कैंपस : स्कूली बसों के मानकों की जांच के लिए चलेगा अभियान

जिले के सरकारी सहायता प्राप्त व निजी स्कूलों की ओर से परिचालित की जाने वाली स्कूली बसों की मानकों की जांच के लिए गर्मी की छुट्टी के बाद अभियान चलाया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2024 7:29 PM

मानकों को पूरा नहीं करने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई

संवाददाता, पटना

जिले के सरकारी सहायता प्राप्त व निजी स्कूलों की ओर से परिचालित की जाने वाली स्कूली बसों की मानकों की जांच के लिए गर्मी की छुट्टी के बाद अभियान चलाया जायेगा. मानकों की अनदेखी करने वाले स्कूल प्रबंधकों पर कार्रवाई की जायेगी. इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सभी स्कूलों को निर्देशित किया जायेगा कि वे गर्मी की छुट्टी तक बसों में सभी मानकों का पालन कराना सुनिश्चित करें. दरअसल स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरणों की कमी और अनदेखी करने से दुर्घटना के समय बच्चों को सुरक्षित बचा लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही स्कूल बसों और कैब में भी सीटों से अधिक बच्चों को बैठाने और मानकों को पूरा नहीं करने वाले स्कूल प्रबंधक व बस संचालकों पर भी कार्रवाई की जायेगी. जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार स्कूलों की जांच जिला प्रशासन के सहयोग से जून के अंतिम सप्ताह से शुरू की जायेगी.

निजी स्कूलों की 234 बसें और 143 वैन हैं रजिस्टर्ड

जिले के निजी स्कूलों की ओर से करीब 1300 बसें और ढाई हजार के करीब वैन से बच्चे स्कूल से आना-जाना करते हैं. लेकिन मिली जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग से 234 बसें और 143 वैन ही रजिस्टर्ड हैं. जिन स्कूल प्रबंंधकों की बसों के डॉक्यूमेंट में भी कमी पायी जायेगी अभियान में उन शिक्षण संस्थानों पर भी कार्रवाई की जायेगी. सभी स्कूल प्रबंधकों को मई के अंतिम सप्ताह तक डॉक्यूमेंट को पूरा करने को लेकर जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से निर्देश दिया जायेगा.

इन मानकों का होना जरूरी

स्कूल बस में कैमरा, जीपीआरएस ट्रैकर, फायर सेफ्टी उपकरण, सभी तरह के वाहन में मेडिकल किट, वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रदूषण वैधता प्रमाणपत्र, व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस, खिड़की में लोहे के तीन रॉड होने चाहिए, वाहन में सीट बेल्ट की व्यवस्था, बस के पीछे स्कूल के नाम और नंबर लिखे होने चाहिए, सभी ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन हो. बसों पर ड्राइवर और खलासी का नाम और नंबर लिखा हो. स्कूल वैन में पीली पट्टी पर स्कूल का नाम लिखा होना चाहिए.

शिक्षण संस्थानों के लिए ये हैं नियम

– संस्थान प्रमुख सड़क सुरक्षा क्लब के माध्यम से नियमों का सख्ती से पालन कराएं- शिक्षण संस्थानों में बच्चों को निर्धारित स्थान से वाहन में चढ़ाने और उतारने की व्यवस्था हो– स्कूलों में बसों में बच्चों को चढ़ाते व उतारते समय सीसीटीवी की व्यवस्था हो- वाहन चालकों को विशेष फोटोयुक्त आइडी कार्ड हो- समय-समय पर वाहन चालकों के रिफ्रेशर कोर्स व आंखों की जांच हो

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