कुढ़नी :: एइएस से जीरो डेथ का कारण जानने पहुंचे महाराष्ट्र के डॉक्टर
किंग एडवर्ड मेमोरियल मेडिकल काॅलेज महाराष्ट्र के गांधी कॉलेज से प्रशिक्षु चिकित्सकों का दल बुधवार को सीएचसी पहुंचा. इस दौरान 12 चिकित्सकों के साथ स्टेट व जिले की पिरामल टीम भी थी.
महाराष्ट्र मेडिकल कॉलेज से प्रशिक्षु चिकित्सकों का दल पहुंचा सीएचसी प्रतिनिधि, कुढ़नी किंग एडवर्ड मेमोरियल मेडिकल काॅलेज महाराष्ट्र के गांधी कॉलेज से प्रशिक्षु चिकित्सकों का दल बुधवार को सीएचसी पहुंचा. इस दौरान 12 चिकित्सकों के साथ स्टेट व जिले की पिरामल टीम भी थी. इस दौरान टीम ने एइएस से काफी संख्या में बच्चों की मौत व बदनामी के बाद कैसे जीरो डेथ तक मुजफ्फरपुर पहुंचा, इसकी जानकारी चाही़ प्रबंधक टप्पू गुप्ता ने एइएस क्या है? फिर स्वास्थ्य विभाग के एक्शन प्लान, माॅनीटरिंग व डाटा के साथ रिपोर्टिंग के बारे में बारीकी से बताया. चिकित्सक ने प्रखंड स्तर पर मरीज का स्टेबल मैनेजमेंट व रेफरल प्लान को समझाया. वहीं प्रशिक्षु चिकित्सकों ने प्रबंधक व चिकित्सक से कई सवाल भी किया और एइएस से जुड़ी भ्रांति भी जानी. बताया गया एक दल सीतामढ़ी भी गया है. वह फिर मुजफ्फरपुर आयेगा. प्रबंधक ने बताया कि चमकी के तीन धमकी (जगाओ, खिलाओ व अस्पताल जाओ) कैसे जन-जन तक पहुंचा. क्या-क्या तैयारी व कार्य एक वार्ड लेबल से लेकर मेडिकल लेबल तक किया गया. ग्रामीण चिकित्सक की भूमिका का प्रचार-प्रसार व जागरूकता वार्ड से लेकर घर-घर के बच्चों तक कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी दी. वही चिकित्सक ने एसओपी के साथ 29 तरह की दवा और 14 उपकरण को कैसे उपयोग किया जाता है. मरीज को स्टेबल करके कैसे रेफर किया जाता है. रेफरल रिपोर्ट कैसे बनती है. इसको बारीकी से बताया. चिकित्सकों का दल अस्पताल के प्रसव कक्ष, वार्ड सहित अन्य कार्य की जानकारी ली. मौके पर एडवर्ड मेमोरियल मेडिकल काॅलेज महाराष्ट्र की प्रोफेसर डाॅ. श्री काला, स्टेट पीरामल टीम से डाॅ. रविन्द्र शर्मा, पीयूष प्रधान मिश्रा, रामाशंकर सिंह, जिला टीम से राकेश सिंह, इफ्तेकार खान, राजीव कुमार, सीएचसी से जीएएनएम ओम प्रकाश, सीनियर डाटा हैंडलर रंजीत कुमार, डीइओ रवि कुमार, रंजीत कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.
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