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Bihar Sand: खनन में गड़बड़ी पर अब होगी बड़ी कार्रवाई, ट्रक से ट्रैक्टर तक सब पर भारी जुर्माना तय

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Bihar Sand: बिहार में बालू, गिट्टी और खनिज के अवैध खनन एवं परिवहन पर अब अंकुश लगाने की सरकार ने तैयारी कर ली है. इसके लिए नई नियमावली को मंजूरी दी गई है. जिसके तहत 50 हजार से 10 लाख तक जुर्माना लगाया जाएगा.

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Bihar Sand: बिहार में बालू व अन्य खनिज के बेहतर प्रबंधन के साथ-साथ अवैध खनन और परिवहन पर अंकुश लगाने के लिये नियम को सख्त किया गया है.बालू, गिट्टी समेत अन्य सभी खनिजों का खनन, भंडारण और परिवहन में गड़बड़ी करने वालों से अब भारी जुर्माना वसूला जाएगा. इसके लिये बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) (संशोधन) नियमावली 2024 के समेत 22 प्रस्तावों स्वीकृति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में दी गयी.

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खनिज नियामवली के अनुसार बंदोबस्तधारी द्वारा खनिज के अवैध परिवहन को प्रोत्साहित करने की स्थिति में (वैध चालान से अधिक मात्रा वाहन में लादने की स्थिति में) पहली बार पकड़े जाने पर पांच लाख रुपये प्रति गाड़ी और दूसरी बार से प्रत्येक बार दस लाख रुपये प्रति गाड़ी जुर्माना का लगाये जाने का प्रावधान किया है. उल्लेखनीय है कि 15 जून से 15 अक्टूबर तक राज्य में बालू खनन पर रोक रहती है. 16 अक्टूबर से बालू खनन शुरु होगा.

एक लाख से दस लाख तक जुर्माना

अब बालू समेत सभी खनिजों का नियम विपरित अनिबंधित और नॉन कमर्शियल गाड़ियों से परिवहन एवं भंडारण करने वाले ट्रैक्टर एवं ट्राली से एक लाख, मेटाडोर/हाफ ट्रक (407, 408) से 2.50 लाख, फूल बॉडी ट्रक/वाहन (6 चक्का) से चार लाख और डंपर (6चक्का)/10 या उससे अधिक चक्का वाले वाहन से आठ लाख रुपये जुर्माना वसूले जाएंगे.वहीं क्रेन, नाव, एक्सकावेटर, लोडर, पावर हैमर, कम्प्रेशर, ड्रिलिंग मशीन एवं अन्य समरूप क्षमता के मशीन से 10 लाख वसूले जाएंगे. जीपीएस नहीं होने पर ट्रैक्टर से 20 हजार और अन्य बड़े वाहनों को एक लाख जुर्माना देना होगा.

गाड़ियां जीपीएस लगी हो और निर्धारित रंग भी दिखना होगा अनिवार्य

गाड़ियों को जीपीएस युक्त और विभाग द्वारा तय विशिष्ट रंग और तय शब्द लिखा होना अनिवार्य बनाया गया है. जीपीएस नहीं होने पर ट्रैक्टर से 20 हजार और अन्य बड़े वाहनों को एक लाख जुर्माना देना होगा. विभाग द्वारा तय विशिष्ट रंग बिना गाड़ियों को चालान बना तो पहली बार पकड़े जाने पर एक लाख और फिर दोबारा पकड़े जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. गीला बालू ढोने पर ट्रैक्टर से पांच हजार और अन्य बड़े वाहनों को 25 हजार जुर्माना देना होगा. वहीं बिना ढके बालू ढोने पर ट्रैक्टर को पांच हजार और अन्य बड़े वाहनों को 25 हजार रुपए जुर्माना देना होगा.

सीमांकन नहीं किया तो पांच लाख जुर्माना

खनन का ठेका लेने वालों पर कई अन्य तरह के विलंब करने पर जुर्माना भी लगाये जायेंगे. बालू खनन का ठेका लेने वाले बंदोबस्तधारी पर खनन स्थल पर जीआइएस मैप/जियो कॉर्डिनेट के साथ सीमांकन नहीं करने पर पांच लाख जुर्माना लगेगा. साइन बोर्ड नहीं लगाने, पानी का छिड़काव नहीं करने, लाइट की व्यवस्था नहीं करने और खनन योजना के अनुसार वृक्षारोपण नहीं करने पर प्रत्येक के लिए 50-50 हजार जुर्माना देना होगा.

इतना ही नहीं खनन का ठेका लेने वालों पर कई अन्य तरह के विलंब जुर्माना भी लगाये गये हैं. खनन योजना तैयार करने की स्थिति में सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद निर्धारित समय में खनन योजनाा प्रस्तुत नहीं करने पर पहले एक सप्ताह के देरी के लिये एक लाख, अगले एक सप्ताह की देरी के लिये दो लाख और अगले दो सप्ताह की देरी पर उच्चतम बोली का 0.5% जुर्माना लगाया जाएगा. पर्यावरणीय मंजूरी के लिये आवेदन नहीं देने पर बंदोबस्तधारी की मंजूरी रद्द करते हुए प्रतिभूति राशि जब्त कर ली जाएगी.

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एलओआइ मिलने के 15 दिनों के अंदर विभाग में देना होगा आवेदन

वर्तमान में बालू या अन्य खनिज खनन के लिये पर्यावरणीय स्वीकृति लेने में औसतन आठ से दस माह का समय लग जाता है. कुछ मामलों में बंदोबस्तधारी द्वारा देर किया जाता है और कुछ मामलों में प्रक्रियात्मक विलंब भी होता है. नियमावली में संशोधन होने से सरकार पर्यावरणीय स्वीकृति के लिये किसी एजेंसी या पदाधिकारी को प्राधिकृत कर पायेगी. इसके बाद ई-नीलामी कर बंदोबस्ती के 15 (पन्द्रह) दिनों के अंदर खनन पट्टा का संचालन शुरू हो सकेगा. यह अन्य राज्यों में प्रचलित व्यवस्था के अनुसार है और इससे समय की बचत होगी. इसके लिये बंदोबस्तधारी को सैद्धांतिक स्वीकृत्यादेश (एलओआइ ) मिलने के 15 दिनों के अंदर विभाग में अनुमोदन के लिये आवेदन देना होगा.

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