16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार : लौट रहे प्रवासियों के स्थायी रोजगार के लिए वरदान साबित हो सकती है कृषि

Advertisement

कोरोना के संकट काल में सूबे में लौट रहे प्रवासी कामगार आने वाले दिनों में राज्य सरकार के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी बन कर उभरेंगे. बिहार में बड़े कल-कारखानों के अभाव व वर्तमान परिदृश्य में कृषि ही लौट रहे लाखों की संख्या में प्रवासियों के लिए स्थायी रोजगार या स्वरोजगार का माध्यम बन सकता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना : कोरोना के संकट काल में सूबे में लौट रहे प्रवासी कामगार आने वाले दिनों में राज्य सरकार के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी बन कर उभरेंगे. ऐसे में सरकार के पास दो विकल्प हैं या तो इसमें बड़ी संख्या को अनाज, पैसा देकर उनके भोजन आदि का प्रबंध किया जाये, जो लंबे समय के लिए असंभव है. वहीं दूसरा विकल्प है कि इतनी बड़ी संख्या को राज्य में ही स्थायी रूप से रोजगार या स्वरोजगार का प्रबंधन कर उनको स्वावलंबी बना दिया जाये. अब राज्य में बड़े कल-कारखानों के अभाव व वर्तमान परिदृश्य में कृषि ही लौट रहे लाखों की संख्या में प्रवासियों के लिए स्थायी रोजगार या स्वरोजगार का माध्यम बन सकता है. पढिए, कृषि विभाग व सरकार की तैयारी और कृषि से जुड़े विशेषज्ञों की राय…

- Advertisement -

मौसम अनुकूल व जैविक खेती दे सकती है रोजगार

वर्तमान समय में राज्य में निबंधित किसानों की संख्या एक करोड़ 37 लाख नौ सौ 21 है. वहीं लगभग इतने ही खेतों में काम करने वाले गैर-रैयत किसान व कृषि मजदूर हैं, लेकिन राज्य में कृषि केवल मौसमी रोजगार देता है. वर्तमान में कृषि के सभी जिलों के लिए मौसम अनुकूल खेती के लिए पांच वर्षों में 60 करोड़ 65 लाख की योजना है. 11 जिलों में जैविक खेती के लिए इस वर्ष 155 करोड़ की योजना है़ कृषि बाजार के लिए आधारभूत संरचना बनाने के लिए 124 करोड़ की स्वीकृति है. कुल मिलाकर इस वित्तीय वर्ष में कृषि विभाग ने योजना मद में 23 सौ 95 करोड़ से अधिक का बजट रखा गया है.

स्वरोजगार के लिए कौशल विकास

अब कृषि विभाग ने कोरोना महामारी के दौरान कृषि उद्योग शुरू करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू किया गया है़ इसमें कृषि विभाग से जुड़े बामेती व आत्मा के सहयोग से 23 रोजगारपरक विषयों का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जायेगा. देश में पहला ऐसा राज्य बिहार है, जो कृषि रोजगार के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की शुरुआत कर रहा है़ इसके लिए किसानों को वेबएप के माध्यम से कम से कम 50 और अधिकतम 80 किसानों, प्रसार कार्यकर्ताओं, इनपुट डीलरों को जोड़कर प्रशिक्षण दिया जायेगा़ कृषि विवि के वैज्ञानिक साधनसेवी एप के माध्यम से प्रशिक्षण देंगे.

एक लाख से अधिक को स्वरोजगार

इसके अलावा वर्तमान समय में सब्जी, फल, फुल आदि के लिए प्रोसेसिंग, बाई प्रोडेक्शन के लिए उद्योग स्थापित करने के लिए दस लाख के उद्योग पर नौ लाख तक सब्सिडी देने की कवायद शुरू हुई है़ विभाग ने इसके लिए शुरुआत में 12 करोड़ की स्वीकृति दी है़ इसके साथ योजना है कि राज्य के कुल 11 हजार किसानों के ग्रुप को एक्टिव किया जाये़ एक ग्रुप में कम से कम दस व्यक्ति यानी सीधे तौर पर एक लाख दस हजार को कृषि काम या कृषि उद्योग से जोड़ा जायेगा़

अनियमित श्रमिक को काम देनी बड़ी चुनौती

इधर कृषि अर्थशास्त्र से जुड़े व एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर अविरल पांडेय बताते हैं कि प्रियोडिक लेबर फोर्स सर्वे 2017-18 के अनुसार राज्य में 45 फीसदी लोग सीधे तौर पर कृषि कार्य से जुड़े हैं. इसमें केवल 13.1 फीसदी ही नियमित मजदूरी या सैलरी पाने वाले लोग हैं, जबकि 32.2 फीसदी लोग अनियमित श्रमिक हैं. अब जो बाहर से लोग आ रहे हैं या आने वाले हैं तो इसका बोझ अनियमित श्रमिक के रूप में ही बढ़ेगा़ इतने बड़े श्रम को कृषि में रोजगार देने के लिए कृषि में निजी क्षेत्रों को लाने, सब्सिडी से ऊपर उठकर लोगों को ब्याज रहित लोन देने, बड़े पैमाने पर मनरेगा कार्यों को कृषि से जोड़ने, खाली पड़ी सरकारी जमीनों में मॉडल खेती कराने, बाढ़-आपदा की पूर्व तैयारी करने और एक श्रम आधारित बड़ा रोडमैप लाकर काम करने से ही बात बन सकती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें