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Exclusive: मृतक पर एफआईआर से परिजन परेशान, पुलिस की कार्रवाई पर खड़े हुए सवाल

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रामेश्वर सिंह की मृत्यु 10 साल पहले हो चुकी है, इसी को लेकर रामेश्वर सिंह के परिवार के लोगों के द्वारा यह बताया गया कि पुलिस कितनी गंभीरता से किसी घटना को लेकर कार्रवाई करती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है

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कैमूर जिले में 10 साल पहले जिसकी मृत्यु हो चुकी है, वह व्यक्ति भी अब शांति व्यवस्था भंग कर सकता है… ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कैमूर पुलिस के द्वारा भभुआ थाना क्षेत्र के बारे गांव निवासी रामेश्वर सिंह जिनकी 10 साल पहले मृत्यु हो चुकी है, उनके खिलाफ अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा 107 की कार्रवाई प्रारंभ करने के लिये भेजा गया नोटिस कह रहा है.

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यही नहीं नोटिस में यह भी कहा गया है कि उक्त व्यक्ति शांति व्यवस्था भंग किये जाने की आशंका को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा 3 जनवरी को उनके न्यायालय में स्वयं उपस्थित होकर यह स्पष्टीकरण दे कि क्यों नहीं उससे धारा 107 के तहत भविष्य में शांति व्यवस्था भंग ना करें इसके लिये एक लाख का बंध पत्र भरवारा जाये. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस व्यक्ति की 10 साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है वह कैसे अनुमंडल पदाधिकारी के यहां स्वयं उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण देगा.

उक्त मामले में बड़ी बात यह है कि जिस तरह से भभुआ थाने की पुलिस द्वारा 107 की कार्रवाई प्रारंभ करने के लिये अनुशंसा किया गया है वह यह स्पष्ट रूप से बता रहा है कि पुलिस के द्वारा थाने में बैठे-बैठे ही बगैर कोई जांच पड़ताल किये 107 की कार्रवाई प्रारंभ करने के लिये अनुशंसा रिपोर्ट अनुमंडल पदाधिकारी के यहां भेज दिया गया है और अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा भी थाने से भेजे गये रिपोर्ट के आधार पर 10 साल पहले मर चुके व्यक्ति को नोटिस जारी कर दिया गया है. उक्त नोटिस 16 दिसंबर 2024 को अनुमंडल पदाधिकारी के कोर्ट से जारी किया गया है.

पैक्स चुनाव को लेकर दो पक्षों में चल रहा था विवाद


दरअसल बीते एक महीने पहले हुये पैक्स चुनाव को लेकर बारे गांव में कमलेश सिंह एवं जगनारायण सिंह के बीच विवाद चल रहा है. दोनों पक्षों के विवाद की जानकारी जब भभुआ थाने की हुयी तो दोनों पक्ष के लोगों पर 107 नया धारा 126 के तहत कार्रवाई प्रारंभ करने की अनुशंसा अनुमंडल पदाधिकारी भभुआ को की गयी, लेकिन पुलिस पदाधिकारी के द्वारा यह जांच नहीं किया गया कि उक्त विवाद में किन-किन लोगों से जो तनाव चल रहा है उसमें शांति व्यवस्था भंग हो सकती है.

पुलिस पदाधिकारी के द्वारा बगैर जांच पड़ताल के ही दोनों पक्षों के कुल 9 लोगों पर 107 की कार्रवाई प्रारंभ करने की अनुशंसा कर दी गयी और उसी के आधार पर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा भी दोनों पक्ष के नौ लोगों पर नोटिस भी जारी कर दिया गया. जबकि, उनमें से एक व्यक्ति रामेश्वर सिंह की मृत्यु करीब 10 साल पहले 27 अप्रैल 2015 को हो चुकी है. अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा 107 की कार्रवाई प्रारंभ करने की जो नोटिस भेजी गयी है उसमें पहले पक्ष में कमलेश सिंह, मिथिलेश कुमार सिंह, प्रवीण कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, रामेश्वर सिंह एवं महेंद्र सिंह शामिल हैं. वहीं दूसरे पक्ष से जगनारायण सिंह, शैलेंद्र सिंह एवं अंकित सिंह है.

पुलिस की कार्रवाई पर खड़े हुे सवाल

सभी भभुआ थाना क्षेत्र के बड़ा गांव के निवासी हैं. इसमें पहले पक्ष के पांचवें नंबर पर रामेश्वर सिंह की मृत्यु 10 साल पहले हो चुकी है, इसी को लेकर रामेश्वर सिंह के परिवार के लोगों के द्वारा यह बताया गया कि पुलिस कितनी गंभीरता से किसी घटना को लेकर कार्रवाई करती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस व्यक्ति की 10 साल पहले मृत्यु हो गयी है उसके ऊपर 107 की कार्रवाई प्रारंभ की जा रही है. यह मामला स्पष्ट रूप से बता रहा है कि पुलिस बगैर मामले की जांच पड़ताल किये एवं बगैर घटनास्थल पर गये सिर्फ कागजी खानापूर्ति करती है.


पुलिस ने दिया यह जवाब

भभुआ के थानेदार मुकेश कुमार ने बताया कि उक्त मामले की जानकारी हमें हुयी है. संबंधित सब इंस्पेक्टर से जब उक्त मामले में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि भूलवश मेरे द्वारा मृत व्यक्ति का नाम लिखा गया है मृत व्यक्ति का नाम 107 की कार्रवाई से हटाने के लिये अग्रेतर कार्रवाई करने का आदेश दे दिया गया है.

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