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नेचुरल सैटेलाइट से जियो सैटेलाइट तक पहुंच चुका है, साइंस

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एलएनटी कॉलेज में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर कार्यक्रम

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वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर ललित नारायण तिरहुत महाविद्यालय में गुरुवार को बीसीए विभाग की ओर से राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीआरएबीयू के भौतिकी विभाग अध्यक्ष डॉ. ललन कुमार झा थे. अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अभय कुमार सिंह ने किया. इस दौरान बीसीए के कोऑर्डिनेटर डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि अंतरिक्ष एक ऐसा विषय है इसके संदर्भ में सोचते ही हम चांद तक पहुंच जाते हैं, आज चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण के पूरे एक वर्ष हो गये हैं. इस उपलक्ष्य में हम सभी एकत्रित हो अंतरिक्ष दिवस मना रहे हैं. मुख्य अतिथि ने कहा कि विज्ञान का इतिहास अपने आप में अनोखा है. प्योर साइंस और अप्लाइड साइंस ने अपने आप को इतना विकसित कर लिया है, कि आज हम नेचुरल सैटेलाइट से जियो सैटेलाइट तक पहुंच चुके हैं. आज हमारे पास जीपीएस जैसे सिस्टम उपलब्ध हैं. कभी वह दिन भी था, जब हम 60 के दशक में यह सोच भी नहीं सकते थे, कि विज्ञान के क्षेत्र में हम ऐसी प्रगति कर पाएंगे. काफी संघर्ष के बाद वैज्ञानिकों ने बीच का रास्ता निकाला और आज हम गंगायान, शुक्रियान, मंगलयान से सफर तय करते हुए चंद्रयान- एक चंद्रयान- दो और चंद्रयान-तीन की उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं. यह हमारे समय की बड़ी उपलब्धि है. महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि दर्शन और विज्ञान का अनुनाश्रय संबंध है. विज्ञान को समझने के लिए दर्शन को समझना होगा. विज्ञान शरीर की व्याख्या कर सकता है, लेकिन शरीर की आत्मा को दर्शन ही समझ सकता है. वैज्ञानिक ढंग से सोचना और दार्शनिक ढंग से देखना ही जीवन का मूल उद्देश्य होना चाहिए. बीसीए विभाग के डॉ. प्रमोद कुमार और डॉ. आरती ने अपने विचार रखें. छात्रों द्वारा अंतरिक्ष संदर्भित माडल, पोस्टर और खोजी सोच की कई प्रस्तुतियां की गई. साथ ही, छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए , जिसमें तान्या लाडली और श्रीस ने भाग लिया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षक पर कर्मचारी उपस्थित थे.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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