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सीनेट की बैठक की कार्यवाही अब नये फॉर्मेट में राजभवन को भेजेंगे

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सीनेट की बैठक की कार्यवाही अब नये फॉर्मेट में राजभवन को भेजेंगे

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वीसी ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर दिये निर्देश वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर राजभवन से निर्धारित फाॅर्मेट में ही अब बीआरएबीयू से सीनेट की कार्यवाही का प्रस्ताव अनुमाेदन के लिए भेजा जायेगा. गुरुवार काे कुलपति प्राे. दिनेश चंद्र राय ने संबंधित अधिकारियाें के साथ इस बाबत बैठक की. जिसमें इस बारे में दिशा-निर्देश दिये. बताया कि राजभवन के निर्देश का पालन करते हुए प्रस्ताव बनाकर राजभवन को अनुमाेदन के लिए भेजा जाए. अलग-अलग विश्वविद्यालयाें के प्रस्ताव पर आपत्ति के बाद बिहार विवि में बैठक की कार्रवाई नये सिरे से तैयार की जा रही है. मार्च में बीआरएबीयू में सीनेट की बैठक हुई थी. स्थापना काल के बाद पहली बार सीनेट की बैठक कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में हुई. कुलाधिपति ने सभी विश्वविद्यालयाें में सीनेट की अध्यक्षता की. इससे पहले कुलाधिपति के प्रतिनिधि के ताैर पर कुलपति ही अध्यक्षता करते रहे हैं. बता दें कि विश्वविद्यालयाें के दीक्षांत समाराेह में ही कुलाधिपति शामिल हाेते हैं. पहली बार कुलाधिपति ने सीनेट की अध्यक्षता करने का निर्णय लिया, ताे इसका सकारात्मक प्रभाव दिखा. अब राजभवन से एक और बदलाव किया गया है. जिसमें सीनेट की बैठक की कार्यवाही का अनुमाेदन कुलाधिपति काे करना हाेता है. भेजे गये प्रस्ताव में गड़बड़ी के कारण लगी रोक इस वर्ष कई विश्वविद्यालयाें ने जाे प्रस्ताव भेजे हैं, उसमें कई तरह की गड़बड़ी सामने आयी. किसी ने कुलाधिपति के संबाेधन काे ही हटा दिया है, ताे कुछ विश्वविद्यालयाें ने उपस्थित सदस्याें का जिक्र ही नहीं किया है. राजभवन ने उसे राेकते हुए विश्वविद्यालयाें से निर्धारित फाॅर्मेट में प्रस्ताव मांगे हैं. राज्यपाल के प्रधान सचिव राॅबर्ट एल चाेंग्थू ने कुलपति काे पत्र के साथ फाॅर्मेट भी भेजा है. बैठक में उपस्थित सदस्याें के नाम सहित सभी एजेंडे व निर्णय भी बिंदुवार अंकित करना है. अब तक जो होता रहा, उसमें बैठक के बाद विश्वविद्यालय अपनी सुविधा के अनुसार प्रस्ताव बनाकर भेज देते हैं, और राजभवन से भी उसका अनुमाेदन हाे जाता था. इस परंपरा पर राजभवन ने राेक लगा दी है.

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