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आयकर विभाग को पटना में 5200 बड़े जमीन खरीददार की खोज, रजिस्ट्री ऑफिस भी रेडार पर

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Income Tax : आयकर की टीम पटना निबंधन कार्यालय की हार्ड ड्राइव के सभी डाटा को कॉपी करके अपनेसाथ लेकर गई है. इसकी सघन समीक्षा करने के बाद ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. यह देखा जाएगा कि कितने साल से निबंधन कार्यालय ने सही आंकड़ा आयकर विभाग को नहीं दिया है. कैसे-कैसे जमीन खरीददारों की जानकारी छिपाई गई है. सभी डाटा का सत्यापन किया जा रहा है.

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Income Tax : पटना. आयकर विभाग को 5200 ऐसे जमीन खरीदारों की तलाश है जिन्होंने एक वर्ष के दौरान पटना जिले में 30 लाख या उससे अधिक की कीमत वाली जमीन की खरीददारी की है. जिला रजिस्ट्री ऑफिस को इस बात की जानकारी समय-समय पर आयकर विभाग को देनी होती है, लेकिन विभाग को अब तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है. ऐसे में जिला निबंधन कार्यालय भी आयकर विभाग की रेडार पर हैं. आयकर विभाग अब इस संबंध में जानकारी एकत्र कर रहा है और माना जा रहा है कि जल्द ही विभाग इस मामले में बड़ी कार्रवाई करेगा. बताया जात रहा है कि इन 5200 जमीनों की खरीद का मूल्य 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है.

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निबंधन कार्यालय में खंगाले जा रहे दस्तावेज

पिछले दिनों आयकर विभाग की आपराधिक अन्वेषण इकाई ने पटना जिला के निबंधन कार्यालय का सर्वेक्षण किया. आयकर विभाग के अधिकारियों ने कई घंटों तक कार्यालय में दस्तावेज को खंगाला. कई कागजातों की जांच की. इस दौरान 2021-22 से 2023- 24 के बीच तीन वर्ष के दौरान जमीन निबंधन की निर्धारित न्यूनतम सरकारी मूल्य (एमवीआर) 30 लाख रुपये या इससे अधिक मूल्य की जमीन के बारे में पूरी जानकारी एकत्र की. विभागीय जानकारी के अनुसार इस श्रेणी के लोगों की संख्या 5200 से अधिक है. इन सभी की सूची आयकर विभाग अपने साथ ले गई है. इनकी समुचित तरीके से जांच होगी. यह देखा जाएगा कि इन जमीनों की खरीद का सही स्रोत क्या है.

निबंधन विभाग पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई

आयकर विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि नियमानुसार निबंधन कार्यालय को 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य की जितनी जमीन का निबंधन होता है, उसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी है, परंतु निबंधन कार्यालय बड़ी संख्या में इन सूचनाओं को छिपाया है. कुछ सूचनाएं दी गयी, तो वे उसमें पैन संख्या गलत है या कई तरह की जानकारी सही नहीं होती है. इस कारण से इन लोगों को खोज पाना संभव नहीं हो पा रहा है. इसके मद्देनजर आयकर विभाग की विशेष टीम ने यह सर्वेक्षण किया है. इस दौरान व्यापक स्तर पर गड़बड़ी पाई गई हैं. उन्होंने कहा कि अभी पूरे मामले की जांच चल रही है. इसके बाद आयकर महकमा आगे की कार्रवाई करेगा. आयकर विभाग निबंधन कार्यालय पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगा सकता है.

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