15.1 C
Ranchi
Friday, February 14, 2025 | 05:03 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Video पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की कलंक कथाः नियमों को ताक पर रखकर यहां बनाये जाते थे प्रभारी प्राचार्य

Advertisement

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह पर लगे गंभीर आरोपों के बाद उन्हें पदमुक्त कर दिया गया. लेकिन, उनके कारनामों को लेकर चर्चाए थमने का नाम नहीं ले रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

राजेश कुमार ओझा/ठाकुर शक्तिलोचनः

पटना. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह पर लगे गंभीर आरोपों के बाद उन्हें पदमुक्त कर दिया गया. प्रो आरके सिंह को पाटलिपुत्र विवि का नया कुलपति बनाया गया है. बुधवार को राजभवन ने इसकी अधिसूचना जारी की. वहीं अब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पर भी गंभीर आरोप लगने लगे हैं. बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से काम करने का आरोप लगा है.

रजिस्ट्रार की भूमिका पर भी उठे सवाल

विवादों में घिरे पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के पूर्व प्रभारी कुलपति एसपी सिंह के साथ ही अब रजिस्ट्रार की भूमिका पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं. विश्वविद्यालय के कर्मी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर जानकारी दी कि यहां तमाम नियमों को ताक पर रखकर बड़े लेवल का खेल खेला जा रहा था. जिसमें रजिस्ट्रार की भी बड़ी भूमिका है. आरोप लगाया गया है कि दूसरे महाविद्यालयों से शिक्षकों को लाकर प्रभारी बनाया गया है. जबकि बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत यह प्रावधान है कि कोई भी प्रभारी प्राचार्य उसी कॉलेज में कार्यरत वरीयतम शिक्षक को बनाया जा सकता है.

रजिस्ट्रार पर आरोप लगाते हुए जानकारी दी गई कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की अवहेलना कर कुछ शिक्षकों को गलत तरीके से प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है. इसमें बड़े स्तर पर धनउगाही का आरोप भी लगाया गया है. विश्वविद्यालय में यह चर्चा का विषय भी रहा है. सूत्रों की मानें तो ये काम विवादों में घिरे पूर्व प्रभारी प्राचार्य एसपी सिंह और रजिस्ट्रार जितेंद्र सिंह की मिलीभगत से हुआ है.

नियमों को ताक पर रखकर ये बने प्रभारी प्राचार्य

नियमों को ताक पर रखकर बीएस कॉलेज दानापुर के अंजुम अशर्फी को एमएम कॉलेज बिक्रम का प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया. डॉ विकास सिंह को बीएड कॉलेज से जेजे कॉलेज रामबाग, बिहटा का प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया. डॉ रामकिशोर सिंह को बीएड कॉलेज से एसएमडी कॉलेज पुनपुन का प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया. डॉ जनार्दन प्रसाद सिंह को बीएड कॉलेज से एसयू कॉलेज हिलसा का प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया. वहीं डॉ ध्रुव सिंह जो अभी एएनएस कॉलेज बाढ़ से उन्हें बीएड कॉलेज से लाकर प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है. जबकि इन पदों पर नियम के अनुसार, संबंधित कॉलेज के ही वरीयतम शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाना था.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें