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सदर अस्पताल से बिना इलाज गर्भवती को वापस भेजा, मरीज ने की शिकायत तो पीएमओ ने चिकित्सक से मांगा जबाव

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वर्ष 2020 में मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में एक गर्भवती महिला इलाज के लिए गयी. मगर डॉक्टरों ने उसे बिना इलाज किये ही वापस भेज दिया. इस मामले में महिला के द्वारा शिकायत की थी. इसपर पीएमओ ने संज्ञान लिया है. पूरे मामले की पीएमओ ने सीएस से रिपोर्ट मांगी है.

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सदर अस्पताल में गर्भवती का इलाज किये बिना वापस करना डॉक्टर व नर्स को भारी पड़ गया. महिला के परिजन ने प्रधानमंत्री कार्यालय में इसकी शिकायत कर दी थी़ 20 सितंबर 2020 को की गयी शिकायत पर पीएमओ ने संज्ञान लिया है. पीएमओ ने सीएस उमेश चंद्र शर्मा से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. सिविल सर्जन डा. यूसी शर्मा ने बताया कि मिठनपुरा रमना के विभूतिनारायण ठाकुर की शिकायत पर डा.सीएस प्रसाद व डा.एसके पाण्डेय को जांच की जवाबदेही दी गयी है. रिपोर्ट पीएमओ कार्यालय को भेजी जायेगी. मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आयेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. अस्पताल में डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया था.

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सदर अस्पताल में 20 सितंबर 2020 को मिठनपुरा रमना के विभूतिनारायण ठाकुर पत्नी को लेकर शाम करीब साढ़े तीन बजे पहुंचे और प्रसव कराने के लिए पहल की. इसके बाद चिकित्सक ने इलाज करने से मना करते हुए बाहर जाने की सलाह दी. उसके बाद वहां दीवार पर नंबर लिखा हुआ था. उसपर जब शिकायत की तो वहां से भी यही जवाब आया कि यहां पर प्रसव संभव नहीं है. शिकायतकर्ता के अनुसार जब निजी अस्पताल में जा रहे थे तो अल्ट्रसाउंड की रिपोर्ट मांगी. इसके लिए अलग से पैसे की मांग की गयी. पैसा नहीं देने पर उस दिन रिपोर्ट नहीं दी गयी. इसके बाद जो जरूरी पैथोलाजी जांच थी, वह भी बाहर से करानी पड़ी. जबकि प्रसव के समय से ही वह नियमित जांच सदर अस्पताल में करा रहे थे.

गौरतलब है कि इससे पहले भी मुजफ्फपुर सदर अस्पताल के बारे में कई शिकायत सामने आती रही है. कई बार तो यहां डॉक्टर ओपीडी से भी गायब रहते हैं. अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ रहता है. यहां का प्रबंधन भगवान भरोसे चल रहा है.

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