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जंक और फास्ट फूड खाकर बच्चे हो रहे बीमार, फूड स्टॉल पर दुकानदार नहीं रख रहे स्वच्छता का ख्याल

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मुजफ्फरपुर में भी जंक और फास्ट फूड का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. डब्बा बंद फूड की बिक्री खूब हो रही है तो गली-मुहल्लों में बिना स्वच्छता का ख्याल रखे अनगिनत फूड कॉर्नर चल रहे हैं. इस तरह का फूड हमारे शरीर पर किस तरह असर करता है, इस पर पढ़िये रिपोर्ट

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मुजफ्फरपुर. आज के व्यस्त जीवन शैली में फास्ट फूड और जंक फूड ने अपना अहम जगह बना लिया है. इस दौर में राह चलते लोग ऐसे फूड को नास्ते के तौर पर सेवन करने लगे हैं और लोगों को आनंद भी आने लगा है. जंक फूड यानी डब्बा बंद फूड है, जिसे बनाने की जरूरत नहीं होती और फास्ट फूड तुरंत में तैयार होने वाला आहार है, लेकिन दोनों स्वास्थ्य के लिये नुकसानदेह है, लेकिन बच्चों के लिये यह मनपसंद व्यंजन है. शाम में जब तक बच्चे ऐसे फूड का इस्तेमाल नहीं करें, उन्हें संतोष नहीं मिलता. एक अध्ययन के अनुसार पांच वर्ष से कम उम्र के 40 फीसदी बच्चे इस तरह के आहार से बीमार पड़ रहे हैं.

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रेस्तरां और कैंटीन में फास्ट फूड कॉमन

इन दिनों शहर के रेस्तरां, फुटपाथ पर सजी दुकानें और विभिन्न कार्यालयों के कैंटीन में फास्ट फूड कॉमन है. इतना ही नहीं पारिवारिक पार्टियों में भी लोग इसका जी भर कर आनंद लेते हैँ. पिज्जा, बर्गर, रोल मोमोज, फ्रैच फ्राई, बड़ा पाव, जैसे जंक फूड्स आसानी से मिल जाते हैँ और इसे बनाने में समय भी बहुत कम लगता है. इस तरह के फूड में अधिक मात्रा में शुगर, नमक, संतृप्त वसा और उच्च कैलोरी पायी जाती हे, जो हमारे स्वास्थ्य के लिये बहुत नुकसानदेह है. जंक फूड या फास्ट फूड एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो बहुत ही तैलीय और उच्च कैलोरी वाला होता है. इसमें पोषक तत्वों की मात्रा बहुत कम होती है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने इसे स्वास्थ्य के लिये हानिकारक माना है.

जंक और फास्ट फूड खाने से बीमारियां

  • एसीडिटी – जंक और फास्ट फूड का सेवन आपके पाचन शक्ति को कमजोर करता है. एक ही तेल में कई चीज को बार-बार डीप फ्राई किया जाता है. ऐसे में तेल पेट में जमा हो जाता है. इसमें फाइबर की मात्रा नहीं के बराबरर होती है. इससे पेट की समस्या हो सकती है. इसे पचाने में दिक्कत हो सकती है.
  • हार्ट से जुड़ी बीमारियां – ऐसे फूड के सेवन से हृदय की जुड़ी बीमारियां हो सकती है. जंक फूड में कॉल्स्ट्रोल और ट्राइग्लिसेराइड भरपूर मात्रा में पायी जाती है, जिससे मोटापा हो सकता है. इसमें सोडियम भी भरपूर मात्रा में पायी जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट फेल्योर भी हो सकता है
  • लीवर की समस्या – जंक फूड में ट्रांस फैट पाया जाता है जो लीवर में जमा हो जाता है और लीवर के कार्य को प्रभावित करता है
  • सिरदर्द – ऐसे फूड सोडियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. फ्रैच फ्राइज जैसे व्यंजन से सिर दर्द होने की आशंका बढ़ जाती है
  • मुहांसे – इस तरह का फूड स्किन को भी प्रभाव डाल सकता है. बर्गर, फ्रेंच फाइज, चिप्स में मौजूद कार्ब्स मुंहासे पैदा करते हैं.
  • उच्च रक्तचाप – फास्ट फूड में सोडियम भरपूर मात्रा में होती है, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है और हृदय तंत्र पर दबाव डालता है.
  • डायबिटीज – जंक फूड के सेवन से मधुमेह की समस्या हो सकती है. जंक फूड में मौजूद शुगर की मात्रा ब्लड में शुगर लेवल को बढ़ाता है. इससे डायबिटीज होने की संभावना रहती है

डायरिया और फूड प्वॉयजनिंग कॉमन

जंक और फास्ट फूड खाने से डायरिया और फूड प्वॉयजनिंग कॉमन है. दोनों बीमारियों से ग्रसित होकर आने वाले मरीजों में 80 फीसदी लोग खान-पान से ही बीमार हो रहे हैं. डॉक्टर कहते हैं कि गर्मी के मौसम में जंक और फास्ट फूड ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. अक्सर लोग पेट दर्द, डायरिया, गैस बनना और फूड प्वॉयजनिंग के शिकार होकर पहुंचते हैं, जिसका मुख्य कारण खान-पान में गड़बड़ी होती है.

एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी कहते हैं कि बच्चे इन सारी बीमारियों से अधिक पीड़ित होते हैं. बाहर की तली-भुनी चीजों के अलावा फास्ट और जंक फूड इन बीमारियों का कारण बनता है. गर्मी के मौसम में इस तरह की बीमारियां कॉमन हो जाती है. अभिभावकों को बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिये

बच्चों को नहीं देती जंक फूड

बच्चों को जंक फूड नहीं देती हूं. मुझे पता है कि यह कई सारी बीमारियों का कारण है. अक्सर मां बच्चों को स्कूल जाते वक्त टिफिन में चाऊमीन, बर्गर या दूसरी फास्ट फूड या जंक फूड रख देते हैं, लेकिन मैंने हमेशा से इससे परहेज किया है. इससे बच्चों को आदत भी नहीं लगी है. अगर कभी मन किया तो घर पर ही बना देती हूं. इससे बच्चों का सेहत ठीक रहता है.

– सविता राज, रामदयालु

फास्ट फूड का बच्चों को आदत नहीं लगाएं

बच्चे अक्सर शाम में फास्ट फूड खाते हैं. इन दिनों शहर में खुले फास्ट फूड के स्टॉल पर अक्सर लोगों की भीड़ लगी रहती है. यह अच्छी बात नहीं है. बच्चों में इस तरह की आदत लग जायेंगी तो बच्चों का सेहत ठीक नहीं रहेगा. हमलोगों को बच्चों को जंक फूड के सेवन से बचाना चाहिये. घर पर बना भोजन और नाश्ता सबसे बढ़िया है. इससे स्वास्थ्य ठीक रहता है.

– सोनी सुमन, प्राध्यापिका, एमएसकेबी कॉलेज

बच्चों को घर का बना आहार दें

बच्चों को जंक फूड की आदत नहीं लगानी चाहिये. यह स्वास्थ्य के लिये ठीक नहीं है. इससे मोटापा बढ़ता है और कई सारी बीमारियाें का खतरा रहता है. बच्चों को हमेशा घर का बना खाना दें और स्ट्रीट फूड पर बिक रहे चीजों को खाने से मना करें. बच्चा अगर फास्ट फूड चाहे तो घर पर आटे या मल्टीग्रेन से बना पिज्जा या बर्गर खाने के लिये दें. स्कूल जाते समय बच्चों को घर का बना आहार सहित फल दें. बिस्कुट या बाहर की चीजेंं खाने के लिये नहीं दें. बच्चों का दलिया से बना आहार दें. यह काफी पौष्टिक होता है.

– जयश्री, डायटीशियन

गंदगी के बीच बने व्यंजन कर रहे बीमार

शहर में अक्सर स्ट्रीट फूड की दुकानें गंदगी के बीच है. क्लब रोड सहित कई जगहों पर नालों के समीप ठेले लगते हैं. कहीं कूड़े का ढेर रहता है तो कहीं बजबजाती गंदगी. यह स्वास्थ्य के लिये बहुत हानिकारक है. इससे वायरस का फैलाव जल्दी होता है. ऐसे जगहों पर बने व्यंजन सेहत के लिये काफी नुकसानदेह है. व्यंजनों में थोडृी-सी भी गंदगी आ जाये तो व्यक्ति को वह तुरंत नुकसान पहुंचाता है. डायरिया और फूड प्वॉयजनिंग इसका सबसे बड़ा कारण है. ऐसी जगहों पर बने व्यंजन के खाने से परहेज करना चाहिये.

बीमार होने से बच्चों की पढाई बाधित

शहर में स्ट्रीट फूड पर बनने वाले फास्ट फूड खाकर अक्सर बच्चे बीमार पड़ जाते हैं. इससे उनका सेहत तो खराब होता ही है, उनकी पढ़ाई भी बाधित होती है. अभिभावकों को चाहिये कि बच्चों को ऐसे व्यंजन के उपयोग से बचाये. बच्चों के बीमार पड़ने पर पूरे परिवार की परेशानी बढ़ जाती है. यदि हम थोड़ा-सा ध्यान दे तो बच्चों को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है. खाने-पीने के लिये हमें ऐसी जगह का चयन करना चाहिये, जहां सफाई की अच्छी व्यवस्था हो और व्यंजनों के बनाने में भी सफाई का ध्यान रखा जा रहा हो. तभी हम और हमारे बच्चे स्वस्थ रह पायेंगे

मैरिन ड्राइव बने फूड कॉर्नर, आयेगा पिकनिक का मजा

कई शहरों के किसी एक मार्ग पर रविवार के दिन चार-पांच घंटों के लिये आवागमन बंद कर दिया जाता है. इस जगह विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के स्टॉल लगते हैं. कलाकार अपनी कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाते हैं. गायक और संगीतज्ञ अपना हुनर दिखाते हैं. लोग वहां इंज्वॉय करने पहुंचते हैं. अपने पसंद का व्यंजनों के साथ विभिन्न प्रकार की चीजों का लुत्फ उठाते हैं. शहरवासियों की मांग थी कि सिकंदरपुर स्थित मैरिन ड्राइव भी ऐसा ही स्पाॅट बने.

जिला प्रशासन भी इसे इसी तरह डेवलप करने की योजना बना रहा है. यहां पर सफाई हो और मानक के अनुसार फूड कॉर्नर खुले तो शहर में घूमने और इंज्वॉय करने के लिये लोग पूरे परिवार के साथ पहुंचेंगे. बच्चों के साथ पूरे परिवार के लिये यह सुखदायी होगा.

संगीतज्ञ यशवंत पराशर कहते हैं कि मैरिन ड्राइव पर इस तरह फूड कॉर्नर विकसित किया जाये तो शहर के लिये बहुत खूबसूरत बात होगी. यहां घूमने की कोई जगह नहीं है. मैरिन ड्राइव पर एक तरफ झील का आनंद तो दूसरी तरफ मेले का लुत्फ, बहुत अच्छा लगेगा. मैरिन ड्राइव इस तरह विकसित हो जाये तो शहर के लिये बहुत सुखद बात होगी.

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