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ज्ञान की देवी की कृपा के बिना अविनाशी को देखना संभव नहीं : स्वामी चिदात्मन

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श्रीसाईं बाबा सेवा समिति की ओर से अनिसाबाद पुलिस कालोनी स्थित मंदिर में लक्षाहुति अंबा महायज्ञ के ज्ञान मंच से संत शिरोमणि करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन महाराज ने कहा कि मां सर्वरूपमयी हैं.

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लाइफ रिपोर्टर @ पटना श्रीसाईं बाबा सेवा समिति की ओर से अनिसाबाद पुलिस कालोनी स्थित मंदिर में लक्षाहुति अंबा महायज्ञ के ज्ञान मंच से संत शिरोमणि करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन महाराज ने कहा कि मां सर्वरूपमयी हैं. वेदत्रयी ने जिसे कहा नेति-नेति भला उनका गुणानुवाद कौन कर सकता है, वह तो गुणातीत, कालातीत है उसे अविकारी ही जान सकता है. उन्होंने कहा कि जब तक हम ऊपर नहीं उठेंगे तब तक उसे कोई समझ नहीं सकता. भारत अनादि काल से सत्यानुवेषी रहा है. जो मानव को मानवत्व का बोध कराने वाली है. वास्तव में या विद्या सा विमुक्तये सत्य यही है. लेकिन वर्तमान परिवेश में मानव विद्या का अर्थ धनोपार्जन, सुखोपभोग ही समझ बैठा है, जो असत्य है. इन दो आंखों से दिखाई देने वाला तो सभी नश्वर ही हैं. हमें अविनाशी को देखने के लिए तीसरी आंख की जरूरत होती है, जिसे ज्ञान की देवी की कृपा बिना नहीं देख सकते. अर्थात उस सत्य को जानने के बाद तीसरी आंख स्वतः खुल जाती है. आत्मदर्शी स्वेच्छा से प्रारूप लेते हैं एवं अपनी इच्छा से संवरित हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि यज्ञ स्थल पर स्थापित तीन ध्वज इंद्रध्वज, हनुमत ध्वज एवं राष्ट्र ध्वज का भी अलग-अलग विशद वर्णन किया.जहां इंद्र देवता के पोषक देव हैं, वहीं राष्ट्र ध्वज भारत की शान, प्राण, पहचान एवं गौरव हैं. इस महायज्ञ के संचालन और व्यवस्था में साईं मंदिर सेवा समिति के सदस्य चंदन, मुन्ना, प्रवीण, राजेश कुमार का महत्वपूर्ण योगदान है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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