24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 06:25 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Bihar: सिद्धार्थ ने पलटा केके पाठक का आदेश, शिक्षा विभाग में बदली गयी स्कूल निरीक्षण की व्यवस्था

Advertisement

Bihar: शिक्षा विभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने केके पाठक का एक और आदेश को पलट दिया है. शिक्षा विभाग ने स्कूल निरीक्षण की व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है. अब स्कूलों की नियमित जांच नहीं होगी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Bihar: पटना. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के फैसले को एस सिद्धर्थ एक-एक कर बदलने लगे हैं. शिक्षा विभाग ने स्कूल टाइमिंग में संशोधन के बाद अब स्कूलों के निरीक्षण को लेकर एक नया आदेश जारी किया है. केके पाठक ने जहां बिहार के सारे सरकारी स्कूलों के नियमित तौर पर निरीक्षण और कार्रवाई की व्यवस्था की थी, वहीं एस सिद्धार्थ ने उसे पूरी तरह बदल दिया है. अब सप्ताह में तीन दिन ही निरीक्षण होगा और वो भी एक ही आदमी के जिम्मे होगा. एस सिद्धर्थ की इस कार्रवाई से जहां शिक्षकों में खुशी है, वहीं सुचारु हुई स्कूल की व्यवस्था के फिर से बेपटरी होने की आशंका भी बढ़ गयी है. केके पाठक सारे स्कूलों का हर रोज निरीक्षण करा रहे थे, जिसके कारण स्कूलों में शिक्षक समय पर आने लगे थे और छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ गयी थी. केके पाठक ने स्कूल नहीं आने वाले छात्रों का नाम काटने का आदेश दे रखा था.

- Advertisement -

स्कूलों का इंस्पेक्शन नये तरीके से होगा

एस सिद्धार्थ ने अपने नये आदेश में कहा है कि अबतक शिक्षा विभाग लगभग 8000 पदाधिकारियों और कर्मिचारियों के जरिये सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का नियमित इंस्पेक्शन करा रहा था. स्कूलों के लगातार इंस्पेक्शन से इसमें काफी सुधार हो रहा है. अब नये सिरे से इंस्पेक्शन की व्यवस्था की गयी है. नयी व्यवस्था के तहत अब सभी जिलों में स्कूलों के इंस्पेक्शन की जिम्मेवारी डीडीसी को सौंपी गयी है. डीडीसी उस जिले में तैनात शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को स्कूलों के इंस्पेक्शन का जिम्मा सौंपेंगे.

रोजना नहीं होगा निरीक्षण

अब हर स्कूल का रोजाना नहीं होगा निरीक्षण. हर जिले में शिक्षा विभाग के हर अधिकारी और कर्मचारी को 3-3 महीने के लिए 10 से 15 स्कूलों का जिम्मा दिया जायेगा. वे इस अवधि में इन विद्यालयों का सम्पूर्ण देख-रेख करेंगे. सभी अधिकारियों औऱ कर्मचारियों को रोस्टर बनाकर स्कूलों के इंस्पेक्शन का जिम्मा दिया जायेगा. जिले के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च-माध्यमिक विद्यालयों का सप्ताह में कम-से-कम एक बार इंस्पेक्शन करना जरुरी होगा. निरीक्षी पदाधिकारी या कर्मचारी हर सप्ताह में 03 (तीन) दिन आवंटित विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे. निरीक्षी पदाधिकारी/कर्मी जरूरत पड़ने पर सप्ताह में एक से अधिक बार भी आवंटित विद्यालयों का निरीक्षण कर सकते हैं.

तीन माह बाद बदलेगा रोस्टर

डीडीसी यानि उप विकास आयुक्त हर तीन महीने पर निरीक्षण करने वाले प्रत्येक पदाधिकारी और कर्मचारी का स्कूल आवंटन से संबंधित रोस्टर को बदलेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि पिछले तिमाही में आवंटित स्कूल इस तिमाही में उसी पदाधिकारी और कर्मचारी को फिर से आवंटित न हो. निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी और कर्मचारी जिस स्कूल का निरीक्षण करेंगे, उसका प्रतिवेदन विभाग द्वारा विकसित ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे. आदेश में कहा गया है कि स्कूलों के इंस्पेक्शन के लिए तैनात पदाधिकारी या कर्मचारी अपने जिम्मे के स्कूल में पर्याप्त समय देंगे और वहां हर चीज का निरीक्षण करेंगे. वे प्रधानाध्यापक और शिक्षक के साथ विद्यालय संचालन में आने वाली कठिनाईयों पर बात कर स्कूल को विकसित करायेंगे, ताकि बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार हो सके.

शिक्षकों की उपस्थिति की जांच होती रहेगी

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि स्कूलों के निरीक्षण के दौरान ये देखा जायेगा कि स्कूल में प्रधानाध्यापक औऱ शिक्षकों का पदस्थापन सही तरीके से हुआ है या नहीं. वहां तैनात प्रधानाध्यापक और शिक्षक सही समय पर स्कूल आ रहे हैं या नहीं. स्कूलों में विषय के अनुसार शिक्षको की तैनाती है या नहीं. क्लास का संचालन समय सारिणी के अनुसार हो रहा है या नहीं? शिक्षक क्लास में कैसे पढा रहे हैं. वे छात्रों के गृह कार्य से संबंधित कॉपियों और साप्ताहिक/मासिक / त्रैमासिक / अर्द्धवार्षिक / वार्षिक परीक्षा के कॉपियों / उत्तर पुस्तिकाओं का सही मूल्यांकन कर रहे हैं या नहीं.

Also Read: Bihar Results: शांभवी चौधरी ने दर्ज की बड़ी जीत, बनी सबसे युवा महिला सांसद

इन बातों का रखना होगा ध्यान

स्कूल में अभिभावक शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन हो रहा है या नहीं. स्कूलों में कितने बच्चे नियमित तौर पर आ रहे हैं और कितने बच्चों का नामांकन नहीं हुआ है. स्कूलों में नामांकित ऐसे बच्चें, जो नियमित रूप से विद्यालय नहीं आते है, उनके अभिभावकों से सम्पर्क स्थापित कर उन्हें विद्यालय आने हेतु प्रेरित कराया जायेगा. निरीक्षण करने वालों को स्कूल में सारी सुविधाओं के साथ-साथ मिड डे मिल, पेयजल, शौचालय, किचन शेड, थाली, चूल्हा ऐसे तमाम सुविधाओं पर ध्यान देना होगा.

जिलाधिकारी से औचक निरीक्षण कराया जायेगा

शिक्षा विभाग राज्य मुख्यालय से हर सप्ताह 10-10 रैंडम स्कूलों की सूची सभी जिला पदाधिकारी को भेजेगा. जिला पदाधिकारी अपने स्तर से सूची में अंकित विद्यालयों के निरीक्षण के लिए संबंधित जिला के उप विकास आयुक्त, वरीय उपसमाहर्त्ता, अनुमण्डल पदाधिकारी को नामित करते हुए निरीक्षण के सारे बिंदुओं पर चिन्हित विद्यालयों की जाँच कराकर जाँच प्रतिवेदन मुख्यालय को उपलब्ध करायेंगे. जिला पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त इस निरीक्षण व्यवस्था का प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करेंगे एवं अनुश्रवण के दौरान पाई गई त्रुटियों का निराकरण कराएंगे.

पटना से भी होगा मॉनिटर

राज्य मुख्यालय से हर तीन महीने के लिए जिलावार नोडल पदाधिकारी बनाये जायेंगे, जो प्रत्येक सप्ताह में एक दिन जिला भ्रमण कर मुख्यालय स्तर से उपलब्ध कराये गये रोस्टरवार किसी एक प्रखंड के 05-05 स्कूलों की जांच करेंगे और जाँच प्रतिवेदन देंगे. राज्यस्तर पर गठित अनुश्रवण जिलों से उन स्कूलों के संबंध में आयी रिपोर्ट से उसका मिलान करेगा. समीक्षा के क्रम में दोनों जांच प्रतिवेदनों में भिन्नता पाये जाने को विभाग द्वारा गंभीरता से लिया जायेगा तथा अनुश्रवण के नाम पर खानापूर्ति करने वाले जिला के निरीक्षी पदाधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें