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बिहार: जहां मुस्लिम आबादी नहीं वहां उर्दू शिक्षकों की हुई पोस्टिंग, जानिए स्कूल आवंटन में और कहां मिली गड़बड़ी

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बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने के दौरान कुछ ऐसी गड़बड़ियां हुईं जिसकी वजह से तीन जिलों के डीइओ और डीपीओ को नोटिस भेजा गया है. तीनों को क्यों शोकॉज किया गया और स्कूल के आवंटन में क्या गड़बड़ी हुई. जानिए..

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Bihar Teacher Posting News: बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटित किए जाने के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आयी हैं जिसका खामियाजा अब जिला शिक्षा पदाधिकारी भुगत सकते हैं. शिक्षा विभाग ने सूबे के तीन जिलों के डीइओ को शो कॉज किया है. नये नियुक्त हुए शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने के मामले में तीनों को शोकॉज किया गया है. नवनियुक्त शिक्षकों के स्कूल आवंटन मामले में समस्तीपुर, सारण और सीवान के जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह नोटिस शिक्षकों की पदस्थापना के संदर्भ में दिया गया है.

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तीन जिलों के डीइओ व डीपीओ नपे..

दरअसल, एक ही स्कूल में अधिक शिक्षकों का पदस्थापना कर दी गयी है. इसे शिक्षा विभाग ने गंभीर लापरवाही और विभागीय आदेशों का उल्लंघन माना है. समस्तीपुर के डीइओ मदन राय व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) नरेंद्र कुमार सिंह, सारण के डीइओ कौशल किशोर व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) दिलीप कुमार सिंह और सीवान के डीइओ मिथिलेश कुमार व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) अवधेश कुमार को दिये गये कारण बताओ नोटिस में शिक्षा विभाग ने कहा है कि विद्यालय आवंटन में शिक्षकों का युक्तिसंगत एकीकरण नहीं किया गया. साथ ही मुख्यालय के स्तर पर शिक्षकों के पदस्थापन के अंतिम चरण में किये सत्यापन के क्रम में भी वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं की है.

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विभाग के दावे की उड़ी धज्जी

नोटिस में पूछा गया है कि क्यों न निंदन की सजा दी जाय. नोटिस का जवाब चार घंटे में मांगा गया है. उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित नव शिक्षकों की स्कूलों में पदस्थापना सॉफ्टवेयर के माध्यम से की गयी है. विभाग का दावा था कि इसके जरिये पारदर्शिता पूर्ण और तकनीकी तौर पर नियुक्तियां सही होंगी. फिलहाल इन तीनों जिलों में विभाग को गंभीर विसंगतियां देखने को मिली है.

सिवान के डीइओ व डीपीओ को शोकॉज

बिहार लोक सेवा आयोग से उत्तीर्ण नवनियुक्त शिक्षकों के पदस्थापन मामले में अनियमितता सामने आने के बाद सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी व डीपीओ स्थापना से स्पष्टीकरण पूछा गया है. बताया जाता है कि प्रशिक्षण पश्चात शिक्षकों के पदस्थापन व विद्यालय आवंटन में अंतिम चरण में किये गये सत्यापन के क्रम में वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं किया गया और एक ही विद्यालय में अधिक शिक्षकों का पदस्थापन कर दिया गया. जैसे सिसवन प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय बखरी में संस्कृत विषय के लिये चार शिक्षकों का पदस्थापन कर दिया गया है. ऐसे ही दर्जनों ऐसे विद्यालय है, जहां एक विषय के लिये कई शिक्षकों का पदस्थापन कर दिया गया है. इधर वीडियो कांफ्रेंसिंग में मामला संज्ञान में आने पर निदेशक (प्रशासन)- सह अपर सचिव सुबोधा कुमार चौधरी ने कार्रवाई करते हुए डीइओ मिथिलेश कुमार व डीपीओ स्थापना अवधेश कुमार से स्पष्टीकरण पूछा है. विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही व आदेश का उल्लंघन बताते हुए चार घंटे के भीतर जवाब मांगा है. इधर स्पष्टीकरण का जवाब भी डीइओ मिथिलेश कुमार की ओर से भेजा गया है. जानकारी के अनुसार, डीइओ ने जवाब में कहा है कि जिला से नहीं निदेशालय स्तर से पदस्थापन में गड़बड़ी हुई है.

सारण में जहां मुस्लिम आबादी नहीं, वहां रख दिए उर्दू शिक्षक

सारण जिले में 2833 प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के विभिन्न विद्यालयों में योगदान के लिए ऑनलाइन जारी की गयी सूची को देखकर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी व कर्मी हतप्रभ हैं. जारी सूची में जिले के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपुर कला में संगीत विषय में पांच शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गयी है. वहीं, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सैद सराय गड़खा जहां वाणिज्य विषय की पढ़ाई ही नहीं होती है, वहां पर बिजनेस स्टडी विषय के शिक्षक की पदस्थापना की गयी है. यही नहीं, जिले के दो उत्क्रमित मध्य विद्यालयों, जो सदर प्रखंड में पड़ते हैं, उनमें मुस्लिम समुदाय के एक भी छात्र नहीं हैं. इन दोनों विद्यालयों के तीन किलोमीटर के रेडियस में मुस्लिम आबादी है ही नहीं, ऐसी स्थिति में स्वाभाविक रूप से उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थी नहीं हैं. बावजूद इन दोनों विद्यालयों में एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए दो-दो उर्दू शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गयी है.

सारण डीइइो व डीपीओ से जवाब तलब..

उधर, सारण जिले में विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना में अनियमितता को लेकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा डीइओ कौशल किशोर तथा डीपीओ स्थापना धनंजय पासवान से जवाब-तलब किया गया है कि किन परिस्थितियों में इतनी बड़ी अनियमितता हुई है.

समस्तीपुर में भी गड़बड़ी सामने आयी

समस्तीपुर जिले में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिल जाने के बाद उनके लिए स्कूलों के आवंटन का काम भी ऑनलाइन प्रक्रिया से हो रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि स्कूल आवंटन में पारदर्शिता बनी रहे. इससे इतर जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण नव नियुक्त शिक्षक कई प्रश्न खड़े कर रहे हैं. उनका कहना है कि स्कूल आवंटन में बड़े पैमाने पर त्रुटियां सामने आ रही हैं. शिक्षा विभाग ने रिक्ति के अनुसार जो सूची जारी की है, उसके मुताबिक उजियारपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चांदचौर चपता में 42 शिक्षकों का एक ही यू डायस कोड पर पोस्टिंग की गई है. इसी तरह विद्यापतिनगर प्रखंड स्थित पीएस ईसापुर में 33 शिक्षकों को पदस्थापित किया गया है. इसी तरह कई विद्यालय ऐसे चिह्नित किये गये हैं, जहां जरूरत से अधिक शिक्षकों का आवंटन किया गया है. पूरे जिले से कई बार स्कूलों में बच्चों की नामांकित और औसत उपस्थिति तथा शिक्षकों की वर्तमान तैनाती से संबंधित आंकड़े प्रधानाध्यापकों से मंगाये गये. रिक्ति तैयार की गयी, लेकिन सत्यापन के नाम पर कागजी खानापूर्ति की गयी, जिसका नतीजा सामने आ रहा है.

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