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Bihar: खुलेगी ललित नारायण मिश्र हत्याकांड की फाइल, दिल्ली हाइकोर्ट करेगा सुनवाई

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bihar में 48 साल पहले हुई हत्या कांड आज तक सुलझ नहीं पाया है. जांच एजेंसियां यह पता नहीं लगा पायी कि भारत के रेलमंत्री को सार्वजनिक स्थल पर आखिर किसने हत्या कर दी. अब ललित नारायण मिश्र का परिवार इस हत्याकांड की फिर से जांच की मांग कर रहा है.

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Bihar: पटना. बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की 48 साल पहले हुई हत्या की घटना की निष्पक्ष तरीके से फिर से जांच कराने की मांग पर दिल्ली हाइकोर्ट सुनवाई करेगा. यह याचिका ललित नारायण मिश्र के पोते वैभव मिश्र ने दायर की है. अदालत इस याचिका पर 16 मई को सुनवाई करेगी. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने वैभव मिश्र की अर्जी दोषियों की एक अपील के साथ सूचीबद्ध की. अदालत में सूचीबद्ध होने के बाद आजाद भारत की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री के सुलझ जाने के आसार दिख रहे हैं.

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हत्यारे का पता लगाने में नाकाम रही एजेंसी

ललित नारायण मिश्र के पोते ने अपील में हत्या के लिए दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 13 अक्तूबर को वैभव को दोषियों की अपील पर अंतिम सुनवाई में सहायता करने की अनुमति दी थी, जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री के पोते ने हाइकोर्ट का रुख किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री के पोते ने अपनी अपील में कहा है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और गुनहगार की पहचान होनी चाहिए. दरअसल अब तक जांच में सीबीआई हत्यारे को तलाशने में नाकामयाब रही है.

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क्या है मामला

ललित नारायण मिश्र वरिष्ठ कांग्रेस नेता और केंद्र में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री थे. दो जनवरी, 1975 को समस्तीपुर में बड़ी लाइन का उद्घाटन करने गये थे. वहीं ग्रेनेड विस्फोट हुआ था, जिसमें मिश्र घायल हो गये थे. उन्हें इलाज के लिए समस्तीपुर से दानापुर ले जाया गया था, जहां अगले दिन यानी तीन जनवरी, 1975 को उनकी मृत्यु हो गयी. पूर्व रेल मंत्री और दो अन्य की हत्या के लिए यहां निचली अदालत ने दिसंबर 2014 में तीन व्यक्तियों संतोषानंद, सुदेवानंद और गोपालजी और अधिवक्ता रंजन द्विवेदी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

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