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दो वर्षों में होगा 21 हजार कुत्तों का बंध्याकरण

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अनुपम कुमार, पटना 2.28 करोड़ खर्च कर दो वर्षों में 21 हजार कुत्तों का बंध्याकरण होगा. पटना नगर निगम ने इसके लिए राजस्थान की एजेंसी संतुलन जीव कल्याण को टेंडर आवंटित किया है. टेंडर की शर्तों के अनुसार एजेंसी को 1090 रुपये प्रति कुत्ते दर से भुगतान करना होगा. इस राशि में कुत्ते को पकड़ना, उसको रैबीज और अन्य घातक बीमारियों से बचाने के लिए टीका देना, उसके बाद बंध्याकरण, फिर चार दिन तक खिलाना-पिलाना और उसके बाद उसको उसी जगह ले जाकर छोड़ देना, जहां से पकड़ा गया है, शामिल हैं. हर दिन 30 कुत्ताें को पकड़ने का काम एजेंसी करेगी.. दो वर्षों के लिए यह टेंडर दिया गया है और इस अवधि में कुल 21 हजार कुत्तों का एजेंसी बंध्याकरण करेगी. एजेंसी को 29 जून को वर्क ऑर्डर दिया जा चुका है. लेकिन एजेंसी ने अब तक एकरारनामा की राशि जमा नहीं की है, जिसके कारण एग्रीमेंट नहीं हो सका है. मामले से जुड़े एक वरीय अधिकारी ने बताया कि अगले सप्ताह एजेंसी नगर निगम को यह राशि देकर उसके साथ एकरारनामा कर लेगी और सितंबर के पहले सप्ताह से कुत्तों का बंध्याकरण शुरू कर देगी. संतुलन जीव कल्याण को बीते वर्ष भी पटना नगर निगम ने इस कार्य का टेंडर दिया था, लेकिन उसके इस निर्णय का पशु संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले एक एनजीओ ने यह कह कर विरोध किया कि उसके पास पशुओं का बंध्याकरण करने के लिए केंद्र सरकार का लाइसेंस नहीं है. हाइकोर्ट ने भी इस मामले में बिना संबंधित लाइसेंस के बंध्याकरण को गलत मानते हुए संतुलन जीव कल्याण से काम को वापस लेने का निर्देश दिया. उसके बाद पटना नगर निगम ने 15 दिसंबर, 2023 को उसके साथ हुए एकरारनामा को रद्द करते हुूए उसे प्रतिबंधित कर दिया था ,लेकिन लगभग चार महीने बाद उसे फिर से टेंडर जारी किया. लेकिन इस अवधि में संतुलन जीव कल्याण ने भारत सरकार से संबंधित लाइसेंस प्राप्त कर लिया और टेंडर में दोबारा भाग लिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

अनुपम कुमार, पटना 2.28 करोड़ खर्च कर दो वर्षों में 21 हजार कुत्तों का बंध्याकरण होगा. पटना नगर निगम ने इसके लिए राजस्थान की एजेंसी संतुलन जीव कल्याण को टेंडर आवंटित किया है. टेंडर की शर्तों के अनुसार एजेंसी को 1090 रुपये प्रति कुत्ते दर से भुगतान करना होगा. इस राशि में कुत्ते को पकड़ना, उसको रैबीज और अन्य घातक बीमारियों से बचाने के लिए टीका देना, उसके बाद बंध्याकरण, फिर चार दिन तक खिलाना-पिलाना और उसके बाद उसको उसी जगह ले जाकर छोड़ देना, जहां से पकड़ा गया है, शामिल हैं. हर दिन 30 कुत्ताें को पकड़ने का काम एजेंसी करेगी.. दो वर्षों के लिए यह टेंडर दिया गया है और इस अवधि में कुल 21 हजार कुत्तों का एजेंसी बंध्याकरण करेगी. एजेंसी को 29 जून को वर्क ऑर्डर दिया जा चुका है. लेकिन एजेंसी ने अब तक एकरारनामा की राशि जमा नहीं की है, जिसके कारण एग्रीमेंट नहीं हो सका है. मामले से जुड़े एक वरीय अधिकारी ने बताया कि अगले सप्ताह एजेंसी नगर निगम को यह राशि देकर उसके साथ एकरारनामा कर लेगी और सितंबर के पहले सप्ताह से कुत्तों का बंध्याकरण शुरू कर देगी. संतुलन जीव कल्याण को बीते वर्ष भी पटना नगर निगम ने इस कार्य का टेंडर दिया था, लेकिन उसके इस निर्णय का पशु संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले एक एनजीओ ने यह कह कर विरोध किया कि उसके पास पशुओं का बंध्याकरण करने के लिए केंद्र सरकार का लाइसेंस नहीं है. हाइकोर्ट ने भी इस मामले में बिना संबंधित लाइसेंस के बंध्याकरण को गलत मानते हुए संतुलन जीव कल्याण से काम को वापस लेने का निर्देश दिया. उसके बाद पटना नगर निगम ने 15 दिसंबर, 2023 को उसके साथ हुए एकरारनामा को रद्द करते हुूए उसे प्रतिबंधित कर दिया था ,लेकिन लगभग चार महीने बाद उसे फिर से टेंडर जारी किया. लेकिन इस अवधि में संतुलन जीव कल्याण ने भारत सरकार से संबंधित लाइसेंस प्राप्त कर लिया और टेंडर में दोबारा भाग लिया.

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