे में दो साल से सपने बुन रहा था. इस बार 633 नंबर आ रहा था. पेपर लीक की खबर से उसके सपने चूर-चूर हो गये. अब इस बार दोबारा नीट यूजी आयोजित होती है, तो कितना अंक आयेगा यह सब सोच कर मैं परेशान हो रहा हूं. अगर री-एग्जाम में कुछ अंक कम हो गये, तो घरवालों को क्या कहेंगे?

विक्रम के पिता किसान हैं. किसी तरह कर्ज लेकर पिता ने डॉक्टर बनाने के लिए नीट यूजी की तैयारी के लिए पटना भेजा था. घर में पांच भाई-बहन हैं, लेकिन केवल मुझे ही पटना में पढ़ने का मौका मिला. यह कहानी किसी एक विक्रम की नहीं है. इस तरह के अनेक लोग कोई पटना तो कोई कोटा, दिल्ली के साथ अन्य शहरों में रह कर नीट की तैयारी कर रहे हैं. उन सभी की है.

दिन-रात मेहनत करने वाले बच्चों के साथ बेईमानी

प्रभात खबर के नीट यूजी से संबंधित जारी वीडियो में एक यूजर ने लिखा है कि ‘सर हम दो साल से अपने घर नहीं गये. इसी आस में बैठे हैं कि हमारा भी नंबर आयेगा. घरवाले भी हम से उम्मीद लगाये बैठे हैं. पर इन घूसखोर लोगों ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया, सारे सपने खत्म कर दिये एक पल में ही. वहीं, विजय गुप्ता ने लिखा है कि ये दिन-रात मेहनत करने वाले बच्चों के साथ बेईमानी है.

दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे अभ्यर्थी

पांच मई को आयोजित नीट यूजी की परीक्षा निरस्त कर फिर से एग्जाम हो. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो आंदोलन होगा. सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. नीट यूजी दोबारा करवानी चाहिए. सभी छात्र एक बराबर हैं. हमने सालों साल मेहनत की. परीक्षा दी, लेकिन अब हमारा भविष्य दांव पर लगा है. ये मांग उन अभ्यर्थियों की है, जिन्होंने नीट यूजी दिया. पांच मई को परीक्षा होने के बाद से कथित पेपर लीक का मामला गर्माया हुआ है.

अभ्यर्थी एक्स पर पुन: परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं. लगातार तीन दिनों से नीट पेपर लीक मामला एक्स पर छाया है. लोगों ने एनटीए को मेल भी करना शुरू कर दिया है. पूरे विवाद की शुरुआत पटना, रांची और राजस्थान से शुरू हुई. पटना में एक सॉल्वर गैंग के पकड़े जाने पर पेपर लीक की बातें सामने आयी हैं. पुलिस ने पेपर लीक की पुष्टि की है.

वहीं, पकड़े गये छात्र ने भी कहा कि शनिवार को रटवाये गये प्रश्न ही रविवार को नीट यूजी में पूछे गये थे. अभ्यर्थी के इस बयान के बाद परीक्षा रद्द करने की मांग ने जोर पकड़ ली है. कुछ अभ्यर्थियों ने लिखा है कि नीट यूजी में शामिल उन उम्मीदवारों का क्या, जिन्होंने रात-रात भर पढ़ाई की? आधी रात को परीक्षा सेंटर तक पहुंचे, कुछ घंटे सोये.

कुछ अभ्यर्थी चिलचिलाती धूप में केंद्र को खोजते एग्जामिनेशन हॉल तक पहुंचे. कटऑफ क्लियर करने की उम्मीद में शांत मन से परीक्षा दी. घर पहुंचते ही पेपर लीक की खबर ने परेशान कर दिया है. यह सुनने के बाद ही अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी मेहनत और कष्ट के बाद परीक्षा में पेपर लीक होने पर उस परीक्षार्थी पर क्या गुजर रही होगी.

परीक्षार्थियों की परेशानी

एक अभ्यर्थी ने एक्स पर लिखा है कि घर से दूर अनजान शहर में कमरे में घंटों बैठकर नीट यूजी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का दर्द कौन समझेगा. परीक्षा के लिए उन लोगों ने सब कुछ छोड़ कर प्रतिदिन 10 से 12 घंटों की पढ़ाई की. परीक्षा देने के बाद परीक्षा में पेपर लीक होना मेहनती छात्रों के साथ धोखा है. परीक्षा दोबारा होनी चाहिए.

अभ्यर्थियों ने कहा-भरोसा उठ गया एनटीए से

एक अभ्यर्थी ने लिखा है कि उनका भरोसा एनटीए से उठ गया है. इस प्रकार के हाइ लेवल एग्जाम का प्रश्नपत्र का लीक होना काफी दुखद है. इससे उनके जैसे लाखों अभ्यर्थियों का मनोबल डाउन हुआ है. अब ऐसा लग रहा है कि पिछले एग्जाम में प्रश्नपत्र लीक होने का जो मुद्दा उठा था, कहीं न कहीं उस बात में भी सच्चाई थी. लीक होने की वजह से ही पिछली बार कटऑफ हाइ हुआ था.

लगातार विवादों में रही है मेडिकल प्रवेश परीक्षा

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाले नीट यूजी में हर साल विवाद सामने आते हैं. नीट यूजी से पहले एआइपीएमटी आयोजित होता था. दो बार पेपर लीक हुए. इसके अलावा परीक्षा के आयोजन में भी गड़बड़ियां लगातार सामने आती रही हैं, जिसमें प्रश्नपत्र में गलतियां और आयोजन में चूक होने का मामला भी सामने आया है. जिस तरह इस बार सॉल्वर व स्कॉलर पकड़े गये हैं, उससे ऐसा लगता है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई है.

आरटीआइ एक्टिविस्ट डॉ विवेक पांडेय ने कहा कि नीट यूजी लगातार विवादों में रहा है. साल 2014 और 2015 में हरियाणा से पेपर लीक हुआ. 2016 से बनारस और हल्द्वानी में लीक हुआ. 2017 में पटना से नीट का पेपर लीक हो गया. उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले ही मैंने जांच एजेंसी को पटना में पेपर लीक होने की बात की थी. लेकिन किसी भी एजेंसी ने संज्ञान नहीं लिया. परीक्षा में सॉल्वर के साथ काफी संख्या में डमी कैंडिडेट्स बैठाये गये हैं.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में कहा था कि यदि एक भी छात्र के साथ अन्याय होता है या एक भी फर्जी तरीके से डॉक्टर बनाया जाता है, तो ऐसे परीक्षा की प्रवित्रता भंग होती है. ऐसे में परीक्षा रद्द कराकर दोबारा परीक्षा कराने की जरूरत है. साल 2015 में एआइपीएमटी का तीन मई को हुआ पेपर आउट हो गया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. कोर्ट ने दोबारा परीक्षा के निर्देश दिये. इसलिए 25 जुलाई 2015 में एग्जाम दोबारा लिया गया था.

हर साल नीट यूजी के पूछे जाने वाले एक या दो प्रश्नों पर विवाद खड़ा होता है, इन्हीं पर अभ्यर्थी विरोध भी करते हैं. 2022 में भी नीट यूजी परीक्षा में गड़बड़ी होती है और कई विद्यार्थी इनको लेकर न्यायालय की शरण में चले जाते हैं. इसी के चलते ही परीक्षा का रिजल्ट और काउंसलिंग प्रभावित होती है.

2016 में एआइपीएमटी के जगह हुआ नीट

साल 2016 में एआइपीएमटी की परीक्षा मई महीने में थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ही एआइपीएमटी को हटाकर नीट यूजी को मान्यता दे दी थी. सभी को नीट यूजी के दायरे में लाने की घोषणा भी कर दी गयी. ऐसे में एक मई वाली परीक्षा को नीट यूजी-1 माना गया. छूटे गये विद्यार्थियों के लिए 24 जुलाई को नीट यूजी-2 की परीक्षा हुई थी. हालांकि इसमें पहले परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को ऑप्शन में छूट दी गयी थी कि वह इसमें भाग ले भी सकते हैं और नहीं भी.

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