18.1 C
Ranchi
Saturday, March 1, 2025 | 02:59 am
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पटना विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में एलुमिनायी मीट, दोस्तों से मिलकर ताजा हुई कॉलेज की पुरानी यादें

Advertisement

पटना यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग में रविवार को एलुमिनायी मीट क आयोजन किया गया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना विश्वविद्यालय के जियोग्राफी विभाग के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को एलुमिनायी मीट का आयोजन किया गया. विश्वविद्यालय के जयप्रकाश नारायण अनुसंधान भवन में एलुमिनायी मीट का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विभाग के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने अपने पुराने दोस्तों से मिलकर कॉलेज की पुरानी यादों को ताजा किया. एलुमिनायी ने बारी-बारी से अपना परिचय देते हुए विभाग के शिक्षकों का आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केसी सिन्हा ने किया.

प्रो केसी सिन्हा ने सभी एलुमिनायी का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन विश्वविद्यालय के लिए भी गर्व की बात है. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की पुरानी गरिमा को वापस लाना हम सभी की जिम्मेदारी है. उनहोंने पूर्ववर्ती विद्यार्थियों से भी अपने अनुभव विद्यार्थियों के बीच साझा करने के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम में अतिथ के रूप में प्रो एलएन राम, प्रो रास बिहारी सिंह और विश्वनाथ प्रसाद सिंह ने भी पुराने विद्यार्थियों ने जो मुकाम हासिल किया है उस पर खुशी जाहिर करते हुए शिक्षकों को भी नैतिक दायित्वों का पालन करने के लिए प्रेरित किया.

दोस्तों संग स्नैक्स का लुत्फ उठाते हुए ली सेल्फी

विभाग के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने अपने-अपने बैच के पुराने दोस्तों के साथ स्नैक्स का लुत्फ उठाते हुए पुरानी बातों का जिक्र करने के साथ ही सेल्फी भी ली. पूर्ववर्ती विद्यार्थियों सीनेट हॉल के बाहर ग्रुप फोटोग्राफी का भी आनंद लिया. इस अवसर पर पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने कहा कि हमने जीवन में जो भी मुकाम हासिल किया, उसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों का बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि चाहें कहीं भी रहें, लेकिन कैंपस में आने के बाद खुद को एक विद्यार्थी ही समझते हैं.

पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने कहा कि अगर शिक्षक और छात्र यह ठान लें कि विश्वविद्यालय की गरीमा को वापस लाकर रहेंगे. तो वह दिन दूर नहीं जब विश्वविद्यालय को पूर्व का ऑक्सफॉर्ड कहा जायेगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से भी शैक्षणिक गतिविधियों को बेहतर करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में भी काफी सुधार किया जा रहा है, जो सराहानीय है. मौके पर विभागाध्यक्ष प्रो नाजिम, प्रो मनोज कुमार सिंहा, डॉ देवयानी सरकार घोष, डॉ विवेक, डॉ प्रेरणा, डॉ मुन्ना मनीष कुमार, डॉ अशोक सहनी, डॉ विकास महतो, डॉ शिप्रा सोनी एवं बड़ी संख्या में शोधार्थी मौजूद रहे.

विभाग के एसोसिएशन अध्यक्ष बने प्रोफेसर नाजिम

इस अवसर पर विभाग द्वारा एसोसिएशन के सदस्यों का चुनाव भी किया गया. एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर प्रो मो. नाजिम को चुना गया. वहीं, सेक्रेटरी केएन पासवान, ट्रेजरर्र डॉ नागेश बने. एसोसिएसन के सदस्यों में मधुकर झा, प्रो रवि किरण शर्मा, डॉ राधा कुमारी, नवगीत निगम व अन्य लोगों को चुना गया.

पूववर्ती विद्यार्थियों ने दिये सुझाव

  • विश्वविद्यालय से पिछले 57 वर्षों में मैंने छात्र, शिक्षक और कुलपति का सफर तक तय किया है. इस सफर में शिक्षकों का बड़ा योगदान रहा है. वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को यही कहूंगा कि विद्यार्थियों से केवल क्लास तक का ही संबंध न रखें. उनके बेहतर भविष्य को गढ़ने में शिक्षक की नैतिक भूमिका का ख्याल रखते हुए उन्हें बेहतर मार्ग बताएं. विद्यार्थियों को भी पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन को बरकरार रखने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए. – प्रो रासबिहार प्रसाद सिंह, पूर्व कुलपति, पटना विश्वविद्यालय

    भूगोल से एमए करने के बाद मैंने एडिशनल डीजी का पद संभाला. सन 2011 में एडिशनल डीजी के पद से सेवानिवृत हुआ. आज भी कॉलेज में आकर खुद को एक विद्यार्थी ही समझता हूं. मैंने जो भी मुकाम हासिल किया, उसमें में शिक्षकों का बड़ा योगदान रहा है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. अब यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि विश्वविद्यालय के स्वर्णिम इतिहास को गढ़ने में हर संभव कोशिश करें . -राजवर्द्धन शर्मा
  • पटना विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के बाद ही मैंने अपनी अलग पहचान स्थापित की. 1977 में डिप्टी केलेक्टर के रूप में राज्य सरकार में सेवा के देने के लिए चयनित हुआ. शिक्षकों के साथ ही विद्यार्थियों को भी अपनी ऊर्जा को पहचान होगा और इसका इस्तेमाल अपने भविष्य को गढ़ने में लगाना होगा. इसके लिए पढ़ाई के साथ ही अनुशासन को बरकरार रखना आवश्यक है. – अर्जुन प्रसाद

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर