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Diwali Mela: पटना में यहां लगा स्वदेशी उत्पादों का मेला, 40 से ज्यादा स्टॉल्स पर मिल रहे खास सामान

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Diwali Mela: राजीव नगर स्थित देव दरबार विवाह भवन में शुक्रवार से तीन दिवसीय दीपावली मेले की शुरुआत हुई. फेस्टिव सीजन को देखते हुए यहां 40 से अधिक स्टॉल लगाये गये हैं, जो अपने आप में बेहद खास हैं. यह मेला उन महिला उद्यमी को संबल प्रदान करता है, जो न सिर्फ स्वरोजगार से जुड़ा है बल्कि वे कई महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ रही हैं. इस मेले का आयोजन बिहार महिला उद्योग संघ की ओर से किया गया है. यह मेला त्योहारों में स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए प्रेरित करता है.

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Diwali Mela: बिहार महिला उद्योग संघ की ओर से शुक्रवार को पटना के राजीव नगर स्थित देव दरबार विवाह भवन में तीन दिवसीय ‘दीपावली मेला- 2024’ की शुरुआत हुई. मेला का उद्घाटन केवीआइसी के निदेशक एच एम मेवाती, एमएसएमइ डीएफओ पटना के सहायक निदेशक संजीव आजाद, ओम शिवा टेस्ट हाउस के सीइओ प्रत्यूष पुष्कर, बिहार विद्यापीठ के सीओओ प्रमोद कर्ण और बिहार महिला संघ की अध्यक्ष उषा झा ने किया.

लगाए गया 40 से अधिक स्टॉल

उद्घाटन के मौके पर उषा झा ने कहा कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य छोटे-छोटे उद्यमियों, जो दीपावली का दीया, तोरण, रेडीमेड रंगोली व घरों को सजाने के लिए सामग्री  बनाते हैं, उन्हें बाजार एवं नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराना हैं. ताकि उन्हें आत्मनिर्भरता के साथ अपने वस्तुओं को बेचने की कला भी आ सके. उन्होंने बताया कि 25-27 अक्तूबर तक चलने वाले मेले में 40 से अधिक स्टॉल्स लगाये गये हैं. मौके पर बिहार महिला उद्योग संघ की मेनका सिन्हा, किरण रंजन, साधना झा, पूर्णिमा रॉय, रुचि चौधरी, अंकिता तिवारी सहित संघ से जुड़ी महिलाएं मौजूद रहीं.

कंपीटीशन के साथ कई अवसर भी है

महिला उद्यमियों को संबोधित करते हुए मेनका सिन्हा ने कहा कि आज कंपीटीशन के साथ कई अवसर भी है, जो हमारे समय में नहीं था. वहीं प्रत्युष ने कहा कि अगर आप कोई भी उद्योग लगाते हैं, तो आप अपने साथ 50-60 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने का कार्य करती हैं. संजीव आजाद ने कहा कि आज के समय में उद्यमी को अपने उत्पाद को ग्लोबल लेवल पर लेकर जाने की जरूरत है.एचएम मेवाती ने कहा कि उद्यमिता से जुड़े योजनाओं के बारे में बताया.

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महिला उद्यमियों ने लगाये एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट्स के स्टॉल

  • कृति सिंह – आर्ट वर्क वाले दीये की लोग कर रहे खरीदारी
    • भूतनाथ रोड की रहने वाली कृति सिंह कहती हैं, पिछले साल से मैं डिजाइनर दीये तैयार करती हूं. मेरे पास ज्यादातर ऑर्डर लोकल बाजार के वेंडर्स के जरिये आते हैं. इसमें बड़े से छोटे आकार की दीये हैं. सबलपुर के रहने वाले शिल्पकारों से मैंने 5000 पीस दीये तैयार कराये थे. छोटे-बड़े दीयो में बिड्स के साथ मोतियों का काम किया जाता है. इनकी कीमत 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक है. मैं मेले में पहली बार अपने प्रोडक्ट को लेकर आयी हूं.
  •  भारती सिंहफ्रैगरेंस कैंडल का बाजार भी है खास  
    • गर्दनीबाग की रहने वाली भारती सिंह पिछले छह महीने से सेटेंड कैंडल तैयार कर रही हैं. वे कहती हैं, मैं एक मॉल में गयी थी, जहां से सेटेंड कैंडल खरीदा था. वह काफी महंगा लगा. फिर मैंने सोचा, क्यों न इसे अपने घर पर ही बनाया जाय. इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन कैंडल बनाना सीखा. फिर घर पर ही इन्हें बनाकर अपने आस-पास के लोगों को दिया. उनकी प्रतिक्रिया काफी अच्छी मिली. पहली बार इस मेले का मैं भी हिस्सा बनी हूं.
  • इला वर्मा – हैंडमेड वॉल हैंगिंग व तोरण लोगों को आ रही पसंद
    • कंकड़बाग की रहने वाली इला वर्मा कहती हैं, मुझे आर्ट एंड क्राफ्ट में हमेशा से रुचि रही है. यही वजह है कि मैंने इस क्षेत्र चुना. दीपावली मेले को लेकर मेरे स्टॉल पर हैंडमेड वॉल हैंगिंग से लेकर तोरण, क्ले आर्ट, लक्ष्मी पादुका आदि उपलब्ध है. इन प्रोडक्ट्स की कीमत 150 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक की है. तोरण शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसे मुख्य द्वार पर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
  • प्रियंवदा और राजश्री  – फेस्टिव सीजन में डिजाइनर कपड़ों की मांग
    • राजीव नगर की रहने वाली प्रियंवदा और राजश्री कहती हैं, हम लोग पिछले छह महीने से शम्या ब्रांड के तहत खुद से डिजाइन किया हुआ कपड़ा तैयार करते हैं. निफ्ट गांधी नगर से पढ़ीं प्रियंवदा को ऑनलाइन व इंस्टाग्राम के जरिये ऑर्डर मिलते हैं. वे कहती हैं, मैं पहली बार इस तरह के मेले का हिस्सा बनी हूं. हमारे पास ड्रेस, कोऑर्ड सेट, कुर्ता सेट, अनारकली ड्रेस 1699-4599 रुपये तक में उपलब्ध है. फेस्टिव सीजन में डिजाइनर कपड़ों की मांग ज्यादा है. 

अब देखें मेले की कुछ तस्वीरें

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