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बिहार में सेवा शुल्क से बैंक कमा रहे सालाना 870 करोड़, जानिये किन सेवाओं के लिए बैंक लेता है शुल्क

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यह राशि एसएमएस अलर्ट, एटीएम चार्ज, नेफ्ट, आरटीजीएस, न्यूनतम बैलेंस सहित अन्‍य तरह की सुविधाओं के लिए वसूली जाती है. इनमें से कई सेवा शुल्क के बारे में तो ग्राहकों को जानकारी ही नहीं होती.

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सुबोध कुमार नंदन, पटना. बैंक सिर्फ सेवा शुल्क के नाम पर हर साल काफी मोटी कमाई करते हैं. ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी के मुताबिक बिहार में हर साल बैंकों की यह कमाई 870 करोड़ रुपये से अधिक की है.

उन्होंने बताया कि बैंक अपनी बैलेंसशीट में सेवा शुल्कों से होने वाली आय को अलग से दर्ज करते हैं. रिजर्व बैंक इस पर हर साल एक नेशनल रिपोर्ट जारी करती है. इसके अनुसार बिहार में बैंकों की ब्रांचों की संख्या के आधार पर यह आैसत अनुमानित कमाई है.

यह राशि एसएमएस अलर्ट, एटीएम चार्ज, नेफ्ट, आरटीजीएस, न्यूनतम बैलेंस सहित अन्‍य तरह की सुविधाओं के लिए वसूली जाती है. इनमें से कई सेवा शुल्क के बारे में तो ग्राहकों को जानकारी ही नहीं होती.

पासबुक अपडेट कराने या शुल्क काटे जाने का मैसेज मिलने पर उनको इसकी जानकारी मिलती है. यह सरकार की कैशलेस व्यवस्था को आगे बढ़ाने की राह में रोड़े अटका रही है.

एसएमएस अलर्ट

एसएमएस अलर्ट सुविधा के लिए ग्राहकों से निश्चित राशि ली जाती है. सुरक्षित बैंकिंग के लिए ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे एसएमएस अलर्ट सुविधा लें, ताकि उनके बैंक खाते से किये गये ट्रांजेक्शन की जानकारी उन्हें तुरंत मिल जाये. लेकिन, इसके लिए भी बैंक ग्राहकों से पैसे वसूलते हैं. एक तिमाही के लिए बैंक एसएमएस अलर्ट के लिए 15 रुपये (जीएसटी समेत 17.70 रुपये) वसूलते हैं. यह सेवा शुल्क ग्राहक के खाते से अपने आप काट लिया जाता है, जिसका कई बार ग्राहक को पता भी नहीं चलता है.

डेबिट या एटीएम कार्ड चार्ज

अगर आप आज डेबिट कार्ड का इस्तमाल करते हैं तो ध्यान रखें कि साल में एक बार आपके खाते से 100-500 रुपये के बीच एक रकम काटी जाती है. ये पैसे बैंक आपके डेबिट कार्ड की वार्षिक चार्ज के रूप में काटते हैं. अगर आपका कार्ड कहीं खो जाता है या नष्ट हो जाता है, तो नया कार्ड लेने के लिए भी आपको पैसे देने पड़ते हैं. जीएसटी के साथ यह रकम ग्राहकों को और भी ज्यादा पड़ती है.

ट्रांजेक्शन चार्ज

अगर आप अपने बैंक की होम या नॉन-होम ब्रांच से कैश का ट्रांजेक्शन करते हैं तो उसके लिए भी चार्ज देना पड़ता है. रकम के हिसाब से हर बैंक ने अपने अलग-अलग चार्ज तय कर रखा है. अधिकतर बैंकों ने हर माह केवल पहली ब्रांच ट्रांजेक्शन को मुफ्त रखा हुआ है. वहीं, तय सीमा से अधिक ट्रांजेक्शन करने पर आपको चार्ज देना होगा.

एटीएम चार्ज

बैंक आपको एटीएम कार्ड देते हैं और उसके लिए पैसे भी लेते हैं, लेकिन एटीएम से पैसे निकालने को लेकर भी उसने कमाई बढ़ाने वाले नियम बना रखे हैं. अगर आप अपने ही बैंक की एटीएम से पांच बार से अधिक पैसे निकालते हैं तो आपको प्रति ट्रांजेक्शन 20 रुपये (टैक्स मिलाकर करीब 23 रुपये) चुकाने होते हैं. वहीं, दूसरे बैंक की एटीएम से ट्रांजेक्शन की अधिकतम सीमा तीन बार है, जिसके बाद चार्ज लगता है.

इंटरनेट बैंकिंग चार्ज

आजकल पैसों के लेनदेन के लिए इंटरनेट बैंकिंग की फंड ट्रांसफर सेवा, नेफ्ट व आरटीजीएस का उपयोग खूब किया जाता है. इससे पैसे तो चले जाते हैं, लेकिन उसमें एक छोटी-सी रकम बैंक द्वारा भी काट ली जाती है. ट्रांजेक्शन करते समय तो ये रकम छोटी लगती है, लेकिन बैंक की नजर से देखा जाये तो लाखों-लाख रकम निकल कर सामने आती है.

चेक बाउंस होने पर फाइन

चेक बाउंस होने पर भी ग्राहकों से पैसा वसूला जाता है. अगर आपका चेक बाउंस होता है, तो आपको 100 रुपये से 150 रुपये का भुगतान करना पड़ा सकता है. साथ ही आरबीआइ एक लाख रुपये से अधिक के चेक की स्पीड क्लियरिंग के लिए बैंकों को 150 रुपये प्रति चेक से अधिक चार्ज करने की अनुमति नहीं देता है.

कार्ड पिन-रीसेट

अगर डेबिट या क्रेडिट कार्डधारक अपने कार्ड का पासवर्ड या पिन बदलता है तो उसके लिए भी उसके खाते से शुल्क काट लिया जाता है. जैसे एक निजी बैंक पिन रीसेट के लिए ग्राहक के खाते से 50 रुपये और जीएसटी काट लेता है.

डेबिट कार्ड डिक्लाइन चार्ज

अगर कार्डधारक अपने कार्ड से कहीं पर ट्रांजेक्शन की कोशिश करता है और पैसे कम होने की वजह से अगर ट्रांजेक्शन नहीं हो पाता, तब भी कार्डधारक के खाते से बैंक ट्रांजेक्शन डिक्लाइन चार्ज काट लिया जाता है.

डॉक्यूमेंटेशन

अगर आप बैंक से डुप्लीकेट पासबुक या कोई अन्य स्टेटमेंट लेते हैं, तो आपको 50 रुपये से 150 रुपये भरने पड़ सकते हैं. लेकिन इ-मेल स्टेटमेंट के लिए बैंक चार्ज नहीं लेता है. अगर आप बैंक से प्रिंटेड स्टेटमेंट नहीं लेना चाहते हैं, तो आप खुद अपनी स्टेटमेंट का प्रिंटआउट निकालकर बैंक से अटेस्ट करवा सकते हैं.

डोरस्टेप बैंकिंग सर्विसेज

स्टेट बैंक में फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए प्रति विजिट 75 रुपये प्लस जीएसटी चार्ज के रूप में देना होगा. इसी प्रकार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में यह चार्ज 200 रुपये प्लस जीएसटी प्रति विजिट है. पंजाब एंड सिंध बैंक में यह चार्ज 50 रुपये प्लस जीएसटी और 150 रुपये कन्वेनैंस चार्ज के रूप में देना होगा. रिक्वेस्ट पूरा होने के बाद यह सर्विस आपके बैंक अकाउंट से ही कट जायेंगे.

बिहार में 6.25 लाख हैं एटीएम कार्डधारी

राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल एटीएम की संख्या 6546, नेट बैंकिंग से जुड़े खाताधारकों की संख्या 62 लाख 95 हजार 19, मोबाइल बैंकिंग से जुड़े खाताधारकों की संख्या 51 लाख 45 हजार 797 और एटीएम कार्डधारकों की संख्या छह करोड़ 25 लाख 69 हजार 328 है. वहीं, पटना जिले में एटीएम मशीन की संख्या 1485 है, जबकि एटीएम कार्डधारकों की संख्या 52 लाख 84 हजार 629 हैं.

Posted by Ashish Jha

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