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Education News: बिहार के स्कूलों में एडमिशन की राह आसान बनायेगा इंटरेक्शन, नर्सरी और प्री-नर्सरी में शुरू हुई दाखिले की तैयारी

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Education News: बिहार के कई प्राइवेट और मिशनरीज स्कूलों में प्री-नर्सरी, नर्सरी और एलकेजी में एडमिशन शुरू हो चुकी है. पटना में कई स्कूलों में आवेदन फार्म निकला है.

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Education News: बिहार की राजधानी पटना के कई प्राइवेट और मिशनरीज स्कूलों में प्री-नर्सरी, नर्सरी और एलकेजी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि कई स्कूलों में इस माह के अंत तक आवेदन फॉर्म मिलना शुरू हो जायेगा. ज्यादातर स्कूल रजिस्ट्रेशन कराने व आवेदन फॉर्म भरने के लिए एक सप्ताह से ज्यादा का समय नहीं देते. इसलिए यह जरूरी है कि अभिभावक केवल फॉर्म भरने को लेकर चिंतित न रहें, बल्कि बच्चों की पर्सनालिटी ग्रूमिंग पर भी ध्यान दें. क्योंकि अभी बचे हुए समय में बच्चों की पर्सनालिटी ग्रूमिंग उन्हें एडमिशन के समय भीड़ से अलग करेगा और इससे मनचाहे स्कूल में दाखिले में आसानी होगी. आपके बच्चे की एडमिशन की राह को आसान बनाने के लिए प्रभात खबर ने एक्सपट्स व शिक्षकों से बातचीत की, पेश है अंबर की रिपोर्ट.

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बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों से भी रूबरू होंगे शिक्षक

शहर के स्कूलों में नर्सरी और एलकेजी में एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली इंटरेक्शन सेशन में बच्चों के साथ-साथ अभिभावक से भी शिक्षक से रूबरू होते हैं. इसमें शिक्षक बच्चों के अनुशासन, एटीट्यूड, नॉलेज और बातचीत के अंदाज पर ही उनका सेलेक्शन करते हैं. स्कूलों में एडमिशन से पहले बच्चों और अभिभावकों के इंटरेक्शन सेशन में शिक्षक इस पर भी नजर रखते हैं कि बच्चे कितने बोल्ड अंदाज में और कॉन्फिडेंस के साथ पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे हैं. इसके अलावा बच्चों की पॉजिटिव एटीट्यूड भी उन्हें भीड़ से अलग बनाती है. इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को शिक्षकों के सामने जाने पर उन्हें विश करने और अनुमति लेने के बाद ही क्लास में इंटर करने की सीख दें. अगर शिक्षक बच्चों को कोई टॉफी देते हैं, तो उसके रैपर को डस्टबीन में डालने जैसी बेसिक डिसिप्लिन को सिखाने को लेकर बच्चों की ग्रूमिंग करें.

बच्चों को हिंदी व अंग्रेजी के अक्षरों से करायें अवगत

अभिभावक इंटरेक्शन में तैयारी को लेकर केवल इंग्लिश अल्फाबेट की ही प्रैक्टिस कराते हैं, जबकि इंटरेक्शन में इंग्लिश के अलावा हिंदी के अक्षरों को भी पहचानने और लिखने के लिये दिया जाता है. इसके साथ ही बच्चों से विभिन्न रंगों, सब्जियों और फलों के नाम भी पूछे जाते हैं. अभिभावकों को इन बातों को ध्यान में रखकर बच्चों की प्रैक्टिस कराना एडमिशन में उपयोगी साबित होगा.

इंटरव्यू नहीं, बच्चों से होता है इंटरेक्शन

एक शिक्षिका से यह पूछे जाने पर कि क्या एडमिशन के समय बच्चों का इंटरव्यू लिया जाता है? इसपर उन्होंने बताया कि नर्सरी में एडमिशन कराने वाले स्टूडेंट्स की उम्र तीन प्लस होती है. इस उम्र में हम बच्चे का इंटरव्यू नहीं, उससे इंटरैक्शन करते हैं. उम्र के हिसाब से उसकी समझ कैसी है? वह बोल पा रहा है या नहीं? चीजों को पहचान पा रहा है या नहीं? हम एडमिशन से पहले यही देखते हैं. ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चे को बेसिक जानकारियां दें. कह सकते हैं कि बच्चों को अपने आसपास की चीजों के बारे में जानकारी हो. जैसे वह ऑब्जेक्ट, कलर और जानवरों की पहचान कर ले.

बच्चे को होनी चाहिए कुछ बेसिक जानकारी

इंटरैक्शन से पहले बच्चे को कुछ बेसिक जानकारी होना आवश्यक है. अभिभावक इस बात को ध्यान में रखें कि इंटरैक्शन से पहले बच्चे को स्कूल, पैरेंट्स, शहर, देश आदि का नाम जरूर पता हो. इसके अलावा बच्चे को अपने पेरेंट्स का नाम, घर के सदस्यों का नाम, घर का पता, उम्र, जन्मदिन और बॉडी पार्ट्स आदि की बेसिक जानकारी जरूर दें.

हिंदी और अंग्रेजी के अक्षरों से कराएं अवगत

मिशनरी स्कूल में एडमिशन को लेकर अभिभावकों का विशेष जोर इंग्लिश के अल्फाबेट या शब्द सिखाने पर रहता है, जबकि इंटरैक्शन में इंग्लिश के साथ-साथ हिंदी के अक्षरों को भी पहचानने के लिए दिया जाता है. इंग्लिश में कैपिटल और स्मॉल लेटर लिखने और पढ़ने की भी आदत दिलाएं. अभिभावकों को इन बातों को ध्यान में रखकर बच्चों की प्रैक्टिस कराना एडमिशन में सहायक साबित होगा.

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अभिभावक भी दें अपना बेस्ट

  • स्कूल में देरी से न पहुंचे. इंटरेक्शन में देर हो जाने पर आपका फर्स्ट इंप्रेशन ही गड़बड़ हो जायेगा.
  • इंटरेक्शन के दौरान अपने फाइनेंशियल स्टेटस का उतना ही जिक्र करें, जितना आपसे पूछा जाए. वहां जबरदस्ती एक्सट्रा बातें न करें.
  • अगर अपने बच्चे के एडमिशन के लिए कई स्कूलों में आवेदन किया है या इंटरेक्शन हुआ है, तो किसी दूसरे स्कूल में यह बात न बताएं.
  • किसी भी चीज व सुविधाओं के लिए किसी दूसरे स्कूल से तुलना करें .
  • इंटरेक्शन के दौरान सामने वाले से ओवर फ्रेंडली न हों.
  • स्कूल में इंटरेक्शन से पहले अपने बच्चे को भी तैयार कर लें.
  • बच्चे को अपने शहर और अभिभावकों के नाम की भी जानकारी होनी चाहिए.

इन दस्तावेजों को कर लें तैयार

  • पैरेंट्स और बच्चे का आधार कार्ड
  • इम्यूनाइजेशन सर्टिफिकेट
  • बर्थ सर्टिफिकेट (नगर निगम से बना हो)
  • फैमिली फोटोग्राफ
  • बच्चे की फोटो
  • उम्र सीमा
    नोट : अलग-अलग स्कूलों में नर्सरी व एलकेजी में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र भी निर्धारित की जाती है. एलकेजी में एडमिशन के लिये साढ़े तीन से साढ़े चार वर्ष तक बच्चे की उम्र होनी चाहिए.

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