17.1 C
Ranchi
Tuesday, February 4, 2025 | 09:20 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार : कामगारों के लिए राहत भरी खबर, सैलरी और भत्ते को लेकर सरकार ने लाया नया नियम

Advertisement

बिहार के निबंधित कल-कारखानों में काम करने वाले कामगारों के लिए राहत की खबर है. कामगार संविदा पर हों या अस्थायी कर्मचारी, उनके वेतन या भत्ते में किसी तरह की कोई कटौती नहीं होगी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना : राज्य भर के निबंधित कल-कारखानों में काम करने वाले कामगारों के लिए राहत की खबर है. कामगार संविदा पर हों या अस्थायी कर्मचारी, उनके वेतन या भत्ते में किसी तरह की कोई कटौती नहीं होगी. वहीं, एक तरह के काम करने पर एक समान वेतन और भत्ता मिलेगा. साथ ही काम करने का समय भी बराबर होगा. श्रम संसाधन विभाग ने इस बाबत आदेश जारी किया है. तबादले के पहले श्रम संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर कुमार की ओर से जारी आदेश में बिहार औद्योगिक नियोजन स्थायी आदेश नियमावली 1947 में संशोधन किया गया है. आदेश में कहा गया है कि विभाग ने संशोधन के पहले लोगों से 20 मई तक सुझाव मांगे थे. जनता से प्राप्त सुझावों के बाद राज्य सरकार की ओर से यह विचार किया गया है कि पुरानी नियमावली के बदले बिहार औद्योगिक नियोजन स्थायी आदेश संशोधन नियमावली 2020 को लागू किया जाये.

- Advertisement -

नये नियम में यह होगा फायदा : औद्योगिक संस्थान के कर्मचारियों में अगर वह स्थायी कर्मी होंगे, तो उन्हें किसी और रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सकेगा. इस नियम के बाद अगर निश्चित अवधि के लिए किसी कर्मचारी को संविदा पर रखा गया है, तो वह अलग मामला होगा.लेकिन काम के घंटे, मजदूरी, भत्ता या अन्य फायदों में किसी भी परिस्थिति में स्थायी कर्मकार से कम नहीं होंगे. संविदा कर्मी को भी स्थायी कर्मियों के लिए उपलब्ध सभी कानूनी लाभों को पाने का अधिकार होगा.जिस अनुपात में स्थायी कर्मचारियों को कंपनी की सुविधाएं मिलेगी, उसी अनुपात में एक अवधि के लिए नियोजित संविदा कर्मियों को भी सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी. इससें कोई फर्क नही पड़ता है कि उसके नियोजन की अवधि बढ़ी है या नहीं.

बिना नोटिस कर्मचारियों को हटाने की अनुमति

विभाग ने सेवा से बर्खास्तगी के लिए औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में संशोधन किया है. अस्थायी कर्मचारी को नियोजन समाप्ति का नोटिस देना आवश्यक नहीं होगा. नियत अवधि पूरा होते ही बिना नोटिस के संविदा कर्मी को हटाया जा सकेगा. नियोजन के आधार पर कोई काम पूरा होने पर की उनकी सेवा बिना किसी नोटिस के ही समाप्त होगी औऱ उसके बदले वेतन पाने का वे हकदार भी नहीं होंगे. लेकिन विभाग ने यह भी कहा है कि अस्थायी कामगार की सेवा दंड के रूप में परिभाषित नहीं होगी, जब तक कि उसके खिलाफ कदाचार के आरोप के विरुद्ध स्पष्टीकरण का अवसर नहीं दिया गया हो. यानी किसी संविदा कर्मी के ऊपर अगर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे हैं तो उससे नोटिस देकर जवाब का इंतजार करना होगा. संतोषप्रद जवाब न मिलने पर हटाये जा सकेंगे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें