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जहानाबाद जेल ब्रेक कांड के आरोपित शिव शंकर की पीएमसीएच में मौत, 30 लाख का इनामी था नक्सली शिव शंकर

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कुख्यात नक्सली शिवशंकर उर्फ शिवजी उर्फ त्यागी जी उर्फ बाबा की पीएमसीएच में इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गयी. 70 वर्षीय नक्सली शिवशंकर काफी समय से बीमार चल रहा था और इसे शूगर की बीमारी थी और उसकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं.

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कुख्यात नक्सली शिवशंकर उर्फ शिवजी उर्फ त्यागी जी उर्फ बाबा की पीएमसीएच में इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गयी. 70 वर्षीय नक्सली शिवशंकर काफी समय से बीमार चल रहा था और इसे शूगर की बीमारी थी और उसकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं. बेऊर जेल में बंद नक्सली शिवशंकर की हालत खराब होने के बाद उसे पीएमसीएच में 22 अप्रैल को भर्ती कराया गया था.

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2015 में हुआ था गिरफ्तार 

बताया जाता है कि इन्हें 2015 में जहानाबाद के घोषी इलाके से पुलिस टीम ने गिरफ्तार करने में सफलता पायी थी और उस समय से ही वह जेल में बंद था. वह काफी दिन गया जेल में रहा और बेऊर जेल में सुरक्षा व स्वास्थ्य कारणों को लेकर 11 अप्रैल 2021 को लाया गया था. शिवशंकर औरंगाबाद के रफीगंज के गोह थाना के पछरिया गांव का रहने वाला था और उसके खिलाफ 37 मामले लंबित थे.

2021 में मिली थी आजीवन कारावास की सजा 

23 जनवरी 2021 को कोर्ट ने उसे एक मामले में आजीवन कारावास की सजा दी थी. इसको 21 जून 2015 में जहानाबाद के घोषी इलाके से एक सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसने कई घटनाओं को अंजाम देकर परेशान कर रखा था और इसे पकड़ने के लिए उस समय सरकार ने 30 लाख का इनाम भी घोषित किया था.

2005 में जेल ब्रेक की घटना को दिया था अंजाम 

15 नवंबर 2005 को जहानाबाद जेल ब्रेक की घटना को अंजाम देने में वह शामिल रहा था. नक्सलियों के नेता अरविंद सिंह उर्फ देवकुमार सिंह के नेतृत्व की नक्सलियों की टीम में शिवशंकर भी शामिल था. नक्सलियों ने जहानाबाद जेल पर हमला कर कुख्यात नक्सली अजय कानू समेत दो सौ कैदियों को जेल से निकाल लिया था.

पुलिसकर्मियों की आंखों में लाल मिर्च झोंक कर हुआ था फरार 

हालांकि बाद में अजय कानू व अन्य को पुलिस टीम ने फिर से गिरफ्तार कर लिया था. शिवशंकर नक्सलियों के गुरिल्ला दल का नेतृत्व करता था. पुलिस ने जहानाबाद जेल ब्रेक के बाद उसे गिरफ्तार करने में सफलता पायी थी. लेकिन वह पेशी के लिए कोर्ट जाने के क्रम में लाल मिर्च का पाउडर पुलिसकर्मियों की आंखों में झोंक कर फरार होने में सफल रहा था. इसके बाद पुलिस टीम ने इसे मसौढ़ी इलाके में घेर लिया था और दोनों ओर से घंटों फायरिंग हुई थी. इसमें एक पुलिस पदाधिकारी की मौत हो गयी थी.

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