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Nilesh Mukhiya Murder Case: शूटर नीलेश मुखिया को गोली मार रहे थे, कार में बैठा अजय देख रहा था

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Nilesh Mukhiya murder case: 10 सितंबर को शूटर इमरान, उसका भाई क्योष और अजय का दोस्त विकास गिरफ्तार हुआ. वहीं 16 सितंबर को अजय, संतोष और उदय पकड़ा गया.

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नीलेश कुमार उर्फ नीलेश मुखिया की हत्या राजनीतिक और बालू के विवाद में नहीं, बल्कि अटल पथ के पास स्थित सात कट्ठा जमीन के विवाद में हुई है. इसका खुलासा शनिवार को एसएसपी राजीव मिश्रा ने किया. पुलिस ने इस हत्याकांड में उन तीन शातिरों को भी गिरफ्तार किया, जिन्होंने पप्पू, धप्पू और गोरख राय के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. एसएसपी राजीव मिश्रा के अनुसार घटना के दिन शूटर बाइक पर थे. वहीं अजय राय अपने साथियों के साथ पूर्व मंत्री के घर के पास भूषण की कार में बैठा था. वहीं अन्य लाइनर ऑटो से थे. पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है. नीलेश को गोली लगने के बाद अजय कार लेकर मौके से फरार हो गया. मालूम हो कि कुर्जी गेट नंबर 66 से अंदर नीलेश मुखिया का घर है. ठीक सामने एक पूर्व मंत्री का घर है.

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31 जुलाई को नीलेश मुखिया को गोली मारी गयी और इलाज के दौरान 23 अगस्त को दिल्ली में उनकी मौत हो गयी. इस मामले में 14 अगस्त को शहनवाज और मो राजा की गिरफ्तारी हुई. 10 सितंबर को शूटर इमरान, उसका भाई क्योष और अजय का दोस्त विकास गिरफ्तार हुआ. वहीं 16 सितंबर को अजय, संतोष और उदय पकड़ा गया.गिरफ्तार तीनों शातिरों में दीघा बालू पर के अजय राय उर्फ विशाल कुमार, उसके चाचा उदय कुमार और दीघा के गली नंबर 90 का संतोष कुमार शामिल है. इन लोगों के पास से पुलिस ने एक देसी पिस्टल, एक मैग्जीन, चार राउंड जिंदा कारतूस, एक क्रेटा कार (इसी कार से हुई थी रेकी) और 36 हजार नगद बरामद किया है. 

पप्पू राय ने शूटरों को दिए थे  25 लाख

एसएसपी ने बताया कि अजय राय और नीलेश मुखिया दोनों खास दोस्त थे. दोनों एक साथ मिलकर जमीन का धंधा करते थे, लेकिन दीघा अटल पथ के पास स्थित सात कट्ठे के प्लॉट को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया. जमीन की कीमत सात करोड़ रुपये है. इस विवाद के बाद अजय ने नीलेश से दूरी बना ली और पाला बदल अपने पार्टनर उदय और संतोष के साथ पप्पू, धप्पू व गोरख से जा मिला. अजय ने पूरा विवाद तीनों भाइयों को बताया और पप्पू राय के कार्यालय में बैठकर हत्या की साजिश रच दी. साजिश रचने के बाद पप्पू राय ने अजय राय को 25 लाख रुपये शूटरों को देने के लिए दिया. अजय ने अपने दोस्तों की मदद से पटना सिटी के इमरान उर्फ लल्लू से संपर्क किया और उसे 5.50 लाख की सुपारी देकर नीलेश की हत्या करवा दी. सुपारी का जो पैसा बचा, वह अजय, उदय और संतोष ने आपस में बांट लिया. हत्याकांड की साजिश में शामिल संतोष करीब पांच महीने पहले ही जेल से छूटा है. वह दीघा थाना से हत्या के एक मामले में जेल गया था. वहीं अजय राय के खिलाफ राजीव नगर, शास्त्रीनगर और पाटलीपुत्र थाना में कई संगीन मामले में 11 केस दर्ज हैं. उदय के खिलाफ भी पाटलीपुत्र थाना में तीन केस दर्ज है.

तीनों भाई समेत आठ लोग अब भी फरार

इस मामले में अजय राय के सहयोगी एजाजुद्दीन, रिंकू, भूषण और सुपारी लेने वाला शूटर इमरान का सहयोगी व लाइनर अरबाज और अजहर जिलानी फरार चल रहे हैं. इसके अलावा पप्पू, धप्पू और गोरख राय भी फरार चल रहे हैं. नीलेश मुखिया हत्याकांड में पुलिस अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. नामजद भाइयों पप्पू, धप्पू और गोरख फरार हैं और तीनों के घरों की कुर्की जब्ती हो चुकी है. पुलिस की जांच में आया है कि भूषण की कार का भी इस्तेमाल रेकी में हुआ था.

प्लॉट के कुछ हिस्से पर नीलेश का कब्जा था

पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस जमीन के लिए हत्या की पूरी साजिश रची गयी उसका कुछ हिस्सा नीलेश के कब्जे में था. अजय चाहता था कि नीलेश के हिस्से को भी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बेच दें. नीलेश के रहते अजय जमीन बेच नहीं सकता था. इस वजह से अजय ने पप्पू राय से संपर्क बना लिया. अजय को पता था कि नीलेश का पूर्व से पप्पू, धप्पू और गोरख राय से राजनीतिक रंजिश व वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा है. इसी का फायदा अजय ने उठाया और तीनों भाइयों को नीलेश के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया. अप्रैल महीने में पप्पू, धप्पू और गोरख के ऑफिस पर अजय, उदय और संतोष की मीटिंग हुई. अजय ने पप्पू से कहा कि 25 लाख में काम पूरा हो जायेगा.

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