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सीयूएसबी करेगा पर्यावरण विज्ञान व जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन, मिले 1.30 करोड़ रुपये

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दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के पर्यावरण विज्ञान विभाग (इवीएस) को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अवसंरचना सुधार (एफआइएसटी) योजना के तहत 1.10 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है.

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– प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी पर अध्ययन के लिए डीएसटी-एफआइएसटी ने दिया 1.10 करोड़ रुपये अनुदान संवाददाता, पटना: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के पर्यावरण विज्ञान विभाग (इवीएस) को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अवसंरचना सुधार (एफआइएसटी) योजना के तहत 1.10 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है. इस विशेष उपलब्धि पर सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह और रजिस्ट्रार प्रो नरेंद्र कुमार राणा ने विभाग को बधाई दी है. कुलपति प्रो केएन सिंह ने कहा कि इस अनुदान से विश्वविद्यालय मौसम, जलवायु परिवर्तन और क्षेत्र से संबंधित अन्य पर्यावरणीय घटनाओं के अध्ययन में बड़ा योगदान दे सकेगा, जो राष्ट्र और विकसित भारत@2047 मिशन के लिए एक बड़ा योगदान होगा. सीयूएसबी के जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि 1.10 करोड़ डीएसटी-एफआइएसटी परियोजना की अवधि पांच वर्ष की है. यह अनुदान इवीएस विभाग में जल, मृदा और वायु प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी पर अध्ययन करने के लिए गीली और सूखी प्रयोगशाला स्थापित करने के लिये दिया गया है. प्रो प्रधान पार्थ सारथी (विभागाध्यक्ष, इवीएस) और डीन, स्कूल ऑफ अर्थ, बायोलॉजिकल एंड एन्वायरनमेंटल साइंसेज ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह विभाग के संकाय सदस्यों क्रमशः प्रो राम कुमार, डॉ राजेश कुमार रंजन, डॉ प्रशांत, डॉ एनएल देवी और डॉ सोमा गिरी के संयुक्त प्रयास का परिणाम है. उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की योजना ‘एस एंड टी इंफ्रास्ट्रक्चर (एफआइएसटी) के सुधार के लिए निधि’ का उद्देश्य नये और उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा और सक्षम सुविधाएं प्रदान करनी हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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