12.7 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 06:14 am
12.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बरेव गांव में मुगलकाल से मां काली की होती है पूजा-अर्चना

Advertisement

मां काली भक्तों की मन्नतें करतीं है पूरी

Audio Book

ऑडियो सुनें

अकबरपुर. प्रखंड के बरेव गांव में गोविंदपुर- बरेव मुख्य मार्ग पर स्थित मां काली मंदिर से श्रद्धालुओं की अटूट आस्था जुड़ी है. मंदिर का इतिहास मुगलकाल से ही है. ग्रामीण बिंदा सिंह पूर्व मुखिया बताते हैं कि यहां के पूर्वज मुगलकाल से मां काली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन शक्ति की अष्टधात्री माता काली की प्रतिमा स्थापना कर हर वर्ष दिवाली के अवसर पर की जाती है. इस मंदिर पर लोगों का अटूट विश्वास है. यह आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां जो सच्चे मन से मन्नते मांगते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. प्रत्येक वर्ष इस पूजा के अवसर पर जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, वह यहां आकर पूजा- अर्चना करते हैं. पुत्र प्राप्ति के बाद उनका मुंडन भी यहां करवाते हैं. पूजा के दौरान यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किये जाते हैं. इसमें बड़ी संख्या में लोगों के यहां उपस्थित होकर संस्कृति कार्यक्रम का मनोरंजन का लुत्फ उठाते हैं. खासकर यहां दोनों समुदाय के लोग आकर एक साथ संस्कृति कार्यक्रम का आनंद उठाते हैं. ग्रामीण सूरज सिंह, जयराम सिंह, मुसाफिर सिंह, रामचंद्र मिश्र, विष्णु भक्त, कृष्ण साव, बबन सिंह आदि का कहना है कि हमारे पूर्वजों का कहना है कि यहां मां काली के पूजा मुगलकाल से ही की जा रही है, जो आज तक चलती रही है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुखिया अभिमन्यु कुमार, पूर्व मुखिया संतोष कुमार, तपेश्वर सिंह, बॉबी सिंह व सभी ग्रामीण मिलजुल कर सहयोग करते हैं.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें