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HomeBiharPatna2030 तक सार्वजनिक परिवहन, 2040 तक माल वाहन भी बिजली से चलेंगे

2030 तक सार्वजनिक परिवहन, 2040 तक माल वाहन भी बिजली से चलेंगे

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– बिहार में पर्यावरण संरक्षण को लेेकर ऊर्जा, कृषि, परिवहन, भवन व उद्योग विभाग ने बनायी रणनीति

– 2030 तक पटना, गया और मुजफ्फरपुर में इलेक्ट्रॉनिक मालवाहक चलेंगे, स्क्रैपिंग प्लांट भी लगेंगे

मनोज कुमार, पटना

बिहार में पर्यावरण संतुलित रखने की कवायद सरकार की ओर से की जा रही है. ऊर्जा, परिवहन, भवन निर्माण, उद्योग और कचरा सेक्टर को फोकस रख योजनाएं तैयार की जा रही हैं. जलवायु अनुकूल कृषि की तैयारी हो रही है. पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बसों को चलाना तय किया गया है. आगामी वर्ष 2030 तक हर साल सौ इलेक्ट्रॉनिक बसें बिहार में चलायी जायेंगी. केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर इन बसों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में चलाया जायेगा. पीपीपी मोड पर स्क्रैपिंग प्लांट लगेंगे. इसके साथ ही वर्ष 2030 तक पटना, गया और मुजफ्फरपुर में इलेक्ट्रॉनिक हल्के मालवाहकों को चलाने तैयारी है. विद्युतीकृत माल वाहकों को वर्ष 2040 तक राज्य के सभी बड़े शहरों में चलाया जायेगा.

चरणवार खत्म किये जायेंगे कोयला बिजली संयंत्र

पर्यावरण को नियंत्रित रखने के लिए ऊर्जा सेक्टर को फोकस किया गया है. स्मार्ट ग्रिड बनाये जायेंगे. बिजली की हानि 15 फीसदी तक करने का वर्क प्लान बनाया गया है. अभी 15 फीसदी से अधिक बिजली की हानि हो रही है. राजगीर और मोतिहारी में लाइट हाउस कार्यक्रम चलाये जायेंगे. चरणवार कोयला बिजली संयंत्रों को खत्म करने पर काम किया जायेगा. एनटीपीसी के साथ मिलकर राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुसार इस पर काम किया जायेगा.

बिहार में गैर परंपरागत ऊर्जा में 20 हजार करोड़ का मार्केट

राज्य में गैर परंपरागत ऊर्जा में 20 हजार करोड़ रुपये के मार्केट होने का आकलन किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, जीविका की ओर से इस पर कार्य किये जा रहे हैं. जे-वायर्स और नवीकरणीय ऊर्जा समाधान के लिए जीविका दीदियां काम कर रही हैं. इससे राज्य के लगभग 20 लाख लोग सीधे लाभान्वित होंगे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2020 में शुरू की थी पहल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की जलवायु को बेहतर रखने और कम कार्बन के लिए 2020 में रोडमैप बनाने की पहल की थी. मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित किया था. राज्य की जलवायु को बेहतर करने का रोडमैप बताया था. 12 फरवरी, 2021 को बिहार सरकार (बीएसपीसीबी) और यूएनइपी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये. इसी आलोक में कार्ययोजना तैयार की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

– बिहार में पर्यावरण संरक्षण को लेेकर ऊर्जा, कृषि, परिवहन, भवन व उद्योग विभाग ने बनायी रणनीति

– 2030 तक पटना, गया और मुजफ्फरपुर में इलेक्ट्रॉनिक मालवाहक चलेंगे, स्क्रैपिंग प्लांट भी लगेंगे

मनोज कुमार, पटना

बिहार में पर्यावरण संतुलित रखने की कवायद सरकार की ओर से की जा रही है. ऊर्जा, परिवहन, भवन निर्माण, उद्योग और कचरा सेक्टर को फोकस रख योजनाएं तैयार की जा रही हैं. जलवायु अनुकूल कृषि की तैयारी हो रही है. पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बसों को चलाना तय किया गया है. आगामी वर्ष 2030 तक हर साल सौ इलेक्ट्रॉनिक बसें बिहार में चलायी जायेंगी. केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर इन बसों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में चलाया जायेगा. पीपीपी मोड पर स्क्रैपिंग प्लांट लगेंगे. इसके साथ ही वर्ष 2030 तक पटना, गया और मुजफ्फरपुर में इलेक्ट्रॉनिक हल्के मालवाहकों को चलाने तैयारी है. विद्युतीकृत माल वाहकों को वर्ष 2040 तक राज्य के सभी बड़े शहरों में चलाया जायेगा.

चरणवार खत्म किये जायेंगे कोयला बिजली संयंत्र

पर्यावरण को नियंत्रित रखने के लिए ऊर्जा सेक्टर को फोकस किया गया है. स्मार्ट ग्रिड बनाये जायेंगे. बिजली की हानि 15 फीसदी तक करने का वर्क प्लान बनाया गया है. अभी 15 फीसदी से अधिक बिजली की हानि हो रही है. राजगीर और मोतिहारी में लाइट हाउस कार्यक्रम चलाये जायेंगे. चरणवार कोयला बिजली संयंत्रों को खत्म करने पर काम किया जायेगा. एनटीपीसी के साथ मिलकर राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुसार इस पर काम किया जायेगा.

बिहार में गैर परंपरागत ऊर्जा में 20 हजार करोड़ का मार्केट

राज्य में गैर परंपरागत ऊर्जा में 20 हजार करोड़ रुपये के मार्केट होने का आकलन किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, जीविका की ओर से इस पर कार्य किये जा रहे हैं. जे-वायर्स और नवीकरणीय ऊर्जा समाधान के लिए जीविका दीदियां काम कर रही हैं. इससे राज्य के लगभग 20 लाख लोग सीधे लाभान्वित होंगे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2020 में शुरू की थी पहल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की जलवायु को बेहतर रखने और कम कार्बन के लिए 2020 में रोडमैप बनाने की पहल की थी. मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित किया था. राज्य की जलवायु को बेहतर करने का रोडमैप बताया था. 12 फरवरी, 2021 को बिहार सरकार (बीएसपीसीबी) और यूएनइपी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये. इसी आलोक में कार्ययोजना तैयार की गयी है.

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