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मुजफ्फरपुर जिले के तीन मन में 183 प्रवासी पक्षियों ने बनाया अपना बसेरा, साइबेरिया से कर रहे भारत का रुख

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इस साल मुजफ्फरपुर जिले के तीन झपहां मन, मनिका मन और कोठिया इलाके में 183 प्रवासी पक्षियों ने डेरा डाला है. साइबेरियन पक्षी भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रास्ते यहां पहुंचते हैं

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मुजफ्फरपुर जिले के तीन झपहां मन, मनिका मन और कोठिया में इस साल 183 प्रवासी पक्षियों ने अपना डेरा डाला. एडब्लूसी के सर्वे के अनुसार इन तीनों मन में 30 प्रजाति के पक्षियों ने अपना बसेरा बनाया था. इन प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट दिसंबर से मार्च तक सुनने को मिल रही थी. मार्च के बाद यह प्रवासी पक्षी अपने वतन को लौट गये. यहां साइबेरियन पक्षी भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान होते हुए पहुंचे थे. पिछले कई सालों के बाद यह पक्षी तीनों मनों में पहुंचे थे.

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जानकारों की माने तो ये कभी रास्ता नहीं भटकते. इनकी स्मरण शक्ति काफी तेज होती है. विभाग की माने तो इस वर्ष करीब 250 से 300 पक्षी पहुंचते हैं. इनमें से 183 साइबेरियन पक्षी का आंकलन किया गया, जो पिछले साल के अपेक्षा इस साल अधिक पहुंचे थे. इनका एक रूट अफगानिस्तान, पाकिस्तान, गुजरात होते हुए यह इन मन में आते है. दूसरा हिमालय से चंडीगढ़ होते हुए भी यह पक्षी आते है. इन पक्षियों में कामन पोचार्ड, आरसीपी, रूडी शेल्डक, रूशी, रूशेल एवं गार्गेनी पक्षियों की प्रजातियां हैं.

साइबेरिया से इस वजह से कर रहे भारत का रुख

साइबेरिया में तापमान जाड़े में माइनस में पहुंचता है. ऐसे में इन पक्षियों के समक्ष भोजन का संकट खड़ा होता है. ये पक्षी दिन में दो बार ही भोजन करते हैं. सुबह का नाश्ता साढ़े आठ बजे तक हो जाता है. इसके बाद शाम पांच से छह बजे तक दूसरी बार भोजन करते हैं. अमूमन पानी के अंदर के जलीय पौधे इनका भोजन है.

घर छोड़ने से पहले करते हैं भरपेट भोजन

यह पक्षी अपना घर छोड़कर यहां आने से पहले ये दो-तीन महीने तक भरपेट भोजन करते हैं. हजारों किमी की दूरी तय करने के कारण एनर्जी खर्च होती है. हर दिन औसतन 40 किमी की उड़ान भरते हैं. पिछले एक दशक में दोनों ठिकानों पर प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ी है. कुछ वर्ष पहले तक यह संख्या 80-90 हुआ करती थी, जबकि इस बार जनवरी-फरवरी माह में अधिक प्रवासी पक्षी पहुंचे है. प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए यह एक अच्छा संकेत है.

30 विभिन्न प्रजाति के पक्षी मिले

पक्षियों की गिनती के दौरान गडवाल, सैंड पीपर, कॉमन टील सहित 30 विभिन्न प्रजाति के पक्षी मिले हैं. इस सर्वे कार्य में प्रवासी पक्षियों में मुख्य रूप से गडवाल, सैंड पीपर, नॉर्दर्न शोवलर, कॉमन टील, गरगेनी, लेसर विसलिंग टील, फेरूजिनस डक एवं स्थानीय पक्षियों की करीब 300 की संख्या पाई गई है. इस गणना कार्य में जलाशय में प्रवासी पक्षियों के साथ स्थानीय पक्षियों की भी गणना की गयी है.

इन मन में पहुंचे पक्षी

  • झपहां मन- 13
  • मनिका मन- 84
  • कोठिया मन- 86


कोठिया, झपहां और मनिका मन में प्रवासी पक्षियों का आना हुआ है. विभाग ने इन पक्षियों को सर्वे किया हैं. सर्वे के बाद इसकी जानकारी मुख्यालय को भेज दी गयी हैं. देखा गया है कि इस साल अधिक पक्षी तीनों मन में पहुंचे है. विभाग की ओर से हर दिन तीनों मनों में जाकर देख रही थी.

भरत चिंता पल्ली, डीएफओ

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