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कार्तिक पूर्णिमा पर पहली बार बाबा हरिहर नाथ का जलाभिषेक नहीं किया जाएगा, पड़ने वाला है बुरा असर

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Sonpur mela baba harihar nath: बाबा हरिहर नाथ मंदिर के पंडा के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बाबा हरिहर नाथ पर जलाभिषेक नहीं होगा. क्योंकि इस बार 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. चंद्रग्रहण का सूतक काल 8 घंटा पहले से ही लग जाएगा.

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Sonpur Mela: बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा से लगने वाला मेला एशिया का सबसे बड़ा मेला हैं. बाबा हरिहर नाथ के चलते इस क्षेत्र को ‘हरिहर क्षेत्र’ के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर मौजूद मंदिर में बाबा हरिहर नाथ मंदिर बिहार के साथ-साथ पूरे देश के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में लोग बाबा हरिहर नाथ पर जलाभिषेक किया करते थे. लेकिन इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर बाबा हरिहर नाथ का जलाभिषेक नहीं किया जाएगा. जानकार बताते हैं शायद इतिहास में ऐसा पहली बार है जब कार्तिक पूर्णिमा पर बाबा हरिहर नाथ का जलाभिषेक नहीं किया जाएगा.

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जलाभिषेक नहीं करने की क्या है वजह ?

बाबा हरिहर नाथ मंदिर के पंडा के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बाबा हरिहर नाथ पर जलाभिषेक नहीं होगा. क्योंकि इस बार 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. भारत में चंद्रग्रहण शाम 5:10 बजे प्रारंभ होगा. लेकिन इसका सूतक काल 8 घंटा पहले से ही लग जाएगा. इस दौरान बाबा हरिहर नाथ का पट बंद रहेगा. बाबा हरिहर नाथ मंदिर के एक अन्य पंडा ने बताया कि शायद इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है. जब कार्तिक पूर्णिमा के दिन बाबा का जलाभिषेक नहीं किया जाएगा. धार्मिक महत्ता के हिसाब से इसका गलत प्रभाव पड़ेगा.

सूतक काल से बचने के लिए करें यह उपाय

धर्म के जानकारों ने बताया कि यह प्रथम बार है कि जब कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लगने वाला है. इस वजह से हरिहर नाथ मंदिर का पट बंद रहेगा. 8 नवंबर को लगने जा रहे चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा शाम 6.20 बजे तक रहेगा. इसके बाद भारत से देखा जा सकने वाला अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, 2025 को को लगेगा, हालांकि अक्टूबर 2023 में, भारत से एक छोटा आंशिक ग्रहण देखा जाएगा. ऐसा पहली बार है जब पूर्णिमा के दिन भारत में पूर्णकालिक चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. र्मिक महत्ता के हिसाब से बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इससे बचने के लिए जातकों के ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए.

लोग चिंतित और परेशान

बता दें कि सोनपुर मेले की विधिवत शुरुआत धार्मिक दृष्टिकोण से कार्तिक पूर्णिमा के दिन से ही होती है. कार्तिक पूर्णिमा को दूरदराज से लोग सोनपुर में गंगा और गंडक के संगम स्थल पर स्नान करने आते हैं. स्नान के बाद भक्त बाबा हरिहर नाथ मंदिर में स्थापित हरि और हर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. यहां जलाभिषेक करने की अलौकिक महत्ता है. बाबा हरिहर नाथ मंदिर में भगवान विष्णु और शिव दोनों का वास होता है. यही कारण है कि कार्तिक पूर्णिमा को संगम स्नान करें और हरिहरनाथ में जलाभिषेक करने आम लोगों के अलावा बड़े-बड़े साधु संत भी आते हैं.

यहां पूजा करने से भगवान शिव और विष्णु की मिलती है कृपा

बाबा हरिहर नाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग भी विश्व में अनूठा है. यह पूरे देश में एकमात्र ऐसा शिवलिंग है जिसके आधे भाग में शिव और शेष में विष्णु की आकृति है. मान्यता है कि इसकी स्थापना 14000 वर्ष पहले भगवान ब्रह्मा ने शैव और वैष्णव संप्रदाय को एक-दूसरे के नजदीक लाने के लिए की थी. सोनपुर में शैव, वैष्णव और शाक्त संप्रदाय के लोग एक साथ कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और जलाभिषेक करते हैं. देश-विदेश में ऐसे दूसरे किसी पैराणिक शिवलिंग का प्रमाण नहीं है, जिस पर जलाभिषेक और स्तुति से महादेव और भगवान विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं. गंगा-गंडक के तट पर स्नान और धुनी का महत्व कई पुराणों और श्रीमद्भागवत में बताया गया है.

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