21.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 11:48 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पटना के महावीर मंदिर में रविवार को मनाया जाएगा हनुमानजी की जन्मोत्सव, नवाह पाठ का समापन और हवन भी होगा

Advertisement

हनुमान जयंती के पहले महावीर मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस का नवाह पाठ भी किया जा रहा है. शनिवार 15 अक्टूबर को कलश स्थापन के साथ 9 दिवसीय रामचरितमानस नवाह पाठ की शुरुआत हुई थी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पवनपुत्र हनुमान जी के दो विग्रहों वाले पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन रविवार को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. उत्सव के दौरान मुख्य पूजा मंदिर प्रांगण स्थित हनुमान ध्वज स्थल पर होगी. सुबह साढ़े दस बजे महावीर मंदिर के मुख्य पुरोहित पंडित जटेश झा के निर्देशन में ध्वज पूजा होगी. मुख्य ध्वज और शनि भगवान के समीप स्थित ध्वज बदले जाएंगे इसके बाद दिन के 12 बजे हनुमान जी की जन्म आरती होगी. इस अवसर पर हनुमान जी को सवामनी नैवेद्यम का विशेष भोग लगाया जाएगा. आरती के बाद मंदिर परिसर में उपस्थित भक्तों के बीच सवामनी नैवेद्यम और हलवा प्रसाद का वितरण होगा.

- Advertisement -

नवाह पाठ भी किया जा रहा

हनुमान जयंती के पहले महावीर मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस का नवाह पाठ भी किया जा रहा है. शनिवार 15 अक्टूबर को कलश स्थापन के साथ 9 दिवसीय रामचरितमानस नवाह पाठ की शुरुआत हुई थी. महावीर मंदिर के ऊपरी तल्ले पर मधुबनी जिले से आयी 11 सदस्यीय मंडली यह पाठ कर रही है. हनुमान जयंती के दिन रविवार को इसका समापन होगा.

रामानन्द परंपरा के अनुसार मनती है हनुमान जयंती

पूरे देश में हनुमान जयंती को अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में परंपरा के अनुसार हनुमान जयंती दो अलग अलग तिथियों पर मनाया जाता है. देश के कई हिस्सों में यह चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जबकि अयोध्या में और रामानंद संप्रदाय के लगभग सभी केंद्रों में यह कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के 14 वें दिन मनाया जाता है .

हनुमान जयंती मनाने के सम्बन्ध में वास्तव में केवल एक प्रामाणिक ग्रन्थ रामानंदाचार्य रचित वैष्णव-मताब्ज-भास्कर है. महान क्रांतिकारी संत जिन्होंने “जात पाँत पूछै नहीं कोई, हरि को भजै सो हरि को होई” का नारा दिया. रामानन्दाचार्य ने संत कबीर, संत रैदास और समाज के कमजोर वर्गों से अपने शिष्यों के रूप में अपनाया. उन्होंने हिंदू के कई पहलुओं पर चर्चा की. वैष्णव-मताब्ज-भास्कर को अंतिम सहस्राब्दी का सबसे क्रांतिकारी संस्कृत ग्रन्थ माना जाता है. सौभाग्य से स्वामी रामानंदजी ने अपनी पुस्तक में राम-नवमी, जन्माष्टमी और हनुमान जयंती जैसे कई व्रतों (व्रत) की चर्चा की है.

हनुमत-जन्म-व्रतोत्सव पर चर्चा करते हुए स्वामी रामानंदजी ने लिखा

स्वात्यां कुजे शैवतिथौ तु कार्तिके

कृष्णेऽञ्जनागर्भत एव मेषके।

श्रीमान् कपीट् प्रादुरभूत् परन्तपो

व्रतादिना तत्र तदुत्सवं चरेत्।।

इस श्लोक का अर्थ है- कपियों में श्रेष्ठ हनुमान जी का जन्म अंजना के गर्भ से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 14 वें दिन हुआ था. उनके जन्म दिन के अवसर पर व्रत, उत्सव आदि करना चाहिए. जगद्गुरु रामानन्दाचार्य के द्वारा समर्थित होने के कारण सम्पूर्ण उत्तर भारत में प्राचीन काल से कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को हनुमान जयंती मनाने की परम्परा रही है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें