17.3 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 09:15 pm
17.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

एक ही छत के नीचे कैसे चल रहे पांच स्कूल, पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से एक नवंबर तक मांगा जवाब

Advertisement

मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को महाधिवक्ता पीके शाही द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार इस मामले पर संज्ञान ले चुकी है. उचित कार्रवाई भी की जा रही है .इस मामले में हाइकोर्ट ने एक वेब पोर्टल पर छपी रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना. एक ही छत के नीचे पांच स्कूल संचालित किए जाने के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से एक नवंबर तक जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को महाधिवक्ता पीके शाही द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार इस मामले पर संज्ञान ले चुकी है. उचित कार्रवाई भी की जा रही है .इस मामले में हाइकोर्ट ने एक वेब पोर्टल पर छपी रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है.

- Advertisement -

स्कूलों में शिक्षकों की कुल संख्या 23

रिपोर्ट के अनुसार राजधानी पटना के करबिगहिया में 350 से अधिक छात्रों वाला पांच स्कूल एक ही छत के नीचे संचालित हो रहा हैं. स्कूलों में शिक्षकों की कुल संख्या 23 है. स्कूल परिसर गंदे पानी से भरा हुआ है जिससे डेंगू सहित अन्य बीमारियां फैल सकती हैं. एक समय में एक शिक्षक ब्लैक बोर्ड का उपयोग करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक़ बालक मध्य विद्यालय करबिगहिया, कन्या महाविद्यालय – करबिगहिया, प्राथमिक विद्यालय चांदपुर बेला, प्राथमिक विद्यालय जयप्रकाश नगर और न्यू सिन्हा मॉडर्न मिडिल स्कूल – पुरंदरपुर एक ही छत के नीचे चलाए जा रहे हैं .कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई एक नवंबर को निर्धारित किया है.

Also Read: बिहार जाति गणना: हिंदुओं में सबसे अधिक यादव, राजपूत से अधिक है ब्राह्मणों की आबादी

बिहार के इस स्कूल में एक कक्ष में एक साथ चलती हैं 2 कक्षाएं

भवनहीन स्कूलों के मामले में भागलपुर की स्थिति भी पटना से अलग नहीं है. यह सच है कि हाल के दिनों में बिहार के शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. कई कड़े कानून भी लागू कर रही है. शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक कई निर्देश जारी किए हैं, लेकिन एक तरफ जहां शिक्षा विभाग विद्यालयों को गोद लेकर कायाकल्प करने की बात करती है. वहीं दूसरी ओर कई ऐसे विद्यालय हैं जिसकी स्थिति बदहाल है. नवगछिया के नया टोला में मौजूद फूलचंद मध्य विद्यालय समस्याओं के मकड़जाल में फंसा हुआ है. यहां एक हीं कमरे में दो अलग अलग कक्षाएं चलती है. पूरब की ओर मुंह करके कक्षा 5 के छात्र पढ़ते हैं, तो वहीं पश्चिम की ओर मुंह करके कक्षा 4 के छात्र अपने भविष्य को संवारने के लिए जद्दोजहद करते है.

बच्चे और शिक्षक को होती है यह परेशानी

एक ब्लैकबोर्ड पर अंग्रेजी विषय तो उसी समय दूसरे पर इतिहास विषय की पढ़ाई होती है. ऐसे में दोनों कक्षाओं के बच्चों को पढ़ना और शिक्षकों को एक साथ पढ़ाना काफी मुश्किल होता है. न बच्चे सही से पढ़ पाते हैं और न ही शिक्षक बच्चों को समझा पाते हैं. इस स्कूल में कुल 462 बच्चे नामांकित है, जिनके लिए मात्र चार ही कमरे उपलब्ध है. जो बच्चों के बैठने के लिए नाकाफी है. यहां 462 छात्रों को पढ़ाने के लिए 10 शिक्षक कार्यरत हैं.

जमीन पर बैठकर ही शिक्षा ग्रहण करते हैं बच्चे

साथ ही साथ इस विद्यालय की स्थिति यह है कि यहां बच्चे आयरन युक्त पानी पीने को मजबूर हैं. उस पानी को पीकर बच्चे बीमार हो रहे हैं. न ही बच्चों के बैठने के लिए क्लास रूम में बेंच डेस्क मौजूद है. सभी बच्चे जमीन पर बैठकर ही शिक्षा ग्रहण करते हैं. जिसके कारण बच्चो के परिजन उनको स्कूल भेजने से भी कतराते हैं. जिस वजह से 75 प्रतिशत उपस्थिति न होंने के कारण सैकड़ों बच्चो का नाम स्कूल से काट दिया गया है. यहीं नहीं स्कूल में दो कमरे में स्मार्ट क्लास है मगर वो बंद पड़ा रहता है.

क्या कहते हैं छात्र

सातवीं कक्षा की छात्रा सुप्रिया कुमारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि एक क्लास में दो कक्षाएं चलती है, एक तरफ अंग्रेजी की कक्षा और दूसरी तरफ इतिहास की कक्षा चलती है. स्कूल में जगह भी नहीं है, सर के द्वारा पढ़ाने के दौरान सही तरीके से सुनाई नही देता है. नीचे में दरी पर बैठना पड़ता है. काफी परेशानियों के बीच हम सभी पढ़ते हैं.

कहते हैं प्रधानाध्यापक

विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद कुमार यादव ने स्थानीय न्यूज चैनलों को बताया की पहले स्कूल में कुल 608 बच्चे नामांकित थे, लेकिन शिक्षा विभाग के आदेश के बाद 146 बच्चो का उपस्थिति 75 प्रतिशत नहीं होने के कारण नाम काट दिया गया. हमारे सामने दिक्कत यह है कि स्कूल में 8 क्लास तक के बच्चे है, लेकिन कमरा केवल चार है. एक कमरे में हम वर्ग 8 के बच्चों को बैठाते हैं. एक कमरा में कक्षा 6 और कक्षा 7 के बच्चों को बैठाते हैं. कुछ क्लास के बच्चे को बरामदे पर बैठाते है. रूम के अभाव के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती हैं. इसकी शिकायत कई बार बीआरसी में की है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी हाथ नही लगा. यदि चार रूम और हो जायेगा तो दिक्कत नही होगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें