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बेहद प्रसिद्ध है बिहार के इस शहर का खाजा, पूरी दुनिया है दीवानी, जानिए इसकी खासियत

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Bihar News: बिहार के नालंदा जिले के सिलाव का खाजा विश्व प्रसिद्ध है. यहां स्थित काली साह की मिठाई की दुकान ने 52 परतों वाले खाजा की 200 साल पुरानी परंपरा को अभी तक जीवित रखा है. इस विश्व प्रसिद्ध खाजा को जीआई टैग मिल चुका है.

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Bihar News: बिहार के नालंदा जिले के सिलाव का खाजा विश्व प्रसिद्ध है. यहां स्थित काली साह की मिठाई की दुकान ने 52 परतों वाले खाजा की 200 साल पुरानी परंपरा को अभी तक जीवित रखा है. इस पारंपरिक मिठाई का प्रारंभ करीब दो शताब्दी पूर्व किया गया था. पहले इसे ‘खजूरी’ के नाम से जाना जाता था. आज भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग खजूरी ही बोलते हैं. लेकिन समय के साथ इसका नाम बदला और ‘खाजा’ पड़ गया. पूरे देश के लोग इस मिठाई के स्वाद के दीवाने हैं.

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ऐसे तैयार होता है विश्व विख्यात खाजा

इस प्रसिद्ध खाजा को गेहूं के आटे, चीनी, मैदा, घी, इलायची, और सौंफ से तैयार किया जाता है. खाने में कुरकुरा और स्वादिष्ट लगता है. इस पारंपरिक मिठाई ने बिहार की विशिष्टता को एक नई पहचान दे दी है. बता दें कि भारत सरकार ने इस मिठाई को जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडेक्शन टैग) भी दिया है. इससे खाजा उद्योग से जुड़े कारोबारियों को समर्थन मिल रहा है.

रोजाना 1.5 क्विंटल खाजा होता है तैयार

बता दें कि प्रसिद्ध काली साह की दुकान में लगभग 30 से 35 लोग प्रतिदिन काम करते हैं. यहां रोजाना 1.5 क्विंटल खाजा तैयार किया जाता है. मिली जानकारी के अनुसार काली साह ने इस खाजा उद्योग की नींव रखी थी. असली खाजा की पहचान के लिए दुकान पर एक साइन बोर्ड भी लगाया गया है. जिसमें लिखा है अंतराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त दुकान.

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अमिताभ बच्चन भी कर चुके हैं जिक्र

इस काली साह की दुकान का जिक्र मशहूर टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में अमिताभ बच्चन द्वारा भी किया जा चुका है. देश के कोने-कोने से लोग इस खाजा का स्वाद चखने के लिए सिलाव पहुंचते हैं. नालंदा की यात्रा पर आने वाले पर्यटक इस प्रसिद्ध खाजा को खरीदकर अपने राज्य या शहर जरूर लेकर जाते हैं. खाजा की कीमत 100 रुपए से शुरू होती है और 300 रुपए तक जा सकती है.

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