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Bihar News: बिहार में मारे जायेंगे नीलगाय और जंगली सूअर, सरकार के फैसले से किसान खुश

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Bihar News: राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार ने ये जानकारी दी है. बिहार के पांच प्रभावित जिलों में नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया.

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Bihar News: पटना. बिहार के पांच जिलों में नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने के लिए अभियान शुरू किया जाएगा. राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार ने ये जानकारी दी है. बिहार के पांच प्रभावित जिलों में नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया. वैशाली, पूर्वी चंपारण, बक्सर, सीवान और समस्तीपुर में इस महीने से ‘निर्धारित प्रक्रियाओं’ के अनुसार अभियान शुरू किया जाएगा. ये पांच जिले सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं, जहां इन दो जानवरों ने फसलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है.

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मारने से दफनाने तक महत्वपूर्ण होगी मुखियों की भूमिका

मंत्री ने कहा, “उन जिलों में जहां समस्या गंभीर है, एक बार में 50 ऐसे जानवरों को मार सकते हैं. प्रभावित क्षेत्रों में नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने के लिए अभियान शुरू करने से पहले एक रणनीति तैयार करनी होगी. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, कृषि और पंचायती राज विभाग के संबंधित अधिकारी संयुक्त रूप से अपने-अपने जिलों में नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने के लिए अभियान शुरू करने की रणनीति तैयार करेंगे. उन्हें मारने से लेकर दफनाने तक की पूरी प्रक्रिया में मुखियों की भूमिका महत्वपूर्ण है.”

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कितनी है नीलगाय और जंगली सूअरों की संख्या

इन जानवारों से न केवल फसलों को नुकसान होता है बल्कि नीलगाय के अचानक सड़क पर आ जाने से सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं. सरकार उन किसानों को मुआवजा (50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर) भी देती है, जिनकी फसलें इन दो जानवरों द्वारा नष्ट कर दी जाती हैं. बिहार के लगभग सभी जिले इन दोनों जानवरों के आतंक से प्रभावित हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार इन जिलों में नीलगाय की कुल संख्या लगभग तीन लाख जबकि जंगली सूअरों की संख्या लगभग 67,000 है. उन्होंने कहा, “ये दोनों जानवर झुंड में घूमते हैं और एक दिन में कई एकड़ फसलें नष्ट कर देते हैं. राज्य के कुछ जिलों में किसान अपनी पकती फसलों को नीलगाय और जंगली सूअर से बचाने के लिए पूरी रात जागना पड़ता है.”

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