चार माह से चल रही विभागीय जांच, नहीं हुई कोई कार्रवाई
यौनशोषण की पीड़िता के साथ लापरवाही के मामले में गांधी मैदान थाना पुलिस के खिलाफ हो रही जांच अब सुस्त पड़ गयी है.
संवाददाता, पटना यौनशोषण की पीड़िता के साथ लापरवाही के मामले में गांधी मैदान थाना पुलिस के खिलाफ हो रही जांच अब सुस्त पड़ गयी है. पुलिस के वरीय अधिकारी ने अपने विभागीय कर्मियों पर पीड़िता को तीन दिन थाने में रखने और उसके साथ मारपीट करने के मामले में चार माह बीतने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. दरअसल, मामला झारखंड की रहने वाली युवती का है, जिससे जीआरपी जवान ने शादी का झांसा देकर यौनशोषण किया था. इस मामले में पुलिस ने पहले तो प्राथमिकी दर्ज कराने में एक महीने की देरी की. यही नहीं, जब पीड़िता की मेडिकल जांच होनी चाहिए थी, उस समय उसे तीन दिन थाने में रखने के बाद भगा दिया. करीब एक महीने के बाद इसी मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपित जीआरपी जवान को जेल भी भेजा, पीड़िता की मेडिकल जांच भी करायी, जो एक महीने पहले होनी चाहिए थी और फिर बयान भी करवाया. इस मामले में पुलिस के आला अधिकारी ने तीनों प्रशिक्षु दारोगा (पीएसआइ) अविनाश, पंकज, राहुल व महिला सिपाही के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी, लेकिन चार महीने बीत गये, पर अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. पीड़िता ने बताया कि उसे लिखना व पढ़ना नहीं आता है. इसलिए उसने सिविल कोर्ट में एक वकील से पूरा मामला लिखवाया और आइजी के पास पहुंची. आइजी ने उसी आवेदन को सेंट्रल एसपी के पास फॉरवर्ड कर दिया. इसके बाद सेंट्रल एसपी ने उसे थाने में फॉरवर्ड कर दिया. इसके बाद थाने में केस दर्ज हुआ, लेकिन इसमें भी पुलिस ने लापरवाही बरती. जिस आवेदन में पीड़िता ने यौनशोषण होने से लेकर गांधी मैदान थाने की पुलिस द्वारा मारपीट और बदसलूकी की बात लिखी थी, उसमें से पुलिस ने सिर्फ यौनशोषण का मामला दर्ज कर लिया और तीनों पीएसआइ व महिला सिपाही का नाम नहीं दिया. हैरत तो तब हुई, जब पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने पहले आवेदन पीड़िता के सामने लिखा, उसमें तीनों पीएसआइ व महिला सिपाही का जिक्र था, लेकिन जब प्राथमिकी हुई, तो उसमें तीनों के नाम ही गायब थे. तत्कालीन टाउन डीएसपी ने कहा था कि पीड़िता से हुई है मारपीट : इस मामले में जांच बैठने के बाद तत्कालीन टाउन डीएसपी अशोक कुमार सिंह ने ऑन रिकॉर्ड मीडिया के सामने कहा था कि पीड़िता के साथ मारपीट हुई है. उसे थाने में रखा गया था. उन्होंने कहा था कि जल्द ही कार्रवाई की जायेगी, लेकिन इसके बाद तीनों पर विभागीय जांच बैठ गयी.
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